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अरावली वन क्षेत्र से अवैध निर्माण हटाने को लेकर एनजीटी ने हरियाणा सरकार को दिया निर्देश

अरावली वन क्षेत्र से अवैध निर्माण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने हरियाणा सरकार को ये निर्देश दिया है कि वो अरावली के जंगलों से अनाधिकृत निर्माण हटाने के लिए तत्काल कदम उठाए.

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Published : Aug 27, 2020, 10:26 PM IST

ngt order to haryana government for take immediate steps to remove illegal construction in aravalli forest area
अरावली वन क्षेत्र से अवैध निर्माण हटाने को लेकर एनजीटी ने हरियाणा सरकार को दिया निर्देश

गुरुग्राम/नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वो अरावली के जंगलों से अनाधिकृत निर्माणों को हटाने के लिए तत्काल कदम उठाए. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने हरियाणा सरकार की इस दलील पर गौर किया कि अरावली में वनक्षेत्र की पहचान कर ली गई है और अतिक्रमण हटाने में कुछ समय लगेगा.

अरावली वन क्षेत्र से अवैध निर्माण हटाने को लेकर एनजीटी ने हरियाणा सरकार को दिया निर्देश

बता दें कि याचिका हरियाणा निवासी सोनिया घोष ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि अरावली वन क्षेत्र में अवैध निर्माण तेजी से हो रहा है. इन अवैध निर्माणों पर रोक लगाने के लिए एनजीटी को पर्याप्त कदम उठाने की जरुरत है. सुनवाई के दौरान एनजीटी ने अरावली के दस फार्महाउसों की याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश में पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया. एनजीटी ने कहा कि उनके फार्महाउस वनक्षेत्र में हैं और वहां किया गया निर्माण गैरकानूनी है.

वनक्षेत्र की पहचान की गई है: हरियाणा सरकार
सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा कि वनक्षेत्र की पहचान करने के लिए जिला स्तरीय कमेटी बनाई गई है. जिला स्तरीय कमेटियों ने अपनी रिपोर्ट भी सौंपी है. हरियाणा सरकार ने कहा कि गुरुग्राम जिला की रिपोर्ट उपायुक्त ने सौंपी है. रिपोर्ट में अरावली फॉरेस्ट में पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक वनक्षेत्र की पहचान के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया गया है.

अवैध निर्माण करने वालों को कारण बताओ नोटिस
हरियाणा सरकार ने कहा कि राजस्व के रिकॉर्ड को दुरुस्त करने के लिए कदम उठाए गए हैं. जिन लोगों ने कानून का उल्लंघन कर निर्माण किया है उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. फार्म हाउस और अवैध निर्माण करनेवालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

ये भी पढ़ें: CRIB हिसार ने तैयार की पशुओं के लिए प्रेग्नेंसी किट, 30 मिनट में होगी जांच

गुरुग्राम/नई दिल्ली: नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया है कि वो अरावली के जंगलों से अनाधिकृत निर्माणों को हटाने के लिए तत्काल कदम उठाए. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने हरियाणा सरकार की इस दलील पर गौर किया कि अरावली में वनक्षेत्र की पहचान कर ली गई है और अतिक्रमण हटाने में कुछ समय लगेगा.

अरावली वन क्षेत्र से अवैध निर्माण हटाने को लेकर एनजीटी ने हरियाणा सरकार को दिया निर्देश

बता दें कि याचिका हरियाणा निवासी सोनिया घोष ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि अरावली वन क्षेत्र में अवैध निर्माण तेजी से हो रहा है. इन अवैध निर्माणों पर रोक लगाने के लिए एनजीटी को पर्याप्त कदम उठाने की जरुरत है. सुनवाई के दौरान एनजीटी ने अरावली के दस फार्महाउसों की याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश में पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया. एनजीटी ने कहा कि उनके फार्महाउस वनक्षेत्र में हैं और वहां किया गया निर्माण गैरकानूनी है.

वनक्षेत्र की पहचान की गई है: हरियाणा सरकार
सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार ने कहा कि वनक्षेत्र की पहचान करने के लिए जिला स्तरीय कमेटी बनाई गई है. जिला स्तरीय कमेटियों ने अपनी रिपोर्ट भी सौंपी है. हरियाणा सरकार ने कहा कि गुरुग्राम जिला की रिपोर्ट उपायुक्त ने सौंपी है. रिपोर्ट में अरावली फॉरेस्ट में पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक वनक्षेत्र की पहचान के लिए उठाए गए कदमों का जिक्र किया गया है.

अवैध निर्माण करने वालों को कारण बताओ नोटिस
हरियाणा सरकार ने कहा कि राजस्व के रिकॉर्ड को दुरुस्त करने के लिए कदम उठाए गए हैं. जिन लोगों ने कानून का उल्लंघन कर निर्माण किया है उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. फार्म हाउस और अवैध निर्माण करनेवालों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

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