गुरुग्राम: कोविड-19 के सामने आस्था की डुबकी फीक पड़ गई. कार्तिक पूर्णिमा में गंगा स्नान के लिए पिछले साल के मुकाबले इस बार दस प्रतिशत लोग ही स्नान करने के लिए पहुंचे. बता दें कि सोहना में अरावली पहाड़ी की तलहटी में बने शिव कुंड नामक विख्यात प्राकृतिक गंधक युक्त गर्म जल के चश्मे पर गंगा स्नान के अवसर पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए दूर दराज के राज्यों से लोग आते थे.
वहीं अबकी बार कोरोना के कारण गर्म जल में डुबकी लगाने वाले बेहद कम लोग ही आए. सोहना शिव कुंड मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य राजीव कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष शिव कुंड पर स्नान करने के लिए बनाए गए कुंडों को गंधक युक्त प्राकृतिक गर्म जल से भर कर गंगा जी का रूप दे दिया गया था, लेकिन अबकी बार कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए सभी कुंडों का गर्म जल खाली कर दिया गया.
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उन्होंने बताया कि वहां पर पाइप के पास बाल्टी और डब्बे रखे गए हैं, ताकि एक-एक व्यक्ति ही स्नान कर सके. ऐसी ही सुविधा महिला श्रद्धालुओं के लिए भी की गई है, ताकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन की अवहेलना ना हो.
ये भी बता दें कि शिव कुंड पर स्नान करने के लिए आने वाले लोगों का तापमान भी मापा जा रहा है और हाथों को सैनिटाइज किया जा रहा है. साथ ही शिव कुंड परिसर को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया है, ताकि वैश्विक महामारी कोरोना को फैलने से रोका जा सके.