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गुरुग्राम में पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प, लोगों ने तोड़फोड़ की कार्रवाई का किया विरोध

गुरुग्राम के कन्हई गांव में ग्रामीणों और पुलिस के बीच झड़प हो गई जब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ गांव में तोड़फोड़ करने पहुंचे. पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया. कार्रवाई को दोबारा शुरू किया गया. खबर में विस्तार से जानें पूरा मामला

Clash between villagers and police in Gurugram Kanhai Village
गुरुग्राण के कन्हई गांव में तोड़फोड़ करने पहुंची पुलिस
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Published : May 12, 2023, 11:03 PM IST

गुरुग्राम में पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प

गुरुग्राम: शुक्रवार दोपहर को गुरुग्राम के कन्हई गांव में हंगामा हो गया, जब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ तोड़फोड़ करने के लिए पहुंच गए. जैसे ही टीम ने यहां तोड़फोड़ करनी शुरू की तो लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. लोगों ने टीम का विरोध करना शुरू कर दिया. तोड़फोड़ करने गई टीम से लोग नोकझोंक करने लगे. साथ ही हाथापाई भी करने लगे. वहीं, विरोध को रोकने के लिए पुलिस बल आगे आया.

लेकिन स्थानीय लोग उनसे भिड़ गए और कार्रवाई को रोक दिया. हालांकि पुलिस ने विरोध कर रहे लोगों को हिरासत में लेकर कार्रवाई को दोबारा शुरू करवाया. लोगों का आरोप है कि विभाग उनकी बेशकीमती जमीन को कौड़ियों के भाव में अधिग्रहण किया जा रहा है. वह अपनी जमीन नहीं देना चाहते. लेकिन अधिकारी उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर रहे है. पुलिस के साथ आमने-सामने की टक्कर करते ये लोग कोई अपराधी नहीं बल्कि गांव के ही रहने वाले हैं.

यह लोग हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों और पुलिस प्रबंधन से अपने आशियाने ना तोड़ने की गुहार लगा रहे हैं. दरअसल, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने करीब 32 साल पहले गांव कन्हई की जमीन का अधिग्रहण किया था. इस जमीन पर सेक्टर विकसित किया जाना था. लेकिन ग्रामीणों के कोर्ट जाने के कारण अधिग्रहण का मामला अटक गया. अधिकारियों माने तो ग्रामीण केस हार चुके है. जिसके बाद वह विभाग की जमीन का अधिग्रहण कर रहे हैं.

वहीं, ग्रामीणों का आरोप है कि जब जमीन का अधिग्रहण हुआ. उस वक्त उन्हें 265 रुपए प्रति वर्ग गज का मुआवजा दिया गया था. लेकिन बाद में 53 रुपए प्रति वर्ग गज का मुआवजा वापस ले लिया गया. 212 रुपए प्रति वर्ग गज का मुआवजा भी कई किस्तों में दिया गया. इस में ज्यादातर लोगों ने यह मुआवजा ही नहीं लिया. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने जिन अधिग्रहण न किए जाने के लिए सरकार से गुहार लगाई थी. इस पर ने सरकार ने पॉलिसी में बदलाव भी किया था.

ये भी पढ़ें: साइबर ठगों पर हरियाणा पुलिस की कार्रवाई, 4 नाइजीरियन युवक और दो मणिपुर की महिला गिरफ्तार, ऐसे करते थे ठगी

लेकिन इस बदलाव को लागू तक नहीं किया गया है. अब जबरन उनकी जमीन पर कब्जा लिया जा रहा है. फिलहाल अधिकारियों ने विरोध के बीच अधिग्रहित जमीन को खाली करा लिया है. शुक्रवार दोपहर को हुई कार्रवाई के दौरान करीब 150 कमरों को तोड़ा गया है. अधिकारियों की मानें तो अभी और भी अधिग्रहित जमीन को कब्जे में लेने के लिए तोड़फोड़ कार्रवाई की जानी है. अब देखना यह होगा कि ग्रामीणों के विरोध के बीच अधिकारी किस तरह से कार्रवाई करते हैं.

गुरुग्राम में पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प

गुरुग्राम: शुक्रवार दोपहर को गुरुग्राम के कन्हई गांव में हंगामा हो गया, जब हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ तोड़फोड़ करने के लिए पहुंच गए. जैसे ही टीम ने यहां तोड़फोड़ करनी शुरू की तो लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. लोगों ने टीम का विरोध करना शुरू कर दिया. तोड़फोड़ करने गई टीम से लोग नोकझोंक करने लगे. साथ ही हाथापाई भी करने लगे. वहीं, विरोध को रोकने के लिए पुलिस बल आगे आया.

लेकिन स्थानीय लोग उनसे भिड़ गए और कार्रवाई को रोक दिया. हालांकि पुलिस ने विरोध कर रहे लोगों को हिरासत में लेकर कार्रवाई को दोबारा शुरू करवाया. लोगों का आरोप है कि विभाग उनकी बेशकीमती जमीन को कौड़ियों के भाव में अधिग्रहण किया जा रहा है. वह अपनी जमीन नहीं देना चाहते. लेकिन अधिकारी उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर रहे है. पुलिस के साथ आमने-सामने की टक्कर करते ये लोग कोई अपराधी नहीं बल्कि गांव के ही रहने वाले हैं.

यह लोग हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों और पुलिस प्रबंधन से अपने आशियाने ना तोड़ने की गुहार लगा रहे हैं. दरअसल, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने करीब 32 साल पहले गांव कन्हई की जमीन का अधिग्रहण किया था. इस जमीन पर सेक्टर विकसित किया जाना था. लेकिन ग्रामीणों के कोर्ट जाने के कारण अधिग्रहण का मामला अटक गया. अधिकारियों माने तो ग्रामीण केस हार चुके है. जिसके बाद वह विभाग की जमीन का अधिग्रहण कर रहे हैं.

वहीं, ग्रामीणों का आरोप है कि जब जमीन का अधिग्रहण हुआ. उस वक्त उन्हें 265 रुपए प्रति वर्ग गज का मुआवजा दिया गया था. लेकिन बाद में 53 रुपए प्रति वर्ग गज का मुआवजा वापस ले लिया गया. 212 रुपए प्रति वर्ग गज का मुआवजा भी कई किस्तों में दिया गया. इस में ज्यादातर लोगों ने यह मुआवजा ही नहीं लिया. ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने जिन अधिग्रहण न किए जाने के लिए सरकार से गुहार लगाई थी. इस पर ने सरकार ने पॉलिसी में बदलाव भी किया था.

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लेकिन इस बदलाव को लागू तक नहीं किया गया है. अब जबरन उनकी जमीन पर कब्जा लिया जा रहा है. फिलहाल अधिकारियों ने विरोध के बीच अधिग्रहित जमीन को खाली करा लिया है. शुक्रवार दोपहर को हुई कार्रवाई के दौरान करीब 150 कमरों को तोड़ा गया है. अधिकारियों की मानें तो अभी और भी अधिग्रहित जमीन को कब्जे में लेने के लिए तोड़फोड़ कार्रवाई की जानी है. अब देखना यह होगा कि ग्रामीणों के विरोध के बीच अधिकारी किस तरह से कार्रवाई करते हैं.

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