गुरुग्राम: मध्यप्रदेश बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को मानेसर (गुरुग्राम) के आईटीसी होटल में ठहराया है. मध्यप्रदेश में चल रही सियासी उठापठक के कारण बीजेपी नहीं चाहती कि उनका कोई भी विधायक कांग्रेस के संपर्क में आए. यही कारण है कि बीजेपी ने अपने सभी विधायकों को होटल में ठहराया है. फ्लोर टेस्ट से ठीक एक दिन पहले पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सभी विधायकों से मुलाकात की.
'सरकार का गिरना तय है'
आईटीसी होटल से निकलते हुए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार विश्वास खो चुकी है. उन्होंने कहा कि सरकार अल्पमत में है और इसका गिरना तय है.
'सरकार को राज्यपाल के आदेश का पालन करना होगा'
कल होने वाले फ्लोर टेस्ट पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गवर्नर साहब के आदेश हैं उसका पालन सरकार को करना ही होगा. उन्होंने ये भी कहा कि आईटीसी होटल (मानेसर) में रुके हुए सभी विधायक उत्साह से भरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि सभी विधायक आज रात को यहां रवाना होंगे या कल सुबह मध्यप्रदेश के लिए जाएंगे, इसका अभी तय नहीं है.
सोमवार को होगा फ्लोर टेस्ट
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के तत्काल बाद विश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराने के निर्देश दिए हैं. राज्यपाल ने पत्र भेजकर शनिवार मध्यरात्रि के आसपास कमलनाथ को ये निर्देश दिए हैं.
राज्यपाल ने इस पत्र में यह भी कहा, 'मुझे सूचना मिली है कि मध्य प्रदेश विधानसभा के 22 विधायकों ने अपना त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित किया है. मुझे भी इन विधायकों ने पृथक-पृथक त्यागपत्र 10 मार्च को भेजे हैं और इन्हीं विधायकों ने अपने-अपने पत्र 13 मार्च द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष पेश होने के दौरान सुरक्षा प्रदान करने का अनुरोध किया है. 22 में से छह विधायक जो आपकी सरकार में मंत्री थे, जिन्हें आपकी अनुशंसा पर मंत्री पद से हटाया गया था, उनका त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष ने शनिवार को स्वीकार कर लिया.'
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राज्यपाल ने कहा है, 'मुझे प्रथम दृष्टया प्रतीत होता है कि आपकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और आपकी सरकार अल्पमत में है. यह स्थिति अत्यंत गंभीर है. इसलिए संवैधानिक रुप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्यक हो गया है कि 16 मार्च को मेरे अभिभाषण के तत्काल पश्चात आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें.'
ज्योतिरादित्य ने कांग्रेस छोड़ थामा है बीजेपी का दामन
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की उपेक्षा से परेशान होकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और वो बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए. उनके साथ ही मध्य प्रदेश के छह मंत्रियों सहित 22 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था, जिनमें से अधिकांश उनके कट्टर समर्थक हैं.
इन 22 विधायकों में से 19 बेंगलुरू में एक रिसॉर्ट में है, जबकि तीन विधायकों का अब तक कोई पता-ठिकाना नहीं है. इससे प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है.