फतेहाबाद: जिले में सोमवार को स्वराज इंडिया पार्टी के अध्यक्ष और एक्टिविस्ट योगेंद्र यादव पहुंचे और एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया. योगेंद्र यादव ने कहा कि 6 अक्टूबर को सिरसा में 17 किसान संगठनों के द्वारा किसी कानून के विरोध में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के घर का घेराव किया जाएगा. योगेंद्र यादव ने कहा कि दुष्यंत चौटाला खुद को किसान हितैषी कहते हैं, इसलिए उन्हें किसान कानून के विरोध में किसानों के साथ खड़े होना चाहिए.
योगेंद्र यादव ने कहा कि दुष्यंत चौटाला शिखंडी के रूप में सरकार की पैरवी करने का काम कर रहे हैं. इसलिए किसानों के द्वारा सीएम नहीं बल्कि डिप्टी सीएम के घर को चुना, जहां पर किसान कृषि कानून के विरोध में घेराव करेंगे. वहीं राहुल गांधी के दौरे पर भी योगेंद्र यादव ने कहा कि राहुल गांधी हरियाणा और पंजाब के साथ राजस्थान के किसानों की सुध भी लेनी चाहिए
ये है आगे की रणनीति
योगेंद्र यादव ने बताया कि 14 अक्टूबर को एमएसपी अधिकार दिवस बनाया जाएगा. जबकि 26 नवंबर को दिल्ली चलो का आह्वान किया है. योगेंद्र यादव का दावा है कि सड़क पर आंदोलन कर इन कानूनों को वापस करवाएंगे.
योगेंद्र यादव ने कहा कि 6 अक्टूबर को सिरसा में 17 किसान संगठन हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का इस्तीफा मांगेंगे. उन्होंने कहा कि दुष्यंत चौटाला खुद को चौधरी देवीलाल का वंशज बताते हैं जबकि एक भी कद्दावर किसान नेता इस कानून के पक्ष में नहीं है. वहीं भाजपा के आरएसएस का किसान संघ भी इसके समर्थन नहीं कर रही है.
'जवाब नहीं तो इस्तीफा दो'
योगेंद्र यादव ने कहा कि दुष्यंत चौटाला से 10 सवालों के जवाब मांगे जाएंगे. अगर जवाब नहीं दिया तो इस्तीफा मांगा जाएगा. चौधरी देवी लाल की राजनीतिक विरासत पर दावा करने वाला व्यक्ति महाभारत के शिखंडी की भूमिका अदा करे ये हरियाणा के किसानों को मंजूर नहीं है.
'कानून संसद से पास हुआ, लेकिन सड़क पर फेल होगा'
योगेंद्र यादव ने कहा कि कृषि कानूनों को लेकर देशभर में आंदोलन हो रहे हैं जबकि केवल हरियाणा और पंजाब में आंदोलन की बात फैलाई जा रही है. योगेंद्र यादव ने कहा कि 25 सितंबर को 20 प्रदेशों के 10 हजार स्थानों पर आंदोलन हुआ.
योगेंद्र यादव ने कहा कि तमिलनाडु में 300 जगह प्रदर्शन हुआ जबकि कर्नाटक में 2 दिन किसानों ने पूरे कर्नाटक को बंद करके रखा. पंजाब से शुरू हुई चिंगारी धीरे-धीरे पूरे देश में फैल रही है और इस कानून को पास करने का फैसला संसद में लिया गया मगर सड़क पर इसे रद्द करवाने पर मजबूर किया जाएगा.
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