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गुरुग्राम में सैंपल लेने के लिए लैब को ड्रोन उड़ाना पड़ा भारी, पुलिस ने किया जब्त

गुरुग्राम के सेक्टर-17 इलाके में एयरफोर्स स्टेशन के नजदीक से शनिवार को एक ड्रोन जाता दिखा. एयरफोर्स के जवानों की नजर इस ड्रोन पर पड़ी. जिसके बाद एयरफोर्स के अधिकारियों की तरफ से पुलिस को सूचना दी गई. पुलिस ने इस ड्रोन को सेक्टर-18 में स्थित एसआरएल डाइग्नोस्टिक लैब से बरामद किया.

gurugram sample collection by drone
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Published : Apr 11, 2022, 5:47 PM IST

गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम में अस्पताल से सैंपल कलेक्शन के लिए ड्रोन का प्रयोग (gurugram sample collection by drone) करना एक लैब को भारी पड़ गया. एयरफोर्स के प्रतिबंधित एरिया में इस ड्रोन को उड़ाने के मामले में एयरफोर्स अधिकारियों की तरफ से लैब और ड्रोन संचालक कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है. दरअसल, गुरुग्राम के सेक्टर-18 में स्थित एसआरएल लैब ने फोर्टिस अस्पताल से लैब तक सैम्पल लाने के लिए हाल ही में ड्रोन का ट्रायल शुरू किया है.

बीते दिन ड्रोन का प्रयोग करना कम्पनी को उस वक्त महंगा पड़ गया जब फोर्टिस अस्पताल से ड्रोन सैम्पल लेकर जा रहा था तो एयरफोर्स के जवानों की नजर इस ड्रोन पर पड़ी. जिसके बाद एयरफोर्स के अधिकारियों की तरफ से पुलिस को सूचना दी गई. सूचना मिलते ही पुलिस ने इस ड्रोन को सेक्टर-18 में एसआरएल डाइग्नोस्टिक की लैब से बरामद किया. दरअसल सेक्टर-17 में एयरफोर्स के आयुध डिपो के 3 किलोमीटर के दायरे में ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह प्रतिबन्ध है, लेकिन फोर्टिस अस्पताल से जब ये ड्रोन उड़ा तो सेक्टर-17 के इस प्रतिबंधित एरिया में आ गया.

गुरुग्राम में सैंपल लेने के लिए लैब को ड्रोन उड़ाना पड़ा भारी, पुलिस ने किया जब्त

मामला एयरफोर्स की सुरक्षा से जुड़ा हुआ था. जिसके बाद ड्रोन संचालित कम्पनी और लैब के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इस पूरे मामले को लेकर गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी यह साफ कर दिया गया है कि हाईकमान से इस पूरे मामले की गाइडलाइंस मांगी गई है यदि कहीं भी स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइंस को नजरअंदाज किया गया होगा तो निश्चित तौर पर अस्पताल और लैब दोनों पर कानूनी शिकंजा स्वास्थ्य विभाग भी कसेगा.

ड्रोन से सैंपल लेने का चल रहा है ट्रायल

बता दें कि, इलाज में विलंब से दम तोड़ती जिंदगियों को बचाने के लिए मरीजों के नमूनों की जल्द से जल्द जांच कर उसकी रिपोर्ट सामने आने के बाद इलाज शुरू हो सके इसके लिए जिले में मरीजों के सैंपल अस्पताल से लैब तक पहुंचाने के लिए 3 दिन पहले ही ये ड्रोन सेवा के ट्रायल शुरूआत की गई. ये ट्रायल तीन से चार दिनों तक चलना है. ड्रोन से नमूने एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने की सेवा की ये शुरूआत एसआरएल डायग्नोस्टिक्स और स्काई एयर मोबिलिटी ने मिलकर की है.

ट्रायल के दौरान अस्पताल से उड़ने के बाद सात मिनट में ड्रोन नमूने लेकर सेक्टर-18 स्थित एसआरएल डायग्नोस्टिक्स की लैब में पहुंच गया. फोर्टिस अस्पताल से सेक्टर-18 एसआरएल डायग्नोस्टिक लैब की दूरी सड़क से करीब दस किलोमीटर की है. इस दूरी को सड़क से तय करने में गाड़ी को 20 से 25 मिनट का समय लगता है. जाम होने की स्थिति में ये समय और भी बढ़ सकता है. जबकि ड्रोन से करीब सात मिनट लगे. ड्रोन में पांच किलो तक भार उठाने की क्षमता है.

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गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम में अस्पताल से सैंपल कलेक्शन के लिए ड्रोन का प्रयोग (gurugram sample collection by drone) करना एक लैब को भारी पड़ गया. एयरफोर्स के प्रतिबंधित एरिया में इस ड्रोन को उड़ाने के मामले में एयरफोर्स अधिकारियों की तरफ से लैब और ड्रोन संचालक कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है. दरअसल, गुरुग्राम के सेक्टर-18 में स्थित एसआरएल लैब ने फोर्टिस अस्पताल से लैब तक सैम्पल लाने के लिए हाल ही में ड्रोन का ट्रायल शुरू किया है.

बीते दिन ड्रोन का प्रयोग करना कम्पनी को उस वक्त महंगा पड़ गया जब फोर्टिस अस्पताल से ड्रोन सैम्पल लेकर जा रहा था तो एयरफोर्स के जवानों की नजर इस ड्रोन पर पड़ी. जिसके बाद एयरफोर्स के अधिकारियों की तरफ से पुलिस को सूचना दी गई. सूचना मिलते ही पुलिस ने इस ड्रोन को सेक्टर-18 में एसआरएल डाइग्नोस्टिक की लैब से बरामद किया. दरअसल सेक्टर-17 में एयरफोर्स के आयुध डिपो के 3 किलोमीटर के दायरे में ड्रोन उड़ाने पर पूरी तरह प्रतिबन्ध है, लेकिन फोर्टिस अस्पताल से जब ये ड्रोन उड़ा तो सेक्टर-17 के इस प्रतिबंधित एरिया में आ गया.

गुरुग्राम में सैंपल लेने के लिए लैब को ड्रोन उड़ाना पड़ा भारी, पुलिस ने किया जब्त

मामला एयरफोर्स की सुरक्षा से जुड़ा हुआ था. जिसके बाद ड्रोन संचालित कम्पनी और लैब के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इस पूरे मामले को लेकर गुरुग्राम स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी यह साफ कर दिया गया है कि हाईकमान से इस पूरे मामले की गाइडलाइंस मांगी गई है यदि कहीं भी स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइंस को नजरअंदाज किया गया होगा तो निश्चित तौर पर अस्पताल और लैब दोनों पर कानूनी शिकंजा स्वास्थ्य विभाग भी कसेगा.

ड्रोन से सैंपल लेने का चल रहा है ट्रायल

बता दें कि, इलाज में विलंब से दम तोड़ती जिंदगियों को बचाने के लिए मरीजों के नमूनों की जल्द से जल्द जांच कर उसकी रिपोर्ट सामने आने के बाद इलाज शुरू हो सके इसके लिए जिले में मरीजों के सैंपल अस्पताल से लैब तक पहुंचाने के लिए 3 दिन पहले ही ये ड्रोन सेवा के ट्रायल शुरूआत की गई. ये ट्रायल तीन से चार दिनों तक चलना है. ड्रोन से नमूने एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने की सेवा की ये शुरूआत एसआरएल डायग्नोस्टिक्स और स्काई एयर मोबिलिटी ने मिलकर की है.

ट्रायल के दौरान अस्पताल से उड़ने के बाद सात मिनट में ड्रोन नमूने लेकर सेक्टर-18 स्थित एसआरएल डायग्नोस्टिक्स की लैब में पहुंच गया. फोर्टिस अस्पताल से सेक्टर-18 एसआरएल डायग्नोस्टिक लैब की दूरी सड़क से करीब दस किलोमीटर की है. इस दूरी को सड़क से तय करने में गाड़ी को 20 से 25 मिनट का समय लगता है. जाम होने की स्थिति में ये समय और भी बढ़ सकता है. जबकि ड्रोन से करीब सात मिनट लगे. ड्रोन में पांच किलो तक भार उठाने की क्षमता है.

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