गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम के आई-स्केट में स्पेशल ओलम्पिक भारत विंटर गेम्स के द्वारा ट्रैनिग कैम्प की शुरुआत हो गई है. 24 नवंबर से लेकर 29 नवंबर तक 6 दिनों तक चलने वाले इस ट्रेनिंग कैम्प की शुरुआत डायरेक्टर स्पेशल ओलम्पिक भारत वर्ल्ड विंटर गेम्स हरप्रीत सिंह की तरफ की गई.
150 सिलेक्टेड बच्चों को दी रही है ट्रेनिंग
इस ट्रेनिंग कैम्प में देश के 7 राज्यों से सिलेक्ट होकर आये लगभग 150 स्पेशल बच्चे भाग ले रहे हैं. स्पेशल ओलम्पिक भारत वर्ल्ड विंटर गेम्स के डायरेक्टर का कहना है कि इस ट्रेनिंग कैम्प का मुख्य उद्देश्य सन 2020-2021 में स्वीडन में होने वाले विंटर गेम्स के लिए भारत के स्पेशल बच्चों को तैयार करना है.
नहीं मुहैया करवाई गई किट
हमारी टीम ने जब मुहैया किया तो इस स्पेशल ओलम्पिक के लिए ट्रेनिंग मात्र खानापूर्ति ही नजर आ रही है. ट्रेनिंग के नाम पर बच्चों को आई-स्केट में तो उतार दिया गया, लेकिन उनमें से ज्यादातर बच्चों को सेफ्टी किट भी नहीं दी गई थी.
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सुविधाओं के अभाव में चोटिल हुए बच्चे
किट नहीं मिलने की वजह से दिव्यांग बच्चे बर्फ पर फिसलकर गिरते नजर आये. एल्बो किट, नी किट और हेड हेलमेट ना होने की वजह से चोटिल होते नजर आये. जब डायरेक्टर से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने बात को टाल मटोल कर दिया.
गुरुग्राम में शुरू हुआ यह ट्रेनिंग कैम्प भारत के दिव्यांग बच्चों के लिए वाकई एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन इनकी सेफ्टी नॉर्म्स की तरफ ध्यान देना भी बेहद जरूरी है. यह बच्चे पहले से दिव्यांग हैं. ऐसे में कोई भी अनहोनी इन बच्चों के लिए भारी पड़ सकती है.