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गुरुग्राम: डीपीएस से निकाले गए कर्मचारी धरने पर बैठे

गुरुग्राम स्थित डीपीएस स्कूल से निकाले गए कर्मचारी हड़ताल पर बैठे. कैबिनेट मंत्री तक लगाई गुहार लेकिन नहीं हुआ समाधान.

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Published : Jul 12, 2019, 1:28 PM IST

धरने पर बैठे कर्मचारी

गुरुग्राम: दिल्ली पब्लिक स्कूल के कर्मचारी स्कूल के सामने हड़ताल पर बैठे हैं. कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें बेवजह स्कूल से निकाला गया है जबकि सभी कर्मचारी सालों से स्कूल में कार्यरत थे. सेक्टर-45 स्थित डीपीएस के 150 कर्मचारीयों को 1 महीने पहले स्कूल से निकाल दिया गया था. जिनमें से ज्यादातर कर्मचारी बस ड्राइवर और कंडक्टर हैं.

देखें वीडियो

कर्मचारियों का आरोप है कि उनको बेवजह स्कूल से निकाला गया है जबकि ज्यादातर कर्मचारी ऐसे हैं जो पिछले 10 से 15 साल से स्कूल में काम कर रहे हैं. कर्मचारियों की लगातार बढ़ रही वेतन की मांग को देखते हुए कर्मचारियों के साथ ऐसा किया है. यहां तक कि कर्मचारियों ने कैबिनेट मंत्री तक अपनी गुहार लगाई लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है.

प्रशासन गौर करे

प्रशासन को गौर करना चाहिए कि जो स्कूल की तरफ से ड्राइवर और कंडक्टर रखे गए हैं उनके पास कोई मेडिकल या रेडक्रॉस ट्रेनिंग नहीं है. इससे नियमों का उल्लंघन न बल्कि स्कूली बच्चों के लिए भी खतरा हैं.
लेकिन अब स्कूल में जो नए कर्मचारी काम कर रहे हैं उनके पास प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से कोई भी लेटर नहीं है. इसके साथ-साथ अब स्कूल से निकाले गए सभी कर्मचारियों ने निर्णय लिया है कि उनकी समस्या का समाधान जब तक नहीं होता वो इसी तरह धरने पर बैठे रहेंगे.

गुरुग्राम: दिल्ली पब्लिक स्कूल के कर्मचारी स्कूल के सामने हड़ताल पर बैठे हैं. कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें बेवजह स्कूल से निकाला गया है जबकि सभी कर्मचारी सालों से स्कूल में कार्यरत थे. सेक्टर-45 स्थित डीपीएस के 150 कर्मचारीयों को 1 महीने पहले स्कूल से निकाल दिया गया था. जिनमें से ज्यादातर कर्मचारी बस ड्राइवर और कंडक्टर हैं.

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कर्मचारियों का आरोप है कि उनको बेवजह स्कूल से निकाला गया है जबकि ज्यादातर कर्मचारी ऐसे हैं जो पिछले 10 से 15 साल से स्कूल में काम कर रहे हैं. कर्मचारियों की लगातार बढ़ रही वेतन की मांग को देखते हुए कर्मचारियों के साथ ऐसा किया है. यहां तक कि कर्मचारियों ने कैबिनेट मंत्री तक अपनी गुहार लगाई लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है.

प्रशासन गौर करे

प्रशासन को गौर करना चाहिए कि जो स्कूल की तरफ से ड्राइवर और कंडक्टर रखे गए हैं उनके पास कोई मेडिकल या रेडक्रॉस ट्रेनिंग नहीं है. इससे नियमों का उल्लंघन न बल्कि स्कूली बच्चों के लिए भी खतरा हैं.
लेकिन अब स्कूल में जो नए कर्मचारी काम कर रहे हैं उनके पास प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से कोई भी लेटर नहीं है. इसके साथ-साथ अब स्कूल से निकाले गए सभी कर्मचारियों ने निर्णय लिया है कि उनकी समस्या का समाधान जब तक नहीं होता वो इसी तरह धरने पर बैठे रहेंगे.

Intro:गुरुग्राम के सेक्टर 45 स्थित डीपीएस स्कूल से निकाले कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए है....कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें बेवजह स्कूल से निकाला गया है.... जबकि सभी कर्मचारी सालों से स्कूल में कार्यरत थे....Body:डीपीएस स्कूल से निकाले गए सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर स्कूल के सामने बैठ गए हैं सेक्टर 45 स्थित डीपीएस स्कूल के 150 कर्मचारी 1 महीने पहले स्कूल से निकाल दिए गए थे... इसमें अधिकांश कर्मचारी बस ड्राइवर और कंडक्टर है कर्मचारियों का आरोप है कि उनको बेवजह स्कूल से निकाला गया जबकि इन कर्मचारियों में अधिकांश कर्मचारी ऐसे हैं जो पिछले 10 से 15 सालों से स्कूल में काम कर रहे हैं लेकिन कर्मचारियों की लगातार बढ़ रहे वेतन को देखते हुए कर्मचारियों के साथ ऐसा किया है... कर्मचारियों ने प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर कैबिनेट मंत्री तक अपनी गुहार लगाई लेकिन अभी तक किसी तरह का कोई समाधान नहीं निकला है...

बाइट= रामबीर सिंह, पूर्व स्कूल कर्मचारी
बाइट=दीपक राघव, पूर्व कर्मचारीConclusion:वहीं कर्मचारियों का आरोप है कि अब जो नए ड्राइवर और कंडक्टर स्कूल की तरफ से रखे गए हैं उनके पास अधिकांश ऐसे ड्राइवर हैं जो बिना मेडिकल बिना रेडक्रॉस ट्रेनिंग और उनके पास 5 साल से कम अनुभव है और वह बस चला रहे हैं जिससे सुरक्षा के मापदंडों को भी ताक पर रखकर स्कूल चल रहा है इससे नियमों का भी उल्लंघन नहीं बल्कि सुरक्षा के लिहाज से इन बसों में जाने वाले स्कूली बच्चों के लिए भी खतरा है जिस पर प्रशासन को गौर करना चाहिए फिलहाल इन कर्मचारियों का यह कहना है कि उन्हें सरकार की तरफ से जो ट्रेनिंग दी गई थी प्रशासनिक अधिकारियों की तरफ से जो नियम बताए गए थे बकायदा उसके लिए वेरिफिकेशन भी हुआ था लेकिन अब स्कूल में जो नए कर्मचारी काम कर रहे हैं उसमें से अधिकांश ऐसे कर्मचारी और ड्राइवर हैं जिनके पास इस तरह का कोई भी लेटर नहीं है इसके साथ-साथ अब स्कूल से निकाले गए सभी कर्मचारियों ने निर्णय लिया है कि उनकी समस्या का समाधान जब तक नहीं होता या उन्हें वापस नहीं लिया जाता वह इसी तरह धरने पर बैठे रहेंगे

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