हिसार: कोरोना महामारी की गाज अब टीचर्स पर गिरनी शुरू हो गई है.हांसी में यदुवंशी शिक्षा निकेतन शिक्षण संस्थान द्वारा 28 टीचर्स को बैगर वेतन दिए निकाल देने का मामला सामने आया है. नौकरी गंवाने वाले कुछ टीचर्स ने संस्थान के रवैये के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हांसी एसडीएम को शिकायत भेजी है, लेकिन नौकरी गंवा चुके टीचर्स की अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है और वो अपनी शिकायत लेकर सरकारी अफसरों के चक्कर काट रहे हैं.
टीचर्स ने शिक्षण संस्थान पर गंभीर आरोप लगाए हैं. गुरुवार को स्कूल से हटाए गए टीचर और अन्य स्टाफ के सदस्य एसडीएम डॉ. जितेंद्र सिंह के पास शिकायत लेकर पहुंचे. एसडीएम ने मामले में जांच करवाने का आश्वासन दिया है. नौकरी जाने से परेशान टीचर्स ने कहा कि वो अपनी लंबित वेतन लेकर रहेंगे. इसके लिए चाहे उन्हें कोर्ट में ही क्यों ना जाना पड़े.
इसके साथ ही टीचर्स ने आरोप लगाया कि उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया गया और पिछले कई महीने का वेतन भी बकाया है, जबकि इस अवधि में उन्होंने ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए शैक्षणिक कार्य किया है. अब अचानक नौकरी जाने से वो बेरोजगार हो गए हैं और जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है.
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टीचर्स ने कहा कि देश का भविष्य बनाने वाले अब बेरोजगार हैं. जिससे उनका जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है. उनका आरोप है कि स्कूल द्वारा सीबीएसई के नियम कायदों को भी तोड़ दिया गया है. अध्यापकों ने प्रशासन से भी मामले में संज्ञान लेने की मांग की है.