हिसार: जिले में कोविड-19 घोषित अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के नौ नए मामले सामने आए हैं. चिकित्सकों के मुताबिक इन सभी मरीजों में अभी फंगल संक्रमण के लक्षणों की शुरुआत हुई है. ऐसे में इन मरीजों की हालत ठीक है. फिलहाल सभी मरीजों को एंटीफंगल दवा देकर उपचार शुरू कर दिया गया है और कुछ मरीजों में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए इंजेक्शन भी लगाए गए हैं.
9 में से आठ कोरोना संक्रमित मरीज गंभीर हालत के चलते कोविड-19 वार्ड में दाखिल हैं. ब्लैक फंगस वाले 9 मरीजों को अलग से रखा गया है. जहां पर कोरोना से रिकवर होने वाले मरीजों को रखा जाता है. इनको मिलाकर अब तक मेडिकल कॉलेज में 17 मामले आ चुके हैं.
मेडिकल कॉलेज के आंख रोग विभाग के एचओडी डॉ. प्रवीण कुमार का कहना है कि अभी एक मरीज का ऑपरेशन किया गया है. जिसकी नाक से फंगल का संक्रमण निकाला गया है. सोमवार को भी दो मरीजों का ऑपरेशन किया जाना है. फिलहाल ऑपरेशन से शुरुआत की गई है. यदि ऑपरेशन से ये सभी मरीज जल्दी ठीक होते हैं, तो सभी मरीजों का नाक से फंगल का संक्रमण निकालने के लिए ऑपरेशन किया जाएगा. इसका परिणाम एक या 2 दिन में ही देखने को मिल जाएगा.
डॉक्टर ने कहा कि फिर इसी आधार पर सभी मरीजों का उपचार करेंगे. उन्होंने बताया कि इस फंगल संक्रमण की शुरुआत नाक से ही होती है. देरी होने के बाद ही यह संक्रमण आंखों पर असर करता है. यदि समय रहते संक्रमण का पता लिया लगा लिया जाए तो जल्द ठीक होने की संभावना रहती है. उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज में जिन मरीजों का आइसोलेशन वार्ड में उपचार चल रहा है. उनमें भी फंगल संक्रमण के लक्षण मिल रहे हैं.
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एक वह जो कोरोना से ठीक हो कर घर जा चुके हैं और उनमें भी 3 से 4 सप्ताह बाद फंगल संक्रमण के लक्षण आ रहे हैं. ऐसे मरीज जिन्होंने अभी तक टेस्ट नहीं करवाया है. उनमें भी यह लक्षण पाए जा रहे हैं. इनका पहले कोरोना टेस्ट किया जाएगा, ताकि पता चले कि कोरोना से आए हैं या नहीं. इसके बाद फंगल कल्चर टेस्ट किया जाता है. विशेषज्ञ के मुताबिक ब्लैक फंगस का पता लगाने के लिए कोविड से अलग केओएच यानी फंगल कल्चर टेस्ट करवाया जाता है.