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नेशनल मेडिकल कमीशन बिल के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की हड़ताल

फतेहाबाद में नेशनल मेडिकल कमीशन(एनएमसी)- 2019 के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आईएमए) ने हड़ताल की. हड़ताल के दौरान सभी प्राइवेट अस्पताल बंद रहे इस दौरान ओपीडी सेवाएं 24 घंटे के लिए ठप कर दी गई है.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की हड़ताल
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Published : Jul 31, 2019, 5:18 PM IST

फतेहाबाद: संसद से पास हुए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल - 2019 के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आईएमए) ने एक दिन के लिए राष्ट्रव्यापी हड़ताल किया. हड़ताल के दौरान सभी प्राइवेट अस्पताल बंद रहे जिसके कारण प्राइवेट अस्पतालों में जाने वाले मरीज परेशान दिखे.

हड़ताल की वजह

हड़ताल के बारे में आईएमए के जिला प्रधान डॉ. पवन मेहता ने बताया कि संसद में पास बिल के कई प्रावधानों पर हमें ऐतराज है. यह बिल लोकतंत्र के संवैधानिक ढांचे को प्रभावित करने वाला है.

उन्होंने कहा कि 10 साल तक प्रैक्टिस करने वाले एक डॉक्टर के समान 6 महीने की प्रैक्टिस डिप्लोमा डिग्री होल्डर को मान्यता देने का प्रावधान इस नए बिल में है जो कि सही नहीं है. इसके अलावा मेडिकल संस्था में नॉमिनेटेड सदस्यों की संख्या बढ़ा दी गई है वो भी ठीक नहीं है.

वीडियो देखने के लिए क्लिक करें

उन्होंने कहा कि आईएमए की ओर से 1 दिन की हड़ताल की गई है और सरकार अगर मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो आईएमए की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आदेश पर अगला रूख तैयार किया जाएगा.

मरीज रहे परेशान

डाक्टरों के हड़ताल पर जाने से मरीज खासे परेशान दिखे. अपने बच्चे का इलाज कराने आए श्रवण कुमार ने बताया कि अस्पताल में हड़ताल के कारण उसके बच्चे का इलाज नहीं हो पाया और उन्हें मेडिकल से ही दवा लेकर वापस जाना पड़ रहा है.

फतेहाबाद: संसद से पास हुए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल - 2019 के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आईएमए) ने एक दिन के लिए राष्ट्रव्यापी हड़ताल किया. हड़ताल के दौरान सभी प्राइवेट अस्पताल बंद रहे जिसके कारण प्राइवेट अस्पतालों में जाने वाले मरीज परेशान दिखे.

हड़ताल की वजह

हड़ताल के बारे में आईएमए के जिला प्रधान डॉ. पवन मेहता ने बताया कि संसद में पास बिल के कई प्रावधानों पर हमें ऐतराज है. यह बिल लोकतंत्र के संवैधानिक ढांचे को प्रभावित करने वाला है.

उन्होंने कहा कि 10 साल तक प्रैक्टिस करने वाले एक डॉक्टर के समान 6 महीने की प्रैक्टिस डिप्लोमा डिग्री होल्डर को मान्यता देने का प्रावधान इस नए बिल में है जो कि सही नहीं है. इसके अलावा मेडिकल संस्था में नॉमिनेटेड सदस्यों की संख्या बढ़ा दी गई है वो भी ठीक नहीं है.

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उन्होंने कहा कि आईएमए की ओर से 1 दिन की हड़ताल की गई है और सरकार अगर मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो आईएमए की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आदेश पर अगला रूख तैयार किया जाएगा.

मरीज रहे परेशान

डाक्टरों के हड़ताल पर जाने से मरीज खासे परेशान दिखे. अपने बच्चे का इलाज कराने आए श्रवण कुमार ने बताया कि अस्पताल में हड़ताल के कारण उसके बच्चे का इलाज नहीं हो पाया और उन्हें मेडिकल से ही दवा लेकर वापस जाना पड़ रहा है.

Intro:एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) बिल-2019 के विरोध में आईएम (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन)की हड़ताल, फतेहाबाद में बंद रहे सभी प्राइवेट अस्पताल, आईएमए के फतेहाबाद जिला प्रधान डॉ. पवन मेहता बोले- बिल के विरोध में आईएमए की ओर से राष्ट्रव्यापाी हड़ताल का एलान किया गया था, एलान के तहत आज सभी प्राइवेट अस्पताल रखे गए बंद, ओपीडी सेवाएं 24 घंटे के लिए रखी गईं हैं ठप, सरकार द्वारा 10 साल तक प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टरों के समक्ष 6 महीने की प्रेक्टिस करने वाले को डिग्री देने का प्रावधान बिल में किया गया है, इसके अलावा मेडिकल काउंसलि में नोमिटेडि सदस्यों की संख्या बढ़ाने से भी व्यवस्था बिगड़ेगी, इसके विरोध में आईएमए ने की है हड़ताल, आईएमए के आगामी आदेशों के बाद लिया जाएगा हड़ताल पर अगला फैसला, हड़ताल रहने से प्राइवेट अस्पताल में आने वाले मरीजों को उठाना पड़ा परेशानी का सामना। Body:संसद से पास हुए एनएमसी बिल-2019 के विरोध में आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने राष्ट्रव्यापाी हड़ताल रखी। आईएमए के हड़ताल के आह्वान पर आज फतेहाबाद में सभी प्राइवेट अस्पताल बंद रहे और प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीज परेशान दिखे। 24 घंटे के लिए की गई हड़ताल के बारे में जानकारी देते हुए आईएमए के जिला प्रधान डॉ. पवन मेहता ने बताया कि एनएमसी बिल जो कि संसद से पास हुआ है उसमें कई नये प्रावधानों पर आईएमए को एतराज है और ये लोकतंत्र में एक संगठनात्मक ढांचे को प्रभावित करने वाला है। उन्होंने कहा कि 10 साल तक प्रेक्टिस करने वाले एक डॉक्टर के समान 6 महीने की प्रेक्टिस डिप्लोमा/डिग्री होल्डर को मान्यता देने का प्रावधान इस नये बिल में है जो कि सही नहीं है। इसके अलावा मेडिकल संस्था में नोमिनेटिड सदस्यों की संख्या बढ़ा दी गई है जो कि सही नहीं है। इसलिए आईएमए की ओर से 1 दिन की हड़ताल की गई है और सरकार अगर इस हड़ताल के जरिए मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो आईएमए की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के आदेश पर अगला रूख तैयार किया जाएगा। वहीं आज प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीज परेशान दिखे। बच्चों के अस्पताल में अपने बच्चे का ईलाज करवाने पहुंचे श्रवण कुमार ने बताया कि अस्पताल में हड़ताल के कारण उसके बच्चे का ईलाज नहीं हो पाया और उसे मेडिकल से ही दवा लेकर वापिस जाना पड़ रहा है।

बाइट : डॉ. पवन मेहता, जिला प्रधान, आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन)Conclusion:null
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