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बैंक हड़ताल का दूसरा दिन, टोहाना में कर्मचारियों ने की नारेबाजी - बैंक हड़ताल फतेहाबाद

रेलवे रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक के बाहर सभी सरकारी बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया. आज की हड़ताल यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले की गई.

strike of banks fatehabad
टोहाना में बैंक कर्मचारियों ने की नारेबाजी
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Published : Feb 1, 2020, 8:03 PM IST

फतेहाबाद: वेतन वृद्धि समेत 12 सूत्री मांगों को लेकर सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारी 31 जनवरी और 1 फरवरी को दो दिनों की देशव्यापी हड़ताल पर हैं. हड़ताल के दूसरे दिन भी फतेहाबाद के सभी बैंक बंद रहे. जिस वजह से आम लोगों को काफी परेशानी हुई.

रेलवे रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक के बाहर सभी सरकारी बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक जुट होकर सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया. आज की हड़ताल यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले हुई. इस मौके पर कर्मचारियों ने कहा कि बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का समझौता पिछले 27 महीनों से लंबित पड़ा है, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है.

बैंक हड़ताल का दूसरा दिन

ये भी पढ़िए: कैथल: दूसरे दिन भी बैंकों की हड़ताल जारी, कर्मचारी बोले- जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं

उन्होंने कहा कि वित्त व्यवस्था को सुचारु रखने में बैंक अधिकारी और कर्मचारी अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. असहनीय मानसिक तनाव और बोझ भी वो सहन करते हैं. कर्मचारियों ने कहा कि वो अपनी मांगों लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन फिर भी सरकार उनकी नहीं सुन रही है.

बैंक कर्मचारियों ने सरकार को दी चेतावनी
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर 27 महीनों से लंबित मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया तो वो आगामी 11 से 13 मार्च तक तीन दिवसीय और फिर 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाकर सरकार का विरोध करेंगे.

फतेहाबाद: वेतन वृद्धि समेत 12 सूत्री मांगों को लेकर सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारी 31 जनवरी और 1 फरवरी को दो दिनों की देशव्यापी हड़ताल पर हैं. हड़ताल के दूसरे दिन भी फतेहाबाद के सभी बैंक बंद रहे. जिस वजह से आम लोगों को काफी परेशानी हुई.

रेलवे रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक के बाहर सभी सरकारी बैंकों के अधिकारियों और कर्मचारियों ने एक जुट होकर सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया. आज की हड़ताल यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले हुई. इस मौके पर कर्मचारियों ने कहा कि बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का समझौता पिछले 27 महीनों से लंबित पड़ा है, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है.

बैंक हड़ताल का दूसरा दिन

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उन्होंने कहा कि वित्त व्यवस्था को सुचारु रखने में बैंक अधिकारी और कर्मचारी अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. असहनीय मानसिक तनाव और बोझ भी वो सहन करते हैं. कर्मचारियों ने कहा कि वो अपनी मांगों लेकर कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं, लेकिन फिर भी सरकार उनकी नहीं सुन रही है.

बैंक कर्मचारियों ने सरकार को दी चेतावनी
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर 27 महीनों से लंबित मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया तो वो आगामी 11 से 13 मार्च तक तीन दिवसीय और फिर 1 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाकर सरकार का विरोध करेंगे.

Intro: जिला फतेहाबाद टोहाना में बैंकर्स यूनियन की ओर से शहर में विरोध प्रदर्शन किया गया। धरने की अध्यक्षता प्रधान रघुबीर सिंह लाम्बा ने की। दो दिन के धरना प्रदर्शन के चलते शहर में लगभग 150 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ।
Body:एक और जहां देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना बजट पेश किया, वहीं देश की अर्थवस्था में मुख्य भूमिका निभाने वाले बैंक अधिकारी व कर्मचारी सरकार के ही खिलाफ सड़कों पर दिखाई दिए। जी हां, अपने मांगों को लेकर हड़ताल की घोषणा कर चुके बैंक अधिकारी कर्मचारी आज दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। रेलवे रोड़ स्थित पंजाब नेशनल बैंक के बाहर सभी सरकारी बैंकों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने एक जुट होकर सरकार के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया। आज की हड़ताल यूनाईटिड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले हुई।

इस मौके पर अपने संबोधन में कर्मचारियों ने कहा कि बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन वृद्धि का समझौता पिछले 27 महीनों से लंबित पड़ा है, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इस पर
कोई कार्रवाई नहीं की है। जिससे कर्मचारियों को बहुत परेशानी उठानी पड़ती है। वित्त व्यवस्था को सुचारु रखने में बैंक अधिकारी व कर्मचारी अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। असहनीय मानसिक तनाव व बोझ भी वहन करते हैं। जितना काम बैंक्र्स कर रहे हैं, उस हिसाब से उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अपनी जिम्मेदारी निभाने में बैंक का हर अधिकारी व कर्मचारी निष्ठा से काम करता है। सरकार की अर्थव्यवस्था में किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी ना आने पाए, इसके लिए बैंक्र्स कड़ा तनाव सहते हैं। पिछले 27 महीनों से लंबित मांगों पर सरकार ने अभी तक कोई प्रक्रिया नहीं दी है। सरकार ने वायदा खिलाफी का काम किया है। वेतन वृद्धि के समझौते के बाद भी सरकार ने वेतन वृद्धि पर कोई काम नहीं किया। पर्याप्त लोडिंग के साथ पे स्लीप पर 20 प्रतिशत पर बढ़ोतरी पर वेतन समझौता सरकार ने बैंकों के साथ किया था, लेकिन इस पर कार्रवाई नहीं हुई। इसके अलावा पांच दिवसीय बैंकिंग, मूल वेतन के साथ विशेष भत्ते का विलय, पेंशन में बढ़ोतरी, पारिवारिक पेंशन में सुधार, सेवानिवृति पर लाभ पर आयकर में छूट, कच्चे कर्मचारियों के लिए समान कार्य समान वेतन पोलिसी आदि मांगों पर भी अभी तक सरकार ने कोई काम नहीं किया है। इस मौके पर बैंक अधिकारी पंकज पाहवा ने इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए सभी बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों का आभार प्रकट किया तथा आह्वान किया कि आगे के संघर्ष के लिए भी हमेशा एकजुट रहें। इस हड़ताल के दौरान उपभोक्ताओं व आमजन को हुई परेशानी के लिए भी उन्होंने खेद प्रकट किया।

इस मौके पर सभी अधिकारियों व कर्मचारियों ने रोष जताते हुए सरकार को चेतावनी दी कि 27 महीनों से लम्बित मांगों को अगर जल्द से जल्द सरकार ने पूरा नहीं किया गया तो आगामी 11 से 13 मार्च तीन दिवसीय तथा एक अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाकर सरकार का विरोध किया जाएगा। इस हड़ताल में बैंकों के पूर्व कर्मचारियों व अधिकारियों ने भी बढ़चढ कर भाग लिया तथा अपना पूरा सहयोग दिया।
क्या कहते है युनियन सर्कल प्रधान -
इस बारे में यूनियन के सर्कल प्रधान रघुवीर ने बताया कि पिछले लगभग तीन साल से अपने वेतन व्रद्धि सहित अनेक मांगो को लेकर सरकार से मांग कर रहे है लेकिन सरकार उनकी मांग की ओर ध्यान नही दे रही है। इसी के विरोध के चलते दो दिन की हड़ताल की जा गई है तथा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया है।




Conclusion:bite_ युनियन सर्कल प्रधान रघुवीर
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