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हरियाणा: कई राज्यों की सरकारी वेबसाइट हैक करने वाले नेटवर्क का भंडाफोड़, दो गुर्गे गिरफ्तार

Accuse Arrested For Making Fake Certificate: हरियाणा की करनाल साइबर क्राइम पुलिस ने एक ऐसे नेटवर्क का भंडाफोड किया है जो अलग-अलग राज्यों में सरकारी वेबसाइट हैक कर फर्जी प्रमाण पत्र जारी करते थे. इस गैंग के मेंबर लोगों को ढूंढते थे जो कि प्रमाण पत्र बनवाने के लिए मुंहमांगा पैसा देने के लिए तैयार रहते थे.

fake birth and death certificate news
सरकारी वेबसाइट हैक कर फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले आरोपी गिरफ्तार
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Published : Nov 3, 2021, 3:32 PM IST

Updated : Nov 3, 2021, 3:45 PM IST

करनाल: पुलिस रेंज करनाल के साइबर क्राइम पुलिस (Karnal Cyber Crime Police) बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. साइबर क्राइम पुलिस ने वेबसाइट हैक करके फर्जी जन्म एवं मृत्यू सर्टिफिकेट (Birth And Death Certificate) बनाने वाले दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस वारदात के बारे में करनाल सिविल सर्जन ने साइबर पुलिस को शिकायत दी थी.

करनाल सिविल सर्जन के मुताबिक जन्म एवं मृत्यू सर्टिफिकेट पंजीकरण इकाई के ई-मेल आईडी और पासवर्ड विभाग के इंचार्ज और कर्मचारियों के अलावा किसी भी अन्य शख्स के साथ साझा नहीं किये जाते हैं, फिर भी आरोपी आईडी और पासवर्ड के जरिए वेबसाइट को हैक कर गलत इस्तेमाल कर रहे थे. आरोपियों ने फर्जी हस्ताक्षर अपलोड करके ऑनलाइन जन्म एवं मृत्यू सर्टिफिकेट जारी किये थे.

मामले में प्रभावी कार्यवाही करते हुए साइबर क्राइम टीम ने दो आरोपी भाइयों आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपियों के कब्जे से दो लैपटॉप, दो मोबाइल फोन, एक सीपीयू, एक मोरपो और एक एटीएम कार्ड बरामद किया. आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि इन्होंने हरियाणा, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व अन्य कई राज्यों की वेबसाइट हैक करके करीब 800 फर्जी जन्म एवं मृत्यू सर्टिफिकेट जारी किये जा चुके हैं.

ये पढ़ें- सिरफिरे फूफा की खौफनाक करतूत, 4 साल के भतीजे पर पेट्रोल डालकर जलाया जिंदा

जांच में खुलासा हुआ कि इस फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने के कार्य के लिए आरोपियों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर एक व्हॉट्सऐप ग्रुप बनाया हुआ था. जैसे ही कोई शख्स जन्म एवं मृत्यू सर्टिफिकेट बनवाने के लिये इनके सम्पर्क में आता तो वह उसका मैसेज इस मैसेजिंग ग्रुप में डाल देते और मध्य प्रदेश का रहने वाला विकास नाम का व्यक्ति वेबसाइट हैक करके उसका लिंक इस ग्रुप में भेज देता था.

बताया जा रहा है कि आरोपी फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने की ऐवज में मनचाहे रुपये वसूलते थे. आरोपी पेटीएम या किसी दूसरे डिजिटल माध्यम से अपने खाते में रुपये डलवाते थे. आरोपियों को आज अदालत में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेजा गया. फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने की वारदात में संलिप्त मास्टर मांइड आरोपी और बाकी संलिप्त आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं. इन आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा.

ये भी पढ़ें : सनसनीखेजः गुरुग्राम में युवक की गोली मारकर हत्या, जांच में जुटी पुलिस

करनाल: पुलिस रेंज करनाल के साइबर क्राइम पुलिस (Karnal Cyber Crime Police) बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. साइबर क्राइम पुलिस ने वेबसाइट हैक करके फर्जी जन्म एवं मृत्यू सर्टिफिकेट (Birth And Death Certificate) बनाने वाले दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस वारदात के बारे में करनाल सिविल सर्जन ने साइबर पुलिस को शिकायत दी थी.

करनाल सिविल सर्जन के मुताबिक जन्म एवं मृत्यू सर्टिफिकेट पंजीकरण इकाई के ई-मेल आईडी और पासवर्ड विभाग के इंचार्ज और कर्मचारियों के अलावा किसी भी अन्य शख्स के साथ साझा नहीं किये जाते हैं, फिर भी आरोपी आईडी और पासवर्ड के जरिए वेबसाइट को हैक कर गलत इस्तेमाल कर रहे थे. आरोपियों ने फर्जी हस्ताक्षर अपलोड करके ऑनलाइन जन्म एवं मृत्यू सर्टिफिकेट जारी किये थे.

मामले में प्रभावी कार्यवाही करते हुए साइबर क्राइम टीम ने दो आरोपी भाइयों आरोपियों को गिरफ्तार किया. आरोपियों के कब्जे से दो लैपटॉप, दो मोबाइल फोन, एक सीपीयू, एक मोरपो और एक एटीएम कार्ड बरामद किया. आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ कि इन्होंने हरियाणा, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश व अन्य कई राज्यों की वेबसाइट हैक करके करीब 800 फर्जी जन्म एवं मृत्यू सर्टिफिकेट जारी किये जा चुके हैं.

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जांच में खुलासा हुआ कि इस फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने के कार्य के लिए आरोपियों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर एक व्हॉट्सऐप ग्रुप बनाया हुआ था. जैसे ही कोई शख्स जन्म एवं मृत्यू सर्टिफिकेट बनवाने के लिये इनके सम्पर्क में आता तो वह उसका मैसेज इस मैसेजिंग ग्रुप में डाल देते और मध्य प्रदेश का रहने वाला विकास नाम का व्यक्ति वेबसाइट हैक करके उसका लिंक इस ग्रुप में भेज देता था.

बताया जा रहा है कि आरोपी फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने की ऐवज में मनचाहे रुपये वसूलते थे. आरोपी पेटीएम या किसी दूसरे डिजिटल माध्यम से अपने खाते में रुपये डलवाते थे. आरोपियों को आज अदालत में पेश करके न्यायिक हिरासत में भेजा गया. फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने की वारदात में संलिप्त मास्टर मांइड आरोपी और बाकी संलिप्त आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं. इन आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा.

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Last Updated : Nov 3, 2021, 3:45 PM IST
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