गुरुग्राम: एक तरफ मानेसर नगर निगम को भंग करने के लिए महापंचायत की जा रही है तो वहीं दूसरी ओर अब पटौदी नगर परिषद में गांव को शामिल न करने के लिए अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है. ये अनिश्चितकालीन धरना पटौदी के जनौला गांव के लोग दे रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन को आपत्ति दर्ज कराने के बाद भी गांव को नगर परिषद में शामिल कर दिया गया. गांव वालों का कहना है कि नगर परिषद में गांव के शामिल होने के बाद उन पर कई तरह के टैक्स लगा दिए जाएंगे साथ ही गांव का विकास भी नहीं हो पाएगा.
भूख हड़ताल पर बैठे एक युवक की शनिवार रात को तबीयत खराब हो गई थी, उसको अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. जहा डॉक्टरों ने उन्हें खाना खाने के लिए बोला लेकिन युवक ने साफ कहा कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक वह 'अन्न' का एक भी दाना नहीं लेगा. युवक का कहना है कि सैनिक देश के लिए जान देते हैं, हम अपने गांव के लिए जान देंगे.
दरअसल पटौदी नगर परिषद में 10 गांव शामिल किए गए हैं, जिसमें जनौला गांव भी शामिल है. ग्रामीणों का आरोप है कि नगर परिषद में शामिल होने के बाद गांव के विकास कार्यों में काफी अड़चनें आएंगी. ग्रामीणों का यह भी कहना है इस पूरे मामले को लेकर जिला प्रशासन को ग्रामीणों ने आपत्ति भी दर्ज कराई गई थी, लेकिन इसके बावजूद गांव को नगर परिषद में शामिल किया गया है.
गांव वालों ने कहा कि एसडीएम को ज्ञापन सौंपने के बाद भी इस पूरे मामले पर कोई सुनवाई नहीं हुई है. जिसके बाद ग्रामीण गांव के बाहर ही अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. ग्रामीणों ने साफ कर दिया है जब तक उनके गांव को नगर परिषद से बाहर नहीं किया जाता और उनकी मांगे नहीं मानी जाती। तब तक वह अनिश्चितकालीन धरने और भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे.
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