गुरुग्राम: स्वच्छता अभियान को लेकर जहां सरकार गंभीर कदम उठा रही है. वहीं स्थानीय नेता और प्रशासन इसका माखौल उड़ाने में लगे हैं. फोटो सेशन कराने के बाद मुड़कर नहीं देखते कि कहां पर गंदगी है और कहां पर नहीं. ठीक ऐसा ही नजारा सोहना कस्बे में देखने को मिल रहा है. जहां गंदगी के ढेर से लोग परेशान हैं तो वहीं दुकानदार भी पूरी तरह से दुखी नजर आ रहे हैं.
ऐसा नहीं है कि इसकी शिकायत नगर परिषद को नहीं की गई है. दर्जनों बार शिकायत करने के बाद भी नतीजा जीरो ही नजर आता है. गांधी जयंती के मौके पर 2 अक्टूबर से पूरे हरियाणा में स्वच्छता पखवाड़े की शुरुआत की गई थी, लेकिन नेताओं और अधिकारियों ने सिर्फ फोटो सेशन कराया. शायद उन्हें लगा कि सिर्फ फोटो खिंचाने से ही गंदगी साफ हो जाएगी.
सही मायने में आगर बात करें तो स्वच्छता अभियान इसलिए चलाया जाता है कि लोगों को स्वच्छ वातावरण मिल सके और लोग गंदगी को खुले में ना डालकर डस्टबिन में डालें, लेकिन यहां तो ना डस्टबिन दिखाई देते हैं और ना ही सफाई कर्मचारी. जिससे लोगों के बीच मौसमी बीमारियां आए दिन बढ़ रही है.
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दुकानदारों ने कहा कि वो इस गंदगी से परेशान आ गए हैं. उन्होंने दर्जनों बार इसकी शिकायत नगर परिषद के अधिकारियों से की है, लेकिन सुनने के लिए कोई भी तैयार नहीं है. पिछले काफी दिनों से वो लगातार कोशिश कर रहे हैं कि ये गंदगी यहां पर ना लगे, लेकिन यहां पर पूरे दिन बदबू में बैठे रहना दुकानदारों की मजबूरी बन गई है.