गुरुग्राम: कैंसर की घातक बीमारी में इलाज के दौरान मरीजों को तमाम तरह की समस्याओं से गुजरना पड़ता है. क्योंकि कैंसर मरीजों का इलाज कीमोथेरेपी (chemotherapy for cancer patients) के जरिए किया जाता है. जिससे बाल झड़ने की समस्या आम है. लगभग हर मरीज को इस समस्या का सामना करना पड़ता है. कीमोथेरेपी के दौरान बाल झड़ने की समस्या महिला और पुरुष दोनों में हो सकती है. तमाम मरीजों में कैंसर की समस्या के कारण ही बाल झड़ने लगते हैं.
कुछ मरीजों को तो पूरी तरह से गंजेपन का शिकार होना पड़ता है, लेकिन अब गुरुग्राम के नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में स्कैल्प कूलिंग टेक्नोलॉजी (scalp cooling technology) का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिससे कैंसर से पीड़ित मरीजों को बाल झड़ने के साइड इफेक्ट से राहत मिल सकती है. दरअसल स्कैल्प कूलिंग टेक्नोलॉजी में एक कूल कैप शामिल है. जो स्कैल्प के तापमान को कम करके बालों के रोम की रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है.
जिसके परिणामस्वरूप बालों तक कीमोथेरेपी का प्रभाव काफी कम हो जाता है. इसके अलावा ठंडे बालों के रोम निष्क्रिय हो जाते हैं, जिससे वे उपचार के प्रति कम संवेदनशील हो जाते हैं. इस तकनीक से बालों के झड़ने को कम किया जा सकता है और बाल 2-3 गुना तेजी से दोबारा उगते हैं. ये तकनीक अब गुरुग्राम के नारायणा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल (Narayan Super specialty Hospital Gurugram) में उपलब्ध है.
भारत में कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. हर साल कैंसर से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है और कैंसर से पीड़ित हर व्यक्ति को इस बात का डर सताता है कि इलाज को सहने के अलावा और क्या दिक्कतें हो सकती हैं. एक महिला पेशेंट के लिये कैंसर के इलाज के दौरान उससे होने वाली दिक्कतें काफी डरावनी होती हैं. अब 'स्कैल्प कूलिंग तकनीक' न केवल बालों को बनाए रखने में मदद कर सकती है, बल्कि पेशेंट के आत्मविश्वास और गर्व की भावना को भी बढ़ा सकती है.
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