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फतेहाबाद: मकान की छत गिरी, बेघर हुई बुजुर्ग विधवा और उसकी दो पोतियां - झाड़ू पोछा

टोहाना के किला मोहल्ला में एक धमाके के साथ घर की छत गिर गई. शुक्र है उस समय परिवार का कोई सदस्य छत के नीचे नहीं था वरना हादसा बड़ा हो सकता था.

मकान की छत गिरी
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Published : Aug 7, 2019, 8:49 PM IST

फतेहाबाद: इस महंगाई के दौर में एक गरीब आदमी के सिर से छत छिन जाए तो उसकी क्या हालत होगी, आप इसे समझ सकते हैं. वहीं अगर वो विधवा हो जो अपनी दो पोतियों का भी पालन पोषण, लोगों के घरों में झाड़ू पोछा करके कर रही हो तो उसके लिए ये किसी मुसीबत से कम नहीं होगा.

मकान की छत गिरी

ऐसा ही एक वाक्या टोहाना के किला मोहल्ले में हुआ है. यहां एक बुजुर्ग विधवा अपनी दो पोतियों के साथ जीवन गुजार रही थी, ऐसे में एक धमाका हुआ और पूरी छत नीचे गिर गई. घर का सारा सामान नीचे दबकर टूट गया.

शुक्र है उस समय परिवार का कोई सदस्य छत के नीचे नहीं था, वरना हादसा बड़ा हो सकता था. धमाके की आवाज सुनकर पड़ोसी भागकर आए. देखा तो घर में रखा सामान गिरे हुए मलबे के नीचे दबकर बर्बाद हो चुका था. बुजुर्ग विधवा ने सरकार और प्रशासन से आर्थिक मदद की मांग की है.

ये भी पढ़ें- सीएम मनोहर लाल और ओपी धनखड़ ने दिया सुषमा स्वराज के पार्थिव शरीर को कंधा, देखिए VIDEO

वहीं पड़ोसी कर्मवीर ने बताया कि हमें धमाके की आवाज सुनाई दी भागकर आए तो देखा मकान की छत गिर चुकी थी, अंदर रखा सारा सामान मलबे के नीचे दबकर बर्बाद हो चुका था. उन्होंने बताया कि बुजुर्ग महिला अपनी पोतियों के साथ मेहनत मजदूरी कर अपने गुजर बसर कर रही है.

कुछ समय पहले महिला की पुत्रवधू की मौत हो चुकी है. इस कारण दोनों पोतियों के पालन पोषण का भार भी इसी महिला पर है. लोगों ने सरकार और प्रशासन महिला को आर्थिक सहायता देने की मांग की है. ताकि महिला और उसकी पोतियों को सिर ढ़कने के लिए छत मिल सके.

फतेहाबाद: इस महंगाई के दौर में एक गरीब आदमी के सिर से छत छिन जाए तो उसकी क्या हालत होगी, आप इसे समझ सकते हैं. वहीं अगर वो विधवा हो जो अपनी दो पोतियों का भी पालन पोषण, लोगों के घरों में झाड़ू पोछा करके कर रही हो तो उसके लिए ये किसी मुसीबत से कम नहीं होगा.

मकान की छत गिरी

ऐसा ही एक वाक्या टोहाना के किला मोहल्ले में हुआ है. यहां एक बुजुर्ग विधवा अपनी दो पोतियों के साथ जीवन गुजार रही थी, ऐसे में एक धमाका हुआ और पूरी छत नीचे गिर गई. घर का सारा सामान नीचे दबकर टूट गया.

शुक्र है उस समय परिवार का कोई सदस्य छत के नीचे नहीं था, वरना हादसा बड़ा हो सकता था. धमाके की आवाज सुनकर पड़ोसी भागकर आए. देखा तो घर में रखा सामान गिरे हुए मलबे के नीचे दबकर बर्बाद हो चुका था. बुजुर्ग विधवा ने सरकार और प्रशासन से आर्थिक मदद की मांग की है.

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वहीं पड़ोसी कर्मवीर ने बताया कि हमें धमाके की आवाज सुनाई दी भागकर आए तो देखा मकान की छत गिर चुकी थी, अंदर रखा सारा सामान मलबे के नीचे दबकर बर्बाद हो चुका था. उन्होंने बताया कि बुजुर्ग महिला अपनी पोतियों के साथ मेहनत मजदूरी कर अपने गुजर बसर कर रही है.

कुछ समय पहले महिला की पुत्रवधू की मौत हो चुकी है. इस कारण दोनों पोतियों के पालन पोषण का भार भी इसी महिला पर है. लोगों ने सरकार और प्रशासन महिला को आर्थिक सहायता देने की मांग की है. ताकि महिला और उसकी पोतियों को सिर ढ़कने के लिए छत मिल सके.

Intro:किला मौहल्ला वार्ड नंबर 11 में माकन की छत गीरी, घर का सारा सामान नीचे दबा, हुआ भारी नुकसानख्,उस समय परिवार के सदस्य छत के नीचे नही थे हादसा बड़ा हो सकता था एक वृद्ध विधवा महिला अपनी दो पोतियों के साथ घर में रह रही है, लोगों के घरों में मेहनत मजदूरी कर बनाया था घर का सामान,वृद्ध महिला ने सरकार व प्रशासन से सहायता की लगाई गुहार।Body:आज महंगाई के दौर में एक गरीब आदमी के सिर से छत छिन जाए तो उसके दिल की यथास्थिति कैसी होगी आप भ्भली प्रकार जानते है वंही अगर वह महिला विधवा हो जो अपनी दो पोतियों का भी पालणा पौषण लोगों के घरों में झाडू पोख्चा करके कर रही हो ऐसा की एक वाक्या टोहाना के किला मौहल्ला में हुआ है एक वृद्ध विधवा महिला अपनी दो पोतियों के साथ एक घर में रह रही थी यंहा तक उसकी पुत्रवधू की कुछ समय पहले मृत्यू हो चुकी है इस लिए दोनों पोतियों उसके साथ रह रही है। तीनों प्राणी एक छत के नीचे अपने जीवन का के पल गुजार रहे थे ऐसे में एक धमाका हुआ घर की छत गिर गई घर का सारा सामान नीचे दबकर टूट गया। ऐसे में धमाके की आवाज सुनकर पड़ोसी भागकर आए देखा तो घर में रखा सामान गिरे हुए मलबे के नीचे दबकर समाप्त हो चुका था वृद्ध महिला को हौसला दिया घर का बचा हुआ सामान बाहर निकालने में महिला की सहायता करने लगे। महिला जीजो बाई ने प्रशासन व सरकार से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई है।
पड़ोसी कर्मवीर ने बताया कि हम धमाके की आवाज सुनाई दी भागकर आए तो देखा मकान की छत गिर चुकी थी अंदर रखा सारा सामान मलबे के नीचे दबकर समाप्त हो चुका था उन्होने बताया कि वृद्ध महिला अपनी पोतियों के साथ मेहनत मजदूरी कर अपने गुजर बसर कर रही है कुछ समय पहले महिला की पुत्रवधू की मृत्यू हो चुकी है इस कारण दोनों पोतियों के पालन पोषण का भार भी इसी महिला पर है। शुक्र है उस समय परिवार का कोई सदस्य छत के नीचे नही था नही तो हादसा बड़ा हो सकता था। अगर सरकार व प्रशासन महिला की आर्थिक सहायता करने में सहयोग करे ताकि महिला व उसकी पोतियों को सिर ढकने के लिए छत मिल सके।Conclusion:bite1: मकान मालिक जीजो बाई
bite2: पड़ोसी कर्मवीर
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