गुरुग्रामः हरियाणा में जहां लोग बरसात (Rain in Haryana) से परेशान हैं वहीं बिजली के कटों ने भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं. गुरुग्राम के सोहना में भी लोग बिजली के गुल होने से परेशान हैं. दोहला रोड स्थित एमवीएन सोसाइटी में बरसात आफत बनकर आई है. वीरवार को बरसात शुरू होने के साथ ही सोसाइटी की बिजली गुल (power cut in gurugram) हो गई जो अब तक दुरुस्त नहीं हो पाई है. बिजली न होने के कारण सोसाइटी के लोगों को पीने के लिए पानी भी नसीब नहीं हो रहा है.
बिजली न होने के कारण ऑफिस के काम के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो गई है. एमवीएन एथेंस सोसाइटी गुरुग्राम (MVN Athens Society Gurugram) में रहे रहे लोगों का कहना है कि आंधी-तूफान से बिजली के खंभे टूटे गए हैं. जिसके कारण तीन दिनों से बिजली नहीं आ रही है. उनका कहना है कि इनकी मरम्मत कौन करेगा और बिजली दुरुस्त कब होगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है. न सोसाइटी की मैनेजमेंट और न ही बिजली निगम बिजली को ठीक कर रहा है. सोसाइटी मैनेजमेंट मनमर्जी से कुछ देर के लिए जनरेटर चलाती है.
स्थानीय निवासियों का कहना है कि सोसाइटी मेंं करीब 550 परिवार रहते हैं. शहर में बिजली की समस्या (power problem in gurugram) कोई नई नहीं है. पहले भी कई बार बिजली गुल रही है. अधिकारियों से शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती. अफोर्डेबल सोसाइटी के नाम पर लोगों की जमापूंजी तो ले ली गई है लेकिन उन्हें कोई सुविधा नहीं दी गई है. पीने के लिए पानी तक बाजार से खरीदना पड़ता है. इससे पहले भी सोसाइटी में कई बार तीन दिन तक बिजली गुल रह चुकी है.
सोसाइटी निवासियों ने बताया कि उन्हें बिजली निमोठ सब स्टेशन से दी जा रही है. ज्यादातर समय उनकी सोसाइटी में बिजली आती ही नहीं है. जब भी लाइन में कोई फाल्ट आता है तो 11 किलोमीटर लंबी लाइन को चेक करने में समय निकल जाता है. बिजली न आने की शिकायत बिजली निगम में कर चुके हैं लेकिन कभी अधिकारी छुट्टी होने की बात कह देते हैं तो कभी कोई दूसरा बहाना बना देते हैं.
दरअसल गुरुग्राम की सोसाइटियों में बिल्डर द्वारा कंस्ट्रक्शन के नाम पर बिजली कनेक्शन लिया था. कंस्ट्रक्शन पूरा होने के बाद बिजली कनेक्शन का न तो लोड बढ़वाया गया और न ही सब स्टेशन तैयार किया गया. जिसका खामियाजा अब लोगों को बिजली कटोती का दंश झेलकर भुगतना पड़ रहा है. बिजली न होने के कारण वर्क फ्रॉम होम करने वालों को भी दिक्कत हो ही रही है. घरेलू कामकाज भी ठप हैं. देखना होगा कि लोगों की समस्या का समाधान करने के लिए प्रशासन कितना वक्त लेता है.
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