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हिसार: राष्ट्रीय लोक अदालत में 2087 मामलों का निपटान हुआ - hansi national lok adalat

हिसार और हांसी के न्यायिक परिसरों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान 2087 मुकदमों का आपसी सहमति से समाधान करवाया गया.

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Published : Dec 13, 2020, 7:57 PM IST

हिसार: हरियाणा विधिक सेवाएं प्राधिकरण (पंचकूला) के दिशा निर्देशानुसार हिसार और हांसी के न्यायिक परिसरों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस दौरान न्यायालय में चल रहे है मामलों का बड़ी संख्या में निस्तारण किया गया.

इसी प्रकार से 138 एनआई एक्ट के तहत विभिन्न मामलों, पारिवारिक, श्रम-विवाद, बिजली, बैंक रिकवरी, एमएसीटी, राजस्व तथा विभिन्न सेवाओं से संबंधित मामलों का भी आपसी सहमति के माध्यम से निपटान किया गया.

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण चेयरमैन तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार सिंघल ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान 2087 मुकदमों का आपसी सहमति से समाधान करवाया गया.

ये भी पढे़ं- नगर निगम चुनाव के लिए जेजेपी ने जारी की उम्मीदवारों की लिस्ट, जानें किसे मिला टिकट

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत विवादों के निपटान की एक वैकल्पिक व्यवस्था है, जहां विवादों का निपटारा आपसी सहमति से होता है. इस व्यवस्था में बिना कानूनी खर्च के सरलता से और त्वरित तरीके से लोगों को न्याय मिल जाता है.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अनमोल सिंह नायर ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में एमएसीटी के तहत 13 मुकदमों में लगभग 67 लाख 67 हजार की क्लेम राशि भी पास की गई है.

उन्होंने लोगों से राष्ट्रीय लोक अदालत का भरपूर लाभ उठाने का आह्वान करते हुए कहा कि लोक अदालत सस्ता और सुलभ न्याय पाने का बेहतर माध्यम है. राष्ट्रीय लोक अदालत का सबसे बड़ा लाभ ये है कि इसमें जिन मुकदमों का फैसला होता है, उनको लेकर आगे अपील नहीं की जा सकती. लोगों का लोक अदालत के प्रति रूझान बढ़ा है औरर इसमें होने वाले फैसलों के प्रति विश्वास भी जगा है.

हिसार: हरियाणा विधिक सेवाएं प्राधिकरण (पंचकूला) के दिशा निर्देशानुसार हिसार और हांसी के न्यायिक परिसरों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस दौरान न्यायालय में चल रहे है मामलों का बड़ी संख्या में निस्तारण किया गया.

इसी प्रकार से 138 एनआई एक्ट के तहत विभिन्न मामलों, पारिवारिक, श्रम-विवाद, बिजली, बैंक रिकवरी, एमएसीटी, राजस्व तथा विभिन्न सेवाओं से संबंधित मामलों का भी आपसी सहमति के माध्यम से निपटान किया गया.

जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण चेयरमैन तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार सिंघल ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान 2087 मुकदमों का आपसी सहमति से समाधान करवाया गया.

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उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत विवादों के निपटान की एक वैकल्पिक व्यवस्था है, जहां विवादों का निपटारा आपसी सहमति से होता है. इस व्यवस्था में बिना कानूनी खर्च के सरलता से और त्वरित तरीके से लोगों को न्याय मिल जाता है.

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अनमोल सिंह नायर ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में एमएसीटी के तहत 13 मुकदमों में लगभग 67 लाख 67 हजार की क्लेम राशि भी पास की गई है.

उन्होंने लोगों से राष्ट्रीय लोक अदालत का भरपूर लाभ उठाने का आह्वान करते हुए कहा कि लोक अदालत सस्ता और सुलभ न्याय पाने का बेहतर माध्यम है. राष्ट्रीय लोक अदालत का सबसे बड़ा लाभ ये है कि इसमें जिन मुकदमों का फैसला होता है, उनको लेकर आगे अपील नहीं की जा सकती. लोगों का लोक अदालत के प्रति रूझान बढ़ा है औरर इसमें होने वाले फैसलों के प्रति विश्वास भी जगा है.

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