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अनाथ दिव्यांग का दर्दः जिन्होंने गोद लिया उनकी कोरोना से हो गई मौत, अब सरकार ने उठाया ये कदम

हरियाणा के एक दिव्यांग बच्चे की कहानी सुनकर हर किसी की आंखों में आंसू आ रहे हैं. जिसको भी इस बच्चे के बारे में पता चल रहा है वो बस यही कह रहा है कि भगवान कभी किसी के साथ ऐसा ना करे. ये बच्चा पहले अनाथ था, फिर इसको एक दंपति ने गोद लिया और अब कोरोना के कारण उनकी भी मौत हो गई, और ये बच्चा फिर अनाथ हो गया.

adopted child orphan again gurugram
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Published : May 30, 2021, 8:28 PM IST

गुरुग्राम: हरियाणा में एक दिव्यांग बच्चे पर बार-बार दुखों का पहाड़ टूट रहा है. इस बार कोरोना के कारण इस बच्चे का जहान एक फिर उजड़ गया. फरीदाबाद के रहने वाले 16 वर्षीय इस बच्चे का नाम विशाल है. विशाल के माता-पिता नहीं थे इसलिए इसका पालन पोषण एक अनाथालय द्वारा किया जा रहा था. फिर इसको एक दंपति ने गोद लिया.

जिन माता-पिता ने गोद लिया वो भी दुनिया छोड़ गए

दंपति द्वारा गोद लिए जाने पर विशाल को माता-पिता मिल गए. पूरा परिवार खुशी-खुशी रह रहा था कि अब कोरोना ने विशाल से इसके माता-पिता छीन लिए. जिस दंपति ने विशाल को गोद लिया था उन दोनों की कोरोना से मौत हो गई, और विशाल फिर अनाथ हो गया. हालांकि अब हरियाणा सरकार ने विशाल की देखभाल की जिम्मेदारी उठाई है.

हरियाणा के दिव्यांग बच्चे की कहानी सुन हर किसी की आंखें हुई नम, सीएम भी मिलने पहुंचे

फिर अनाथ हो गया विशाल

दरअसल, फरीदाबाद के रहने वाले दंपति की कोई औलाद नहीं थी. उन्होंने विशाल को गोद लिया था. गत 14 मई को विशाल के पिता की कोविड-19 के कारण मृत्यु हो गई और उसके बाद मानसिक रूप से तनावग्रस्त उसकी मां भी 21 मई को दुनिया छोड़कर चली गई. विशाल फिर अकेला रह गया, वह बोल भी नहीं सकता.

मुख्यमंत्री ने की विशाल से मुलाकात

उसे गुरुग्राम की दीपाश्रम नामक संस्था बाल कल्याण परिषद से ऑनलाइन मंजूरी लेकर फरीदाबाद से अपने यहां ले आई थी. वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज चंडीगढ़ से दिल्ली जाते समय बीच में ही अचानक गुरुग्राम आए और दीपाश्रम पहुंचे. जहां पर उन्होंने विशाल को देखा और कहा कि उसके पालन पोषण और देखभाल का खर्च हरियाणा सरकार वहन करेगी. मुख्यमंत्री इस आश्रम में विशेष शिक्षा प्राप्त कर रहे अन्य मानसिक रूप से दिव्यांग विद्यार्थियों से भी मिले.

सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए बनाई योजना

अनाथ बच्चे विशाल को देखने और अन्य दिव्यांग विद्यार्थियों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए कल ही हरियाणा सरकार ने 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पीएम केयर्स फंड के माध्यम से ऐसे बच्चों का पालन पोषण 23 साल तक की उम्र तक करने के लिए योजना बनाई है.

ये भी पढ़ें- हरियाणा के इन किरायेदारों को मिलेगा सरकार की स्कीम का फायदा, जानिए कहां और कैसे करना होगा आवेदन

उन्होंने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी का सेवा दिवस भी है, इस नाते से आज उन्हें अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से विशाल के बारे में पता चला कि वह बचपन से अनाथ था, जिस माता-पिता ने उसे गोद लिया था, वे भी दुर्भाग्यवश नहीं बच पाए. कोविड-19 के कारण पहले पिता का देहांत हुआ और उसके बाद माता भी चली गई. वह बालक विशाल फिर से अनाथ हो गया.

दीपाश्रम संस्था की सीएम ने की तारीफ

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे बच्चों की सहायता के लिए हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना बनाई है ताकि इन बच्चों का जीवन आगे भी ठीक से चले, इनका पालन पोषण सही ढंग से हो. उन्होंने कहा कि ये बालक विशाल मानसिक रूप से दिव्यांग और दृष्टिहीन भी है, वह बोल भी नहीं सकता. इसकी देखभाल हरियाणा सरकार करेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपाश्रम नामक ये संस्था दिव्यांग बच्चों की सेवा कर रही है जो कि बहुत ही सराहनीय काम है. उन्होंने इस संस्था को शुभकामनाएं भी दी और कहा कि ऐसी संस्थाओं और आश्रम की भी हरियाणा सरकार निश्चित रूप से सहायता करेगी ताकि ऐसे बच्चों के पालन पोषण में कोई कठिनाई ना आए.

ये भी पढ़ें- तीसरी लहर से पहले ही हरियाणा में बच्चों तक पहुंचा कोरोना, सिर्फ 50 दिन में 22 हजार से ज्यादा संक्रमित

गुरुग्राम: हरियाणा में एक दिव्यांग बच्चे पर बार-बार दुखों का पहाड़ टूट रहा है. इस बार कोरोना के कारण इस बच्चे का जहान एक फिर उजड़ गया. फरीदाबाद के रहने वाले 16 वर्षीय इस बच्चे का नाम विशाल है. विशाल के माता-पिता नहीं थे इसलिए इसका पालन पोषण एक अनाथालय द्वारा किया जा रहा था. फिर इसको एक दंपति ने गोद लिया.

जिन माता-पिता ने गोद लिया वो भी दुनिया छोड़ गए

दंपति द्वारा गोद लिए जाने पर विशाल को माता-पिता मिल गए. पूरा परिवार खुशी-खुशी रह रहा था कि अब कोरोना ने विशाल से इसके माता-पिता छीन लिए. जिस दंपति ने विशाल को गोद लिया था उन दोनों की कोरोना से मौत हो गई, और विशाल फिर अनाथ हो गया. हालांकि अब हरियाणा सरकार ने विशाल की देखभाल की जिम्मेदारी उठाई है.

हरियाणा के दिव्यांग बच्चे की कहानी सुन हर किसी की आंखें हुई नम, सीएम भी मिलने पहुंचे

फिर अनाथ हो गया विशाल

दरअसल, फरीदाबाद के रहने वाले दंपति की कोई औलाद नहीं थी. उन्होंने विशाल को गोद लिया था. गत 14 मई को विशाल के पिता की कोविड-19 के कारण मृत्यु हो गई और उसके बाद मानसिक रूप से तनावग्रस्त उसकी मां भी 21 मई को दुनिया छोड़कर चली गई. विशाल फिर अकेला रह गया, वह बोल भी नहीं सकता.

मुख्यमंत्री ने की विशाल से मुलाकात

उसे गुरुग्राम की दीपाश्रम नामक संस्था बाल कल्याण परिषद से ऑनलाइन मंजूरी लेकर फरीदाबाद से अपने यहां ले आई थी. वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज चंडीगढ़ से दिल्ली जाते समय बीच में ही अचानक गुरुग्राम आए और दीपाश्रम पहुंचे. जहां पर उन्होंने विशाल को देखा और कहा कि उसके पालन पोषण और देखभाल का खर्च हरियाणा सरकार वहन करेगी. मुख्यमंत्री इस आश्रम में विशेष शिक्षा प्राप्त कर रहे अन्य मानसिक रूप से दिव्यांग विद्यार्थियों से भी मिले.

सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए बनाई योजना

अनाथ बच्चे विशाल को देखने और अन्य दिव्यांग विद्यार्थियों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों के लिए कल ही हरियाणा सरकार ने 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पीएम केयर्स फंड के माध्यम से ऐसे बच्चों का पालन पोषण 23 साल तक की उम्र तक करने के लिए योजना बनाई है.

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उन्होंने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी का सेवा दिवस भी है, इस नाते से आज उन्हें अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से विशाल के बारे में पता चला कि वह बचपन से अनाथ था, जिस माता-पिता ने उसे गोद लिया था, वे भी दुर्भाग्यवश नहीं बच पाए. कोविड-19 के कारण पहले पिता का देहांत हुआ और उसके बाद माता भी चली गई. वह बालक विशाल फिर से अनाथ हो गया.

दीपाश्रम संस्था की सीएम ने की तारीफ

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे बच्चों की सहायता के लिए हरियाणा सरकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना बनाई है ताकि इन बच्चों का जीवन आगे भी ठीक से चले, इनका पालन पोषण सही ढंग से हो. उन्होंने कहा कि ये बालक विशाल मानसिक रूप से दिव्यांग और दृष्टिहीन भी है, वह बोल भी नहीं सकता. इसकी देखभाल हरियाणा सरकार करेगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपाश्रम नामक ये संस्था दिव्यांग बच्चों की सेवा कर रही है जो कि बहुत ही सराहनीय काम है. उन्होंने इस संस्था को शुभकामनाएं भी दी और कहा कि ऐसी संस्थाओं और आश्रम की भी हरियाणा सरकार निश्चित रूप से सहायता करेगी ताकि ऐसे बच्चों के पालन पोषण में कोई कठिनाई ना आए.

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