गुरुग्राम: देश का आम बजट एक फरवरी को आ रहा है. सभी को इस बजट से राहत की उम्मीद है. कोई टैक्स में छूट चाहता है तो कोई बिजनेस बढ़ाने या शुरू करने के लिए इस बजट से महत्वपूर्ण घोषणाओं की उम्मीद लगाए हुए हैं. प्रधानमंत्री द्वारा 'मेड इन इंडिया अभियान' शुरू किया गया था और आज देश में अनेकों स्टार्टअप्स हैं. शायद यही वजह है कि स्टार्टअप को बीते एक दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए नया ईंधन माना जाता है. कोरोना की समाप्ति के बाद स्टार्टअप जगत की हालत काफी पतली है. इसलिए इस बजट से स्टार्टअप और बिजनेस को आम बजट से उम्मीदें बहुत हैं.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करने वाली हैं. जहां देश की आर्थिक रीढ़ कहे जाने वाले इंडस्ट्रियल सेक्टर को इस आम बजट से काफी उम्मीदें हैं तो वहीं स्टार्टअप भी बजट से बेहद अपेक्षाएं कर रहा है. गुरुग्राम में स्थित 3SC सप्लाई चेन सॉल्यूशन के CFO हरदीप सिंह की माने तो इस बार मध्यम वर्ग बजट में टैक्स स्लैब में राहत की उम्मीद कर रहे हैं.
वहीं, स्टार्टअप्स को सरकारी सुविधाएं बेहतर मिल सके, इसके लिए स्टार्टअप के लिए अलग से बजट होना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश के स्टार्टअप कोरोना की वजह से आर्थिक तंगी में चल रहे हैं. उनको आर्थिक सहायता के साथ-साथ कम दरों पर लोन की व्यवस्था के प्रावधान बजट में किए जाने चाहिए. माना जा रहा है कि इस बार बजट में केंद्र सरकार स्टार्टअप (Startup) के लिए कोई बड़ी घोषणा कर सकती है. सभी सेक्टर से जुड़े लोग अलग-अलग तरह की उम्मीद कर रहे हैं.
बजट में टैक्स स्लैब में राहत की उम्मीद: सरकार से मध्यम वर्ग इस बजट में टैक्स स्लैब में छूट का दायरा बढ़ाने की उम्मीद कर रहा है. जिससे मध्यम वर्ग की बचत बढ़ सके. वर्तमान में टैक्स स्लैब में 2.5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है. वहीं 2.5 लाख से 5 लाख तक पांच प्रतिशत व 5 से 7.5 लाख तक 15 प्रतिशत टैक्स लगता है. नौकरीपेशा वर्ग भी सरकार से 80C के तहत छूट का दायरा बढ़ाए जाने की उम्मीद कर रहा है.
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कृषि उत्पादों पर जीएसटी पर मिले छूट: देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का बहुत बड़ा योगदान है. ऐसे में सरकार किसानों को राहत देने के लिए कोई बड़ा ऐलान कर सकती है. सरकार ने कई बार किसानों की आय बढ़ाने को लेकर कदम उठाने की बात कही है, ऐसे में कृषि क्षेत्र में जीएसटी पर छूट दे सकती है. इसमें कृषि आधारित स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए भी कोई घोषणा हो सकती है.
रोजगार के अवसर बढ़ाने पर फोकस: देश में बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार इस बजट में रोजगार सृजन पर फोकस कर सकती है. इसके लिए ऐसी घोषणाएं की जा सकती हैं, जिससे निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़े. मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया को बढ़ावा देने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए जा सकते हैं.