फतेहाबाद: फतेहाबाद में प्रदूषण की चादर दिनों दिन घनी होती जा रही है. प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. मंगलवार सुबह शहर में धुआं ही धुंआ नजर आया. सरकार की सख्ती के बावजूद किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे है. प्रदूषण के चलते लोगों को आंखों में जलन और दमा के मरीजों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 के पार
मंगलवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 पर पहुंच गया, जोकि स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है. मौसम में नमी होने के कारण हालात बद से बदतर होते जा रहे है. पराली के धुंए में धुंध मिलने से स्मॉग बन गया है और शहर में विजिबिलिटी भी कम हो गई. वाहन चालकों को दिन में ही लाइट जलाना पड़ा रहा है.
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इतना खतरनाक होता है स्मॉग
स्मॉग में सूक्ष्म पर्टिकुलेट कणों के अलावा नाइट्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाई ऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें होती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ये सभी तत्व इंसानों की सेहत के लिए खतरनाक हैं. गाड़ियों के धुएं से हवा में मिलने वाले स्मॉग के सूक्ष्म कण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा करते हैं. इन कणों की मोटाई लगभग 2.5 माइक्रोमीटर होती है. स्मॉग में होने वाले तत्व और गैसे इंसानों के साथ पशु-पक्षियों के श्वसन तंत्र को भी गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं.
पहले भी किसानों ने दी थी आत्मदाह की धमकी
आपको बता दें कि बीते कुछ दिन पहले फतेहाबाद में किसानों ने सामुहिक रुप से आत्मदाह की धमकी दी थी. किसानों ने कहा कि प्रदूषण का सारा जिम्मा सरकार किसानों पर डाल रही है. जबकि फसल कि मंदी के चलते किसान पहले से परेशान हैं. किसानों ने कहा कि अगर प्रशासन ने उन पर ज्यादा दबाव बनाया तो किसान सामूहिक आत्मदाह का कदम भी उठा सकते हैं.