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घूसखोर खाकी! फतेहाबाद में 50 हजार रिश्वत लेते पुलिसकर्मी काबू, केस वापस लेने के लिए मांगे थे 7 लाख - विजलेंस विभाग की रेड फतेहाबाद

विजलेंस की टीम ने फतेहाबाद से घूसखोर पुलिसकर्मी को 50 हजार की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया है. आरोपी पुलिसकर्मी ने केस से नाम हटाने के लिए पुसिसकर्मी से 7 लाख रूपये की रिश्वत मांगी थी.

घूसखोर ‘खाकी’!
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Published : Nov 14, 2019, 11:26 PM IST

Updated : Nov 14, 2019, 11:32 PM IST

फतेहाबाद: गुरुग्राम और रेवाड़ी विजलेंस टीम ने रेड कर एक पुलिसकर्मी को 50 हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. संदीप सिंह नाम का ये पुलिसकर्मी एनडीपीएस के एक मामले से व्यक्ति का नाम हटाने की एवज में घूस मांग रहा था.

50 हजार की रिश्वत के साथ पुलिसकर्मी गिरफ्तार
शिकायतकर्ता राजीव कुमार ने बताया की उससे आरोपी पुलिसकर्मी ने 7 लाख रूपये की रिश्वत मांगी थी. जिसमें से वो डेढ़ लाख रुपए पहले ही आरोपी को दे चुका था. इसके बाद आरोपी पुलिसकर्मी उसे बार-बार बाकी की रकम देने के लिए परेशान कर रहा था.

मामले से नाम हटाने के लिए मांगे 7 लाख
बता दें कि सीआईए रतिया ने 4 अगस्त 2019 को अमानी निवासी दलजीत को नशीले पदार्थ के साथ पकड़ा था. दलजीत ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि वो ये माल रोजरखेड़ा निवासी राजीव से लाया था. वहीं राजीव का आरोप है कि सीआईए इंचार्ज हरपाल सिंह 6 अगस्त को पुलिस के साथ उसकी गैरहाजिरी में उसके घर आया और अपना फोन नंबर देकर गया. जिसके बाद उसे मामले से निकलने के लिए 7 लाख रूपये की रिश्वत मांगी गई.

फतेहाबाद में 50 हजार रिश्वत के साथ पुलिसकर्मी काबू

ये भी पढ़िए: चंडीगढ़ की सेहत खराब ! एयर क्वालिटी इंडेक्स 214 के पार, 48 घंटों तक राहत की संभावना नहीं

रतिया सीआईए इंचार्ज पर कस सकता है शिकंजा

बता दें कि इस पूरे मामले में सीआईए रतिया के कर्मचारियों के हाथ भी रंगे हुए हैं. विजलेंस की टीम रतिया पुलिस के सीआईए इंचार्ज हरपाल सिंह पर भी शिकंजा कस सकती है. फिलहाल विजिलेंस संदीप को काबू कर पूछताछ में जुट गई है.

फतेहाबाद: गुरुग्राम और रेवाड़ी विजलेंस टीम ने रेड कर एक पुलिसकर्मी को 50 हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. संदीप सिंह नाम का ये पुलिसकर्मी एनडीपीएस के एक मामले से व्यक्ति का नाम हटाने की एवज में घूस मांग रहा था.

50 हजार की रिश्वत के साथ पुलिसकर्मी गिरफ्तार
शिकायतकर्ता राजीव कुमार ने बताया की उससे आरोपी पुलिसकर्मी ने 7 लाख रूपये की रिश्वत मांगी थी. जिसमें से वो डेढ़ लाख रुपए पहले ही आरोपी को दे चुका था. इसके बाद आरोपी पुलिसकर्मी उसे बार-बार बाकी की रकम देने के लिए परेशान कर रहा था.

मामले से नाम हटाने के लिए मांगे 7 लाख
बता दें कि सीआईए रतिया ने 4 अगस्त 2019 को अमानी निवासी दलजीत को नशीले पदार्थ के साथ पकड़ा था. दलजीत ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि वो ये माल रोजरखेड़ा निवासी राजीव से लाया था. वहीं राजीव का आरोप है कि सीआईए इंचार्ज हरपाल सिंह 6 अगस्त को पुलिस के साथ उसकी गैरहाजिरी में उसके घर आया और अपना फोन नंबर देकर गया. जिसके बाद उसे मामले से निकलने के लिए 7 लाख रूपये की रिश्वत मांगी गई.

फतेहाबाद में 50 हजार रिश्वत के साथ पुलिसकर्मी काबू

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रतिया सीआईए इंचार्ज पर कस सकता है शिकंजा

बता दें कि इस पूरे मामले में सीआईए रतिया के कर्मचारियों के हाथ भी रंगे हुए हैं. विजलेंस की टीम रतिया पुलिस के सीआईए इंचार्ज हरपाल सिंह पर भी शिकंजा कस सकती है. फिलहाल विजिलेंस संदीप को काबू कर पूछताछ में जुट गई है.

Intro:फतेहाबाद में गुडगांवा और रेवाड़ी बिजनेस टीम ने रेड कर पुलिसकर्मी संदीप सिंह को 50 हजार रूपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों काबू, सिपाही की रिट्ज कार को भी किया गया जब्त, एनडीपीएस के एक मामले में व्यक्ति का नाम निकलवाने की एवज में मांगी गई थी 7 लाख रूपये की रिश्वत, डेढ़ लाख रुपए पहले ही दे चुका था शिकायतकर्ता राजीव कुमार, बाकी राशि को लेकर सिपाही द्वारा किया जा रहा था परेशान, रतिया पुलिस के सीआईए इंचार्ज हरपाल सिंह की ओर से दलाल की भूमिका निभा रहा था पकड़ा गया सिपाही संदीप कुमार, विजिलेंस संदीप को काबू कर पूछताछ में जुटी, रतिया सीआईए इंचार्ज हरपाल सिंह पर भी कर सकता है शिकंजा, पुलिस कर्मी का मामला होने के चलते ही विजिलेंस ने मीडिया को नहीं दी बाईट, घंटों तक कवरेज के लिए खड़े रहे मीडिया कर्मी।Body:डीजी विजीलैंस के निर्देश पर बुधवार को विजीलैंस गुडग़ांव व रेवाड़ी की टीम ने फतेहाबाद में रेड कर हरियाणा पुलिस के सिपाही संदीप सिंह निवासी बिठमड़ा को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। विजीलैंस ने सिपाही की रिटज कार को भी जब्त कर लिया है। विजीलैंस ने डयूटि मैजिस्ट्रेट तहसीलदार विजय कुमार की मौजूदगी में शिकायतकर्ता राजीव उर्फ राजू निवासी रोजखेड़ा (उचाना) की शिकायत पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इस पूरे मामले में सीआईए रतिया के कर्मचारियों के हाथ भी रंगे हुए हैं। आरोपी संदीप कुमार फिलहाल हिमाचल के सरहान में रिपीटर स्टेशन की डयूटी पर कार्यरत है।
शिकायतकर्ता राजीव उर्फ राजू सिरसा क्षेत्र में पशुओं का प्राईवेट तौर पर ईलाज करता है। उल्लेखनीय है कि सीआईए रतिया ने 4 अगस्त 2019 को अमानी निवासी दलजीत उर्फ दर्शन को नशीले पदार्थ के साथ पकड़ा था। दर्शन ने पूछताछ में पुलिस को बताया था वह यह माल रोजरखेड़ा निवासी राजू से लाया था। राजू का आरोप है कि सीआईए इंचार्ज हरपाल सिंह 6 अगस्त को पुलिस पार्टी के साथ उसकी गैरहाजिरी में उसके घर आया और अपना फोन नम्बर देकर आया और मामला निपटाने के लिए बात करवाने को कहा। राजू का आरोप है कि जब उसने हरपाल से बात की तो उसने सिपाही संदीप का नम्बर देकर कहा कि संदीप ही इस मामले में डील करेगा। जब उसने संदीप से बात की तो संदीप ने उससे 10 लाख की मांग की मगर उनका 7 लाख में सौदा तय हो गया। संदीप ने बताया कि वह 25 अगस्त को डेढ़ लाख रुपये लेकर सीआईए रतिया पहुंचा तो उससे रुपये लेकर संदीप ने हरपाल व कम्प्यूटर आपे्रटर में बांट दिए और अगले दिन 26 अगस्त को फिर आने को कहा। जब वह 26 अगस्त को सीआईए पहुंचा तो उसे टोहाना ले जाकर गिरफ्तारी डाल दी गई। जब वह घर नहीं लौटा तो उसके परिजनों ने संदीप से बात की। संदीप ने कहा उस पर अभी कई मामले हैं, इसलिए उसे सिंगापुर भेज दिया है। राजू का कहना है कि उसने किसी तरह जेल से घर संदेश भिजवाया कि वह जेल में है। राजीव की 22अक्तूबर को हाईकोर्ट से जमानत हो गई। राजू का आरोप है कि 26 अक्तूबर को संदीप उनके घर आया और बाकी 5 लाख की डिमांड करने लगा। उन्होंने मामले की जानकारी हिसार व सिरसा विजीलैंस को दी मगर उन्होंने कार्रवाई से इन्कार कर दिया। मजबूरन उसने टोल फ्री नम्बर पर डीजी विजीलैंस से बात की। उसे रिवाड़ी में इंस्पैक्टर के पास भेजा गया। संदीप कल रात भी उनके घर आया तो विजीलैंस के निर्देश पर आज पेमेंट देने के लिए कोर्ट के बाहर बुलाया गया। जैसे ही संदीप ने राजू से रुपये पकड़े, विजीलैंस टीम के इंचार्ज इंस्पैक्टर कुलवंत सिंह, सब इंस्पैक्टर जयचंद व एएसआई सतबीर ने संदीप को दबोच लिया। विजीलैंस ने पाऊडर लगे नोट भी बरामद कर मुकदमा दर्ज कर दिया। इस मामले में सीआईए रतिया की टीम पर भी कार्रवाई सम्भव है। वहीं इस मामले में विजलेंस टीम मीडिया से बचती नजर आई। मामला पुलिस कर्मी का होने के चलते मीडिया को बिजनेस टीम की ओर से कोई जानकारी और बाइट तक नहीं दी गई।
बाईट- शिकायतकर्ता राजीव उर्फ राजूConclusion:
Last Updated : Nov 14, 2019, 11:32 PM IST

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