गुरुग्राम: दिल्ली सहित NCR इलाक में भी हवा गुणवत्ता पहले के मुकाबले काफी बेहतर हो गई है. एयर क्वालिटी इंडेक्स में काफी सुधार हुआ है. गुरुग्राम का प्रदूषण का स्तर 75 हो चुका है। जो कि गुरूग्राम वासियों के लिए कहीं ना कहीं राहत भरी खबर है. इतना ही नहीं दुर्घटनाओं पर भी कोरोना वायरस ने रोक लगा दी है. पिछले छह-सात दिनों से पूरे जिले में मोटरसाइकिल, स्कूटर से लेकर सभी तरह के वाहनों के परिचालन पर प्रशासन ने पूरी तरह रोक लगा दी है.
इस कारण हर दिन वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण से लोगों को काफी हद तक मुक्ति मिली है. आमतौर पर जिले में हर दिन पांच-सात हजार छोटी-बड़ी गाड़ियों का परिचालन होता है. इससे ध्वनि प्रदूषण के साथ ही धूलकण और धुएं से पूरे इलाके के पर्यावरण पर गंभीर संकट पैदा होता रहता है. लॉकडाउन के कारण लोगों को इससे मुक्ति मिल गयी है. अब सड़कों पर न वाहनों का शोर सुनाई दे रहा है और न ही सड़कों पर धूल उड़ती नजर आ रही है.
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आमतौर पर साइबर सिटी की सड़कों पर ट्रैफिक लोड होने, इमारतों के निर्माण से उड़ने वाली धूल, इंडस्ट्रियल यूनिट होने के कारण प्रदूषण का स्तर 300 से 350 या इससे भी ज्यादा रहता है. वहीं सर्दी के दिनों में तो प्रदूषण में कई गुना इजाफा हो जाता और प्रदूषण कम करने के लिए मजबूरी में ग्रेप लागू करना पड़ता है लेकिन लॉक डाउन की वजह से गुरुग्राम की आबोहवा फिलहाल स्वच्छ हो चुकी है.