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कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती में धांधली, फेल अभ्यर्थियों का भी हो गया चयन? - कंप्यूटर ऑपरेटर फतेहाबाद सिविल अस्पताल

कंप्यूटर ऑपरेटर्स का 9 जुलाई 2019 को टेस्ट था. आरोप है कि कंप्यूटर ऑपरेटर टेस्ट में पास नहीं हुए, फिर भी उन्हें सभी नियमों को ताक पर रखकर कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर रखा गया. नागरिक अस्पताल से हटाए गए कर्मचारियों ने इस मामले का खुलासा किया.

computer operators in Fatehabad civil hospital
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Published : Jan 13, 2020, 6:10 PM IST

Updated : Jan 13, 2020, 9:01 PM IST

फतेहाबाद: स्वास्थ्य महकमें में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. कंपनी पर आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर टाइपिंग टेस्ट में फेल हुए कर्मचारियों को अस्पताल में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर भर्ती किया गया. मामले का खुलासा सिविल अस्पताल के एसएमओ ने किया है.

ये है पूरा मामला

कंप्यूटर ऑपरेटर्स का 9 जुलाई 2019 को टेस्ट था. आरोप है कि कंप्यूटर ऑपरेटर टेस्ट में पास नहीं हुए, फिर भी उन्हें सभी नियमों को ताक पर रखकर कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर रखा गया. नागरिक अस्पताल से हटाए गए कर्मचारियों ने इस मामले का खुलासा किया.

योग्य आवेदकों को कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर किया गया नियुक्त

अयोग्य कर्मचारियों को नौकरी देने का आरोप

हटाए गए कर्मचारियों ने मामले में कर्मचारी डीसी से मुलाकात की, डीसी ने मामले में जांच की बात कही. भले ही प्रदेश के स्वास्थ्य और गृहमंत्री अनिल विज अपने महकमे में भ्रष्टाचार ना होने की बात करते हों, लेकिन हकीकत कुछ और ही है.

एसएमओ ने किया भ्रष्टाचार का खुलासा

फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में एक और भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है. इस मामले का खुलासा सिविल अस्पताल के एसएमओ ने अपने पत्र में किया था. लेकिन इस पर सिविल सर्जन मनीष बंसल ने कोई संज्ञान नहीं लिया. अस्पताल से हटाए गए आउट सोर्सिंग कर्मचारियों ने मामले को लेकर डीसी को ज्ञापन सौंपा.

डीसी ने इस मामले की जांच करने की बात कही

डीसी ने इस मामले की जांच करने की बात कही है. इससे पहले भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बाद डिप्टी सिविल सर्जन के खिलाफ पहले ही मामला दर्ज हो चुका है, यहां डिप्टी सिविज सर्जन पर पैसे लेकर कर्मचारियों को भर्ती करने का आरोप लगा था. जिसका एक ऑडियो भी वायरल हुआ था.

सिविल सर्जन और ठेकेदार पर मिलिभगत का आरोप

सोमवार को डीसी से मिलने आए नागरिगक अस्पताल से हटाए गए आउट सोर्सिंग कर्मचारी राजेश कुमार ने बताया कि नागरिक अस्पताल के सिविल सर्जन और ठेकेदार ने गड़बड़ी की है. जिसमें मुख्य रूप से सिविल सर्जन व डिप्टी सिविल सर्जन का हाथ था.

हटाए गए कर्मचारियों ने किया विरोध

कर्मचारियों ने कहा कि अस्पताल में रखे कंप्यूटर ऑपरेटरों का 9 जुलाई 2019 को टेस्ट लिया था. जिसके बाद एसएमओ ने अपने पत्र में जिक्र किया कि जितने कर्मचारियों ने टेस्ट दिया है वो सक्षम नहीं हैं. ऐसे में और कर्मचारी लगाए जाएंगे.

ये भी पढ़ें- कम लागत, छोटी जगह और मोटा मुनाफा यानि खरगोश पालन, ऐसे शुरू करें बिजनेस

एजेंसी ने नियमों को ताक पर रखकर इन कर्मचारियों को 9 जुलाई 2019 को ही ज्वाइन करवा दिया. इस मामले में सिविल सर्जन ने कोई कार्रवाई नहीं की. जबकि नियम कहता है जो भी कम्प्यूटर ऑपरेटर किसी महकमे में रखा जाता है उसे कम्प्यूटर का पूरा ज्ञान होना चाहिए.

फतेहाबाद: स्वास्थ्य महकमें में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. कंपनी पर आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर टाइपिंग टेस्ट में फेल हुए कर्मचारियों को अस्पताल में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर भर्ती किया गया. मामले का खुलासा सिविल अस्पताल के एसएमओ ने किया है.

ये है पूरा मामला

कंप्यूटर ऑपरेटर्स का 9 जुलाई 2019 को टेस्ट था. आरोप है कि कंप्यूटर ऑपरेटर टेस्ट में पास नहीं हुए, फिर भी उन्हें सभी नियमों को ताक पर रखकर कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर रखा गया. नागरिक अस्पताल से हटाए गए कर्मचारियों ने इस मामले का खुलासा किया.

योग्य आवेदकों को कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर किया गया नियुक्त

अयोग्य कर्मचारियों को नौकरी देने का आरोप

हटाए गए कर्मचारियों ने मामले में कर्मचारी डीसी से मुलाकात की, डीसी ने मामले में जांच की बात कही. भले ही प्रदेश के स्वास्थ्य और गृहमंत्री अनिल विज अपने महकमे में भ्रष्टाचार ना होने की बात करते हों, लेकिन हकीकत कुछ और ही है.

एसएमओ ने किया भ्रष्टाचार का खुलासा

फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में एक और भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है. इस मामले का खुलासा सिविल अस्पताल के एसएमओ ने अपने पत्र में किया था. लेकिन इस पर सिविल सर्जन मनीष बंसल ने कोई संज्ञान नहीं लिया. अस्पताल से हटाए गए आउट सोर्सिंग कर्मचारियों ने मामले को लेकर डीसी को ज्ञापन सौंपा.

डीसी ने इस मामले की जांच करने की बात कही

डीसी ने इस मामले की जांच करने की बात कही है. इससे पहले भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बाद डिप्टी सिविल सर्जन के खिलाफ पहले ही मामला दर्ज हो चुका है, यहां डिप्टी सिविज सर्जन पर पैसे लेकर कर्मचारियों को भर्ती करने का आरोप लगा था. जिसका एक ऑडियो भी वायरल हुआ था.

सिविल सर्जन और ठेकेदार पर मिलिभगत का आरोप

सोमवार को डीसी से मिलने आए नागरिगक अस्पताल से हटाए गए आउट सोर्सिंग कर्मचारी राजेश कुमार ने बताया कि नागरिक अस्पताल के सिविल सर्जन और ठेकेदार ने गड़बड़ी की है. जिसमें मुख्य रूप से सिविल सर्जन व डिप्टी सिविल सर्जन का हाथ था.

हटाए गए कर्मचारियों ने किया विरोध

कर्मचारियों ने कहा कि अस्पताल में रखे कंप्यूटर ऑपरेटरों का 9 जुलाई 2019 को टेस्ट लिया था. जिसके बाद एसएमओ ने अपने पत्र में जिक्र किया कि जितने कर्मचारियों ने टेस्ट दिया है वो सक्षम नहीं हैं. ऐसे में और कर्मचारी लगाए जाएंगे.

ये भी पढ़ें- कम लागत, छोटी जगह और मोटा मुनाफा यानि खरगोश पालन, ऐसे शुरू करें बिजनेस

एजेंसी ने नियमों को ताक पर रखकर इन कर्मचारियों को 9 जुलाई 2019 को ही ज्वाइन करवा दिया. इस मामले में सिविल सर्जन ने कोई कार्रवाई नहीं की. जबकि नियम कहता है जो भी कम्प्यूटर ऑपरेटर किसी महकमे में रखा जाता है उसे कम्प्यूटर का पूरा ज्ञान होना चाहिए.

Intro:फतेहाबाद स्वास्थ्य महकमेें में एक और भ्रष्टाचार का मामला हुआ उजागर,नियमों को ताक पर रखकर टाईपिंग टेस्ट मेें फेल हुए कर्मचारियों को अस्पताल में कंप्यूटर आपरेटरों पद पर किया गया भर्ती,मामले का खुलासा सिविल अस्पताल के एसएमओ ने अपने पत्र में किया,अस्पताल में रखे कंप्यूटर आपरेटरों का 9 जुलाई 2019 को टेस्ट,टेस्ट में पास नही हुए कंप्यूटर आपरेटर,फिर उन्हें कंप्यूटर आपरेटर के पद पर रखा गया,सभी नियमों को रखा गया ताक पर,नागरिक अस्पताल से हटाए गए कर्मचारियों ने इस मामले का किया खुलासा, मामले मे कर्मचारी डीसी से मिले, डीसी ने मामले में जांच की बात कहीBody:भले ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अपने महकमें भ्रष्टाचार न होने की बात करते हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है फतेहाबाद के नागरिक अस्पताल में एक और भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है। इस मामले का खुलासा सिविल अस्पताल के एसएमओ ने अपने पत्र में किया था। लेकिन इस पर सिविल सर्जन मनीष बंसल ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। अस्पताल से हटाए गए आउट सोर्सिंग कर्मचारियों ने इस मामले को उजागर करते हुए डीसी को ज्ञापन सौंपा है। डीसी ने इस मामले की जांच करने की बात कही है। इससे पहले भ्रष्टाचार का मामला उजागर होने के बाद डिप्टी सिविल सर्जन के खिलाफ पहले ही मामला दर्ज हो चुका है, यहा डिप्टी सिविज सर्जन पर पैसे लेकर कर्मचारियों को भर्ती करने का आरोप लगा था जिसका एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, सोमवार को डीसी से मिलने आए नागरिग अस्पताल से हटाए गए आउट सोर्सिंग से हटाए कर्मचारी के प्रधान राजेश कुमार ने बताया कि नागरिक अस्पताल के सिविल सर्जन और ठेकेदार ने गड़बड़ी की है। जिसमें मुख्य रूप से सिविल सर्जन व डिप्टी सिविल सर्जन का हाथ था। कर्मचारियों ने कहा कि अस्पताल में रखे कंप्यूटर आपरेटरों का 9 जुलाई 2019 को टेस्ट लिया था। जिसके बाद एसएमओ ने अपने पत्र में जिक्र किया कि जितने कर्मचारियों ने टेस्ट दिया है वो सक्षम नहीं है। ऐसे में और कर्मचारी लगाए जाएंगे। लेकिन एजेंसी ने नियमों को ताक पर रखकर इन कर्मचारियों को 9 जुलाई 2019 को ही ज्वाइंन करवा दी। इस मामले में सिविल सर्जन ने कोई कार्रवाई नहीं की। जबकि नियम कहता है जो भी कम्पयूटा आपरेटर किसी महकमे मेें रखा जाता है उसे कम्पयूटर का पूरा ज्ञान होना चाहिए लेकिन नियमों को ताक पर रखकर कम्पयूटर आपरेटरों को भर्ती किया गया, डीसी रवि प्रकाश गुप्ता ने इस मामले की जांच की बात कही है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भ्रष्टाचार का मामला सामने आ चुका है। डिप्टी सिविल सर्जन के खिलाफ मामला भी दर्ज हो चुका है। विभागीय जांच जारी है, जब हमने इस मामले सीएमओ मनीष बंसल से सम्पर्क किया तो उन्होंने फोन नही उठाया, अब देखने वाली बात होगी मिडिया और आमजन में अपनी साफ छवि और अपने महकमों भ्रष्टाचार न होने की बात करने वाले दंबग स्वास्थ्य मंत्री इस पर क्या संज्ञान लेते हो और उनकी इस पर क्या कार्यवाही रहेगी,

बाईट : शिकायतकर्ता राजेश कुमार,
बाईट : रवि प्रकाश गुप्ता, डीसी फतेहाबादConclusion:
Last Updated : Jan 13, 2020, 9:01 PM IST
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