फतेहाबाद: डीसी डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने जिले में धान की फसल की कटाई के बाद बचे उसके अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. इसके लिए उन्होंने आदेश जारी कर दिए हैं. ये आदेश आगामी 5 दिसंबर 2020 तक जारी रहेंगे. जारी आदेशों में डीसी ने बताया गया है कि अक्सर किसानों द्वारा धान की फसल की कटाई के बाद बचे हुए उसके अवशेषों को जला दिया जाता है. जिससे वायु प्रदूषण होता है.
इन अवशेषों के जलने से होने वाले प्रदूषण से मनुष्य के स्वास्थ्य और जमीन की उर्वरता शक्ति के कम होने की संभावना रहती है. जबकि इन अवशेषों से पशुओं के लिए तूड़ा बनाया जा सकता है और इसके जलाने से चारे की भी कमी हो जाती है. अगर किसान अवशेषों को नहीं जलाएंगे तो चारे की कमी भी नहीं होगी. इसी के चलते फतेहाबाद जिले में पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
डीसी ने कहा कि इन आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है कि तो भारतीय दंड संहिता की धारा-188, संगठित वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम-1981 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. डीसी डॉ. नरहरि सिंह बांगड ने कहा कि अगर फिर भी किसान के द्वारा गेहूं की पराली जलाई जाती है तो खेत मालिक के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा.
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