फतेहाबाद : फतेहाबाद में पराली में लगी आग (Parali fire in Fatehabad) को बुझाने पहुंचे कर्मचारियों को किसानों ने बंधक बना लिया. दरअसल, पराली जलाने को लेकर सरकार की ओर से एक फरमान जारी किया गया था. इस फरमान में जुर्माना और सजा का प्रावधान किया (Provision of fine for burning stubble) गया है. इसी मसले को लेकर अब प्रशासन और किसान आमने-सामने आ गए हैं. एक ओर प्रशासन पराली जलाने वालों पर सख्ती बढ़ाता जा रहा है तो वहीं किसान भी अपनी मजबूरी का हवाला देकर पराली जलाने को बाध्य हैं.
फतेहाबाद के रतिया में सोमवार को खेतों में जल पराली को बुझाने के लिए मौके पर पहुंचे कृषि विभाग के कर्मचारियों को किसानों ने बंधक बना लिया. वहीं किसानों ने कहा कि जब तक कोई बड़ा अधिकारी मौके पर नहीं आएगा, तब तक कर्मचारियों को नहीं छोड़ा जाएगा.
सूचना मिलते ही रतिया थाना प्रभारी मौके पर पहुंच गए और किसानों को समझाने का प्रयास किया. किसानों का कहना था कि सरकार एक ओर तो किसानों को पराली न जलाने का आह्वान करते हुए पराली की गांठे बनाने के लिए जरूरी मशीने उपलब्ध करवाने की बात कह (stubble dispute in fatehabad) रही है. वहीं दूसरी ओर किसानों को कोई भी मशीनें उपलब्ध भी नहीं कराई जा रही है.
उन्होंने कहा कि किसानों की पराली खेतों में पड़ी हुई है. किसानों ने कहा कि गेहूं बिजाई का सीजन भी चल रहा है. अगर पराली का समय पर प्रबंधन न किया गया तो गेहूं की बिजाई में देरी हो सकती है. सरकारी कर्मचारियों को किसानों ने बंधक बनाया तो सरकारी महकमे में हड़कंप मच (stubble dispute in haryana) गया.
रतिया से थाना प्रभारी मौके पर पहुंच गए और किसानों को समझाबुझा कर कर्मचारियों को मुक्त कराया. किसानों ने सरकार और प्रशासन को दो टूक शब्दों में कहा है कि अगर उन्हें पराली प्रबंधन के लिए यथा संभव मशीने उपलब्ध नहीं कराई गई तो वह पराली (Stubble burning fine) जलाने पर मजबूर होंगे.