NEWS BY -SAJJAN KUMAR / HISAR
SLUG - SHOURT CERCUT MAMLA (APDATE)
गांव भैरी अकबरपुर में सुरेश कुमार जांगड़ा का हंसता खेलता परिवार उजड़ गया
एक ही चिता में मां और दो बेटियों का किया गया अंतिम संस्कार
उपचार के दौरान परिवार की चौथी बेटी का भी निधन
शवों पर शर्मिंदा होती मानवता, राजनीति करते रहे राजनेता
देर रात्रि 9:00 बजे किया गया अंतिम दाह संस्कार
शुक्रवार गत रात्रि भैरी अकबरपुर में शॉर्ट सर्किट के कारण हुए भीषण हादसे में मां सुमन समेत दो बेटियों की जान चली गई।
जबकि सुरेश जांगड़ा समेत परिवार के 4 सदस्य निजी अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं।
जिसमे से सुरेश के भाई प्रभु की बेटी पूजा का भी उपचार के दौरान निधन हो गया।
पूरा गांव और क्षेत्र इस समाचार से शोक में डूबा हुआ है। सुबह इस हादसे की जानकारी मिलते ही फतेहाबाद के एसपी दीपक सहारण, एसडीएम बरवाला, तहसीलदार उकलाना समेत अनेक अधिकारी एवं स्थानीय नेताओं समेत सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे।
लोगों ने इस हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया।
हिसार में शवों का पोस्टमार्टम ना होने की वजह से उन्हें अग्रोहा मेडिकल भेज दिया गया। जिसमें परिवार वालों का आरोप है कि प्रशासन ने उनकी कोई मदद नहीं की और शवों को इधर से उधर उठाने के लिए मजबूर कर दिया ।
माँ बेटियों के शव शाम को लगभग 5:00 बजे श्मशान घाट पहुंचे तो ग्रामीणों ने अंतिम दाह संस्कार करने से मना कर दिया ।
इस वक्त मौके पर उकलाना के विधायक अनूप धानक, कांग्रेस के नेता बलराज सिंह सभरवाल व अन्य दलों के नेता भी पीड़ित परिवार के साथ मौजूद रहे।
सभी ने सरकार से पीड़ित परिवार के लिए सहायता राशि, अस्पताल में उपचारधिन घायलों के इलाज का पूरा खर्चा एवं मकान और नौकरी दिए जाने की मांग की।
शव का अंतिम संस्कार करने की बात प्रशासन तक पहुंची तो हिसार के एडीसी ए एस मान अपने अन्य अधिकारियों के साथ श्मशान भूमि भैरी अकबरपुर पहुंचे ।
उनके साथ उकलाना के भाजपा के चेयरमैन श्री निवास गोयल, निगरानी कमेटी के चेयरमैन और मार्केट कमेटी के चेयरमैन समेत अनेक भाजपा के वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे।
इसके बाद एडीसी मान ने कहा कि रेड क्रॉस की तरफ से घायल हुए लोगों के इलाज का खर्चा दिया जाएगा तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पीड़ित परिवार के मकान को बना दिया जाएगा।
लेकिन इस बात पर ग्रामीण सहमत नहीं हुए और देखते ही देखते दोनों तरफ से राजनेताओं की कहासुनी होने लगी।
मांग रही कि प्रत्येक मृतक को 5 लाख और एक नौकरी भी दी जाए जिसके बाद भाजपा के नेताओं और अधिकारियों की गुप्त गू चली। गुफ्तगू चलती रही और समय बीतता रहा।
शवों पर हो रही राजनीति पर मानवता शर्मसार होती रही और राजनेता आपस में उलझते रहे।
प्रशासन की ओर से पहुंचे एडीसी मान ने पत्रकारों को कवरेज करने से रोका तो कभी चिता पर चढ़कर लोग अपनी बात कहते नजर आए।
ऐसा माहौल देखकर मानवता शर्मसार हो रही थी और अंत में लोगों का गुस्सा देखकर भाजपा नेताओं और एडीसी मान ने हाईकमान और सीएम हाउस से बात की तो प्रत्येक मृतक को 2 लाख रुपये देने की घोषणा की।
जिससे भी ग्रामीण सहमत नहीं हुए और एडीसी के आश्वासन को झूठा करार दिया।
इस के बाद जो हुआ वह तो और भी शर्मसार कर देने वाला था। अपनी घोषणा के बाद अधिकारी वहां से चले गए और लोग चिता के चारो और बैठ गए*।
इसके बाद पीड़ित परिवार से विचार-विमर्श किया गया और पीड़ित परिवार ने पूरे गांव के ऊपर फैसला छोड़ दिया । जिसके बाद कुछ समझदार लोगों की एक कमेटी बनाई गई और उन्होंने सरकार के प्रति रोष व्यक्त करते हुए रात्रि 9:00 बजे शवों का अंतिम संस्कार किया।
जनता दल जल नायक पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र लितानी और उकलाना के विधायक अनूप धानक ने सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि शवों पर भी राजनीति करने वाली सरकार को शर्म नहीं आई।
बेशर्म और अनैतिक अधिकारी भी अंतिम संस्कार से पहले चले गए। उन्होंने इस घोषणा को भी ऊंट के मुंह में जीरा करार दिया और शवों की कीमत दो लाख सरकार की तरफ से लगाने की बात कही।
बाइट अनुप धानक विधायक उकलाना
बाइट राजेन्द्र लितानी, नेता जेजेपी