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फर्जी कागज पेश कर आरोपियों की जमानत कराने वाला हुआ गिरफ्तार, ऐसे सामने आया फर्जीवाड़ा - haryana news in hindi

पुलिस ने फर्जी कागजातों से अपराधियों की जमानत कराने वाले गिरोह का भांडाफोड़ किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपी ने खुलासा किया है कि उसी नें ड्रग तस्करी के एक आरोपी नाइजीरियन की जमानत फर्जी कागजातों से कराई थी.

FAKE BAIL GANG ARRESTED In Hisa
नाइजीरियन को छुड़वाने के मामले में कैथल के रहने वाले हरिराम को गिरफ्तार किया गया है.
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Published : Feb 23, 2022, 9:48 AM IST

हिसार: ड्रग तस्करी के आरोपी नाइजीरियन फ्रेंक जोशेफ के फर्जी कागजात के आधार पर जमानत करवाने के मामले में पुलिस पुलिस के हाथ एक बड़ा गिरोह लगा (FAKE BAIL GANG ARRESTED In Hisar) है. यह गिरोह प्रदेश में कई और भी ऐसे ही आरोपियों की फर्जी तरीके से जमानत करवा चुका है. इस गिरोह के सदस्य और हिसार अदालत में फर्जी कागज पर पेश करके नाइजीरियन को छुड़वाने के मामले में कैथल के रहने वाले हरिराम को गिरफ्तार किया गया है.


चौकी प्रभारी उप निरीक्षक पवन कुमार ने बताया कि आरोपी ने अपने साथियों सहित नाइजीरियन नागरिक फ्रैंक जोशफ की जमानत के दौरान फर्जी कागजात अदालत में पेश किए थे. फ्रैंक जोशफ को अप्रैल 2020 में हत्या के प्रयास, आपदा प्रबंधन और NDPS एक्ट के तहत बरवाला में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस टीम द्वारा की गई प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि मैं अपने आस- पड़ोस के गांव के व्यक्तियों को साथ लेकर फर्जी कागजात तैयार करवा जमानत करवाते है.

आरोपी हरिराम ने कबूला कि मैंने फर्जी फोटो और कागजात तैयार करवा अंबाला में 3 फर्जी जमानत और पंचकूला में 2 फर्जी जमानत करवाई है. फ्रेंक जोशफ की जमानत करवाने के बारे में अंबाला कोर्ट के एक वकील ने कहा था ये लोग एक फर्जी जमानत करवाने के पांच हजार रुपये तक लेते है. आरोपी को आज अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा. अभियोग में जांच जारी है.

गौरतलब है कि इस खेल में अंबाला का एक वकील ललित शामिल है. ललित इस गिरोह को ऐसे लोग ढूंढ कर देता था जिनकी जमानत कोई नहीं करवाता फिर वह इनके जरिए 5000 रुपये देकर उस व्यक्ति की जमानत करवाता था. फिलहाल ललित व अन्य आरोपी फरार हैं जिनकी तलाश पुलिस कर रही है.

ये भी पढ़ें-रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की बहन के नाम पर नौकरी का झांसा, ठगी के दो आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

कैसे सामने आया यह फर्जीवाड़ा
दरअसल हिसार जिले की बरवाला थाने दर्ज एक एनडीपीएस व हत्या के प्रयास के मुकदमे में पुलिस ने नाइजीरियन नागरिक फ्रेंक जोशेफ को अप्रेल 2020 गिरफ्तार किया था. इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. बाद में 16 जुलाई को उसे जमानत पर रिहा किया गया. सुनवाई पर न पहुंचने के कारण उसकी जमानत रद्द कर दी गई. जमानत देने वाले लोगों को कोर्ट में हाजिर होने के लिए नोटिस भेजा गया.

कोर्ट में 8 नवंबर को पेश होकर पाला राम राजकुमार और जय भगवान ने कहा कि वह कभी भी जोसेफ की जमानत के लिए कोर्ट में पेश नहीं हुए. उनके कागजात का फर्जी इस्तेमाल कोर्ट में किया गया है. फर्जी तरीके से जमानत हो जाने पर कोर्ट ने मामले में जांच के आदेश दिए. पुलिस ने जांच करते हुए पालाराम राजकुमार और जय भगवान के फर्जी कागज देने वाले और उनकी ओर से पेश होने वाले हरिराम को पकड़ा है.

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हिसार: ड्रग तस्करी के आरोपी नाइजीरियन फ्रेंक जोशेफ के फर्जी कागजात के आधार पर जमानत करवाने के मामले में पुलिस पुलिस के हाथ एक बड़ा गिरोह लगा (FAKE BAIL GANG ARRESTED In Hisar) है. यह गिरोह प्रदेश में कई और भी ऐसे ही आरोपियों की फर्जी तरीके से जमानत करवा चुका है. इस गिरोह के सदस्य और हिसार अदालत में फर्जी कागज पर पेश करके नाइजीरियन को छुड़वाने के मामले में कैथल के रहने वाले हरिराम को गिरफ्तार किया गया है.


चौकी प्रभारी उप निरीक्षक पवन कुमार ने बताया कि आरोपी ने अपने साथियों सहित नाइजीरियन नागरिक फ्रैंक जोशफ की जमानत के दौरान फर्जी कागजात अदालत में पेश किए थे. फ्रैंक जोशफ को अप्रैल 2020 में हत्या के प्रयास, आपदा प्रबंधन और NDPS एक्ट के तहत बरवाला में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस टीम द्वारा की गई प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि मैं अपने आस- पड़ोस के गांव के व्यक्तियों को साथ लेकर फर्जी कागजात तैयार करवा जमानत करवाते है.

आरोपी हरिराम ने कबूला कि मैंने फर्जी फोटो और कागजात तैयार करवा अंबाला में 3 फर्जी जमानत और पंचकूला में 2 फर्जी जमानत करवाई है. फ्रेंक जोशफ की जमानत करवाने के बारे में अंबाला कोर्ट के एक वकील ने कहा था ये लोग एक फर्जी जमानत करवाने के पांच हजार रुपये तक लेते है. आरोपी को आज अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा. अभियोग में जांच जारी है.

गौरतलब है कि इस खेल में अंबाला का एक वकील ललित शामिल है. ललित इस गिरोह को ऐसे लोग ढूंढ कर देता था जिनकी जमानत कोई नहीं करवाता फिर वह इनके जरिए 5000 रुपये देकर उस व्यक्ति की जमानत करवाता था. फिलहाल ललित व अन्य आरोपी फरार हैं जिनकी तलाश पुलिस कर रही है.

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कैसे सामने आया यह फर्जीवाड़ा
दरअसल हिसार जिले की बरवाला थाने दर्ज एक एनडीपीएस व हत्या के प्रयास के मुकदमे में पुलिस ने नाइजीरियन नागरिक फ्रेंक जोशेफ को अप्रेल 2020 गिरफ्तार किया था. इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. बाद में 16 जुलाई को उसे जमानत पर रिहा किया गया. सुनवाई पर न पहुंचने के कारण उसकी जमानत रद्द कर दी गई. जमानत देने वाले लोगों को कोर्ट में हाजिर होने के लिए नोटिस भेजा गया.

कोर्ट में 8 नवंबर को पेश होकर पाला राम राजकुमार और जय भगवान ने कहा कि वह कभी भी जोसेफ की जमानत के लिए कोर्ट में पेश नहीं हुए. उनके कागजात का फर्जी इस्तेमाल कोर्ट में किया गया है. फर्जी तरीके से जमानत हो जाने पर कोर्ट ने मामले में जांच के आदेश दिए. पुलिस ने जांच करते हुए पालाराम राजकुमार और जय भगवान के फर्जी कागज देने वाले और उनकी ओर से पेश होने वाले हरिराम को पकड़ा है.

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