गुरुग्राम: किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने एक बार फिर बीजेपी को आड़े हाथों लिया है. रविवार को गुरुग्राम पहुंचे चढूनी ने कहा कि पहले गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के साथ मारपीट की साजिश और उसके बाद सिंधु बॉर्डर पर किसानों के टेंट पर पत्थरबाजी की घटनाएं योजनाबद्ध तरीके से बीजेपी के नेता करवा रहें हैं.
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चढूनी ने कहा कि इन नेताओं की ये मंशा है कि किसी तरह आंदोलन को प्रभावित कर दोनों पक्षों में झगड़े कराए जाएं और दंगे की स्थिति उत्पन्न हो जिससे किसानों की छवि को आम जनता की नजरों में धूमिल किया जा सके.
गुरनाम चढूनी ने कहा कि 26 जनवरी से पहले और 26 जनवरी के बाद भी सैकड़ों मामले किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं. लेकिन गाजियाबाद के बीजेपी विधायक ने सरे आम कैमरे के सामने भड़काऊ भाषण दिए मगर उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया.
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चढूनी ने कहा कि सिंघु बॉर्डर पर पत्थरबाजी की घटना में ये साफ हो गया है कि इसके पीछे बीजेपी और आरएसएस के लोग शामिल है. उनकी फोटो तक बीजेपी के गृह मंत्री और अन्य नेताओं के साथ सार्वजनिक हुई, लेकिन उस घटना के बाद भी पुलिस ने किसी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नही किया.
दीप सिद्धू के खुलासे करने के बयान पर गुरनाम चढूनी ने कहा कि अगर दीप सिद्धू के पास कोई भी सबूत है तो उसे अब तक सामने क्यों नहीं लाया जा रहा. उन्होंने कहा कि इससे साफ जाहिर हो रहा है कि दीप सिद्धू झूठ बोल रहा है.
लापता लोगों के बारे में जानकारी दे पुलिस: चढूनी
वहीं 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के बाद कई लोगों के लापता होने के बाद किसान नेताओं के पास कई फोन आ चुकें हैं. चढूने ने दिल्ली पुलिस ने अपील की है कि जिन लोगों को भी उन्होंने हिरासत में लिया है उनके बारे में जानकारी दी जाए ताकि उन लोगों के परिजनों को उनकी खबर मिल सकें.
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वहीं पीएम के आश्वासन के बाद भी किसानों को सरकार की मंशा पर भरोसा नहीं है. किसान नेताओं की मानें तो पहले भी कई दौर की बातचीत सरकार के साथ हो चुकी है लेकिन सरकार ने अपनी मंशा को तीनों कानूनों को रद्द न करके इस साफ कर दिया है. अब ऐसे में बजट सत्र के दौरान क्या कुछ चर्चा सदन के पटल पर इन तीनों बिलों को लेकर की जाती है इस पर उनकी नजरें जरूर बनी हुई हैं.