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नहर पर कपड़े धोने गई मां-बेटी, डूबने से बेटी की मौत - हिंदी समाचार

टोहाना इलाके की गांव जमालपुर में नहर मे कपड़े धोने के लिए गई मां-बेटी नहर में गिर गई.

अस्पताल में भर्ती महिला
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Published : Mar 20, 2019, 7:23 AM IST

फतेहाबाद: टोहाना इलाके की गांव जमालपुर में नहर मे कपड़े धोने के लिए गई मां-बेटी नहर में गिर गई. जिसके बाद ग्रामीणों ने तुरंत नहर में छलांग लगा दी तथा लडकी की मां को निकाल लिया जबकि लडकी की मौत हो गई. राहगीरों ने दोनों को नागरिक अस्पताल में पहुंचाया जहां लडकी को मृत घोषित कर दिया गया.

अजमेर सिंह, एएसआई

एएसआई अजमेर सिंह ने बताया कि गांव में नहर पर कपड़े धोने के लिए गई महिलाएंनहर में गिर गई थीं. ग्रामीणों की मदद से उन्हें बाहर निकाला तो उसकी बेटी को मृत पाया गया तथा महिला का ईलाज चल रहा है. मामले की जांच की जा रही है.

फतेहाबाद: टोहाना इलाके की गांव जमालपुर में नहर मे कपड़े धोने के लिए गई मां-बेटी नहर में गिर गई. जिसके बाद ग्रामीणों ने तुरंत नहर में छलांग लगा दी तथा लडकी की मां को निकाल लिया जबकि लडकी की मौत हो गई. राहगीरों ने दोनों को नागरिक अस्पताल में पहुंचाया जहां लडकी को मृत घोषित कर दिया गया.

अजमेर सिंह, एएसआई

एएसआई अजमेर सिंह ने बताया कि गांव में नहर पर कपड़े धोने के लिए गई महिलाएंनहर में गिर गई थीं. ग्रामीणों की मदद से उन्हें बाहर निकाला तो उसकी बेटी को मृत पाया गया तथा महिला का ईलाज चल रहा है. मामले की जांच की जा रही है.

स्टोरी। मानव रचना यूनिवर्सिटी का दूसरा दीक्षांत समारोह हुआ,  पद्म भूषण डॉ. डीआर मेहता ने बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लिया


एंकर । फरीदाबाद मानव रचना यूनिवर्सिटी के दूसरे दीक्षांत समारोह के मौके पर 386 छात्रों को डिग्री दी गई। इस मौके पर अपने कोर्स के दौरान टॉपर और बेहतरीन कार्य करने वाले विद्यार्थियों को अलग-अलग मेडल्स से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में पद्म भूषण डॉ. डीआर मेहता ने बतौर मुख्य अथिति और फिल्म डायरेक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने सम्मानीय अतिथि हिस्सा लिया।
पद्म भूषण डॉ. डीआर मेहता ने इस दौरान छात्रों के साथ अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा कि यह छात्रों के कठिन परिश्रम का नतीजा है कि वह आज डिग्री लेने में कामयाब हो पाए हैं। उन्होंने कहा, मुसीबत से दूर नहीं भागना चाहिए बल्कि उसका सामना करना चाहिए।
डायरेक्टर राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने अपने कॉलेज के दिनों को याद किया। उन्होंने कहा, कि हमारे समय में इस तरह के आयोजन नहीं किए जाते थे, बल्कि उनकी डिग्री डाक के जरिए घर आती थी या फिर एडमिन डिपार्टमेंट से कलेक्ट करनी पड़ती थी, लेकिन आजकल के छात्र सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें डिग्री दीक्षांत समारोह के जरिए दी जाती है। उन्होंने छात्रों से कहा, कि वह सपनें देखें, क्योंकि सपने देखेंगे तभी तो उड़ान भर सकेंगे।

बाइट । पद्म भूषण डॉ. डीआर मेहता। 
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