गुरुग्राम: सरकार ने हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमावली, 2003 के नियम 134ए (rule 134A in Haryana) को समाप्त करने का निर्णय लिया है. हालांकि प्रदेश में जिन बच्चों के दाखिले नियम 134-ए के तहत, मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में किए हुए हैं, वो उन्हीं विद्यालयों में नियम 134ए के तहत शिक्षा पूर्ण करेंगे. इस नियम को समाप्त करने के फैसले पर सीएम मनोहर लाल ने कहा कि जब ये कानून बना था, तब केंद्र का राइट-टू-एजुकेशन कानून नहीं था.
सीएम ने कहा कि अब राइट टू एजुकेशन के तहत हरियाणा में 25 प्रतिशत गरीब बच्चों का एडमिशन देने के लिए कहा गया है. इससे गरीब बच्चों को फायदा मिलेगा. हरियाणा सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि राइट टू एजुकेशन (Right to Education in Haryana) में 25% गरीब परिवार के बच्चों को एडमिशन दिया जाएगा. जबकि नियम 134ए के तहत 10% ही गरीब परिवार के बच्चों को एडमिशन देने का प्रावधान है.
नियम 134-ए के खत्म हो जाने के बाद अब सरकार गरीब परिवार के बच्चों को शिक्षा का अधिकार नियम (RTE) के अंतर्गत निजी स्कूलों में 25 फीसदी दाखिला दिलाएगी. बता दें कि नियम 134-ए हरियाणा स्कूल शिक्षा नियमों के तहत एक प्रावधान था, जो आरटीई से पहले मौजूद था. नया अधिनियम आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 25 प्रतिशत लाभ प्रदान करता है, जबकि नियम 134-ए केवल 10 प्रतिशत का लाभ प्रदान करता था.
प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती फीस पर भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्राइवेट स्कूल फार्म 6 भरकर ही फीस बढ़ा सकते हैं. अभी सरकार के संज्ञान में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है. अगर ऐसा कोई प्रस्ताव आया भी तो उसपर विचार किया जाएगा.
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