गुरुग्राम: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar Lal) ने बुधवार शाम गुरुग्राम के सेक्टर-44 स्थित अपैरल हाउस में आयोजित ग्रीवेंस कमेटी बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण की खतरनाक होती स्थिति को (Delhi air pollution) नियंत्रित करने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है. इसी दिशा में एक कमेटी बनाई गई है जिसमें नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त व जिला उपायुक्त के अलावा संबंधित विभागों के अधिकारी एवं इंजीनियर्स शामिल किए गए हैं.
सीएम ने कहा कि कमेटी प्रदूषण को कम करने को लेकर मंथन करके उपाय सुझाएगी. यही नहीं हरियाणा में ऑड-ईवन नियम (haryana odd even rule) भी लागू करने के ऊपर विचार किया जा रहा है. इसके अलावा, उच्चतम न्यायालय की हिदायतों का दृढ़ता से पालन होगा. गौरतलब है कि बढ़ते प्रदूषण के कारण हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम, सोनीपत, झज्जर और फरीदाबाद में स्कूलों को भी बंद कर दिया है. इसके अलावा इन जिलों में निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी गई है.
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दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) के कारण हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. वहीं दिल्ली सरकार द्वारा बार-बार हरियाणा और पंजाब (Haryana And Punjab stubble burning) को दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कई बार हरियाणा और पंजाब में किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली (Haryana And Punjab stubble burning) को दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का मुख्य कारण बता चुके हैं.
दिल्ली और एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई चल रही है. बुधवार को भी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. इस दौरान कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली, दोनों सरकारों को कठघरे में खड़ा किया. सीजेआई ने दिल्ली सरकार से पूछा कि क्या कदम उठाए जा रहे हैं, क्या आपने अखबार देखे हैं, हर अखबार का अलग आंकड़ा है. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आखिर किसान को पराली जलाना क्यों पड़ता है? पांच सितारा होटल में एसी में बैठकर किसानों को दोष देना बहुत आसान है. आप किसानों को मशीन मुहैया कराने की क्षमता रखते हैं. सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 23 नवंबर को करेगा.
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