ETV Bharat / state

हिसार अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में मिले ब्लैक फंगस के 9 नए मरीज - 9 नए ब्लैक फंगस मामले हिसार

कोरोना के बाद अब ब्लैक फंगस नाम का वायरस स्वास्थ्य विभाग के लिए नई चुनौती बना हुआ है. हिसार के अग्रेहा मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के 9 मामले सामने आए हैं.

Hisar Agroha Medical College
Hisar Agroha Medical College
author img

By

Published : May 17, 2021, 6:49 AM IST

हिसार: जिले में कोविड-19 घोषित अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के नौ नए मामले सामने आए हैं. चिकित्सकों के मुताबिक इन सभी मरीजों में अभी फंगल संक्रमण के लक्षणों की शुरुआत हुई है. ऐसे में इन मरीजों की हालत ठीक है. फिलहाल सभी मरीजों को एंटीफंगल दवा देकर उपचार शुरू कर दिया गया है और कुछ मरीजों में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इंजेक्शन भी लगाए गए हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार ने ब्लैक फंगस को घोषित किया अधिसूचित रोग, जानें क्या हैं लक्षण और बचाव के उपाय

9 में से आठ कोरोना संक्रमित मरीज गंभीर हालत के चलते कोविड-19 वार्ड में दाखिल हैं. ब्लैक फंगस वाले 9 मरीजों को अलग से रखा गया है. जहां पर कोरोना से रिकवर होने वाले मरीजों को रखा जाता है. इनको मिलाकर अब तक मेडिकल कॉलेज में 17 मामले आ चुके हैं.

black fungus case Hisar
ब्लैक फंगस से बचाव

मेडिकल कॉलेज के आंख रोग विभाग के एचओडी डॉ. प्रवीण कुमार का कहना है कि अभी एक मरीज का ऑपरेशन किया गया है. जिसकी नाक से फंगल का संक्रमण निकाला गया है. सोमवार को भी दो मरीजों का ऑपरेशन किया जाना है. फिलहाल ऑपरेशन से शुरुआत की गई है. यदि ऑपरेशन से ये सभी मरीज जल्दी ठीक होते हैं, तो सभी मरीजों का नाक से फंगल का संक्रमण निकालने के लिए ऑपरेशन किया जाएगा. इसका परिणाम एक या 2 दिन में ही देखने को मिल जाएगा.

black fungus case Hisar
ब्लैक फंगस के लक्षण

डॉक्टर ने कहा कि फिर इसी आधार पर सभी मरीजों का उपचार करेंगे. उन्होंने बताया कि इस फंगल संक्रमण की शुरुआत नाक से ही होती है. देरी होने के बाद ही यह संक्रमण आंखों पर असर करता है. यदि समय रहते संक्रमण का पता लिया लगा लिया जाए तो जल्द ठीक होने की संभावना रहती है. उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में जिन मरीजों का आइसोलेशन वार्ड में उपचार चल रहा है. उनमें भी फंगल संक्रमण के लक्षण मिल रहे हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में कोरोना के बाद नई बीमारी की दस्तक, निगरानी के लिए सरकार ने बनाई कमेटी

एक वह जो कोरोना से ठीक हो कर घर जा चुके हैं और उनमें भी 3 से 4 सप्ताह बाद फंगल संक्रमण के लक्षण आ रहे हैं. ऐसे मरीज जिन्होंने अभी तक टेस्ट नहीं करवाया है. उनमें भी यह लक्षण पाए जा रहे हैं. इनका पहले कोरोना टेस्ट किया जाएगा, ताकि पता चले कि कोरोना से आए हैं या नहीं. इसके बाद फंगल कल्चर टेस्ट किया जाता है. विशेषज्ञ के मुताबिक ब्लैक फंगस का पता लगाने के लिए कोविड से अलग केओएच यानी फंगल कल्चर टेस्ट करवाया जाता है.

हिसार: जिले में कोविड-19 घोषित अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के नौ नए मामले सामने आए हैं. चिकित्सकों के मुताबिक इन सभी मरीजों में अभी फंगल संक्रमण के लक्षणों की शुरुआत हुई है. ऐसे में इन मरीजों की हालत ठीक है. फिलहाल सभी मरीजों को एंटीफंगल दवा देकर उपचार शुरू कर दिया गया है और कुछ मरीजों में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इंजेक्शन भी लगाए गए हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा सरकार ने ब्लैक फंगस को घोषित किया अधिसूचित रोग, जानें क्या हैं लक्षण और बचाव के उपाय

9 में से आठ कोरोना संक्रमित मरीज गंभीर हालत के चलते कोविड-19 वार्ड में दाखिल हैं. ब्लैक फंगस वाले 9 मरीजों को अलग से रखा गया है. जहां पर कोरोना से रिकवर होने वाले मरीजों को रखा जाता है. इनको मिलाकर अब तक मेडिकल कॉलेज में 17 मामले आ चुके हैं.

black fungus case Hisar
ब्लैक फंगस से बचाव

मेडिकल कॉलेज के आंख रोग विभाग के एचओडी डॉ. प्रवीण कुमार का कहना है कि अभी एक मरीज का ऑपरेशन किया गया है. जिसकी नाक से फंगल का संक्रमण निकाला गया है. सोमवार को भी दो मरीजों का ऑपरेशन किया जाना है. फिलहाल ऑपरेशन से शुरुआत की गई है. यदि ऑपरेशन से ये सभी मरीज जल्दी ठीक होते हैं, तो सभी मरीजों का नाक से फंगल का संक्रमण निकालने के लिए ऑपरेशन किया जाएगा. इसका परिणाम एक या 2 दिन में ही देखने को मिल जाएगा.

black fungus case Hisar
ब्लैक फंगस के लक्षण

डॉक्टर ने कहा कि फिर इसी आधार पर सभी मरीजों का उपचार करेंगे. उन्होंने बताया कि इस फंगल संक्रमण की शुरुआत नाक से ही होती है. देरी होने के बाद ही यह संक्रमण आंखों पर असर करता है. यदि समय रहते संक्रमण का पता लिया लगा लिया जाए तो जल्द ठीक होने की संभावना रहती है. उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में जिन मरीजों का आइसोलेशन वार्ड में उपचार चल रहा है. उनमें भी फंगल संक्रमण के लक्षण मिल रहे हैं.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में कोरोना के बाद नई बीमारी की दस्तक, निगरानी के लिए सरकार ने बनाई कमेटी

एक वह जो कोरोना से ठीक हो कर घर जा चुके हैं और उनमें भी 3 से 4 सप्ताह बाद फंगल संक्रमण के लक्षण आ रहे हैं. ऐसे मरीज जिन्होंने अभी तक टेस्ट नहीं करवाया है. उनमें भी यह लक्षण पाए जा रहे हैं. इनका पहले कोरोना टेस्ट किया जाएगा, ताकि पता चले कि कोरोना से आए हैं या नहीं. इसके बाद फंगल कल्चर टेस्ट किया जाता है. विशेषज्ञ के मुताबिक ब्लैक फंगस का पता लगाने के लिए कोविड से अलग केओएच यानी फंगल कल्चर टेस्ट करवाया जाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.