फतेहाबाद: नूंह हिंसा में शहीद हुए होमगार्ड के जवान गुरसेवक का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इससे पहले परिजनों और ग्रामीणों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा किया. परिजन और ग्रामीण होमगार्ड के पार्थिव शरीर को तिरंगे में ना लाने का विरोध कर रहे थे. जिससे गुस्साए परिजनों ने गुरसेवक के दाह संस्कार को रोक दिया. बढ़ते विरोध को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने आनन-फानन में तिरंगा मंगवाया. तब जाकर परिजनों का गुस्सा शांत हुआ. इसके बाद तिरंगा ओढ़ाकर शहीद गुरसेवक को श्रद्धांजलि दी गई.
ये भी पढ़ें- हिंसा में मारे गए अभिषेक के परिजनों ने शव लेने से किया इनकार, आज पानीपत बंद का आव्हान
अंतिम संस्कार से पहले विवाद: मंगलवार देर रात को ही होमगार्ड गुरसेवक का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव फतेहपुरी पहुंच गया था. रात भर शहीद के अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों का आना-जाना लगा रहा. बुधवार सुबह जब जवान की अंतिम यात्रा शुरू की गई, तो गांव के लोगों ने नम आंखों से गुरसेवक को विदाई दी. गुरसेवक के दाह संस्कार से पहले विवाद तब हुआ जब अंतिम संस्कार के समय सलामी तो दी गई, लेकिन पार्थिव देह के साथ राष्ट्रीय ध्वज नहीं लाया गया, जिस पर परिजनों, ग्रामीणों और होमगार्ड के अन्य जवानों ने विरोध जताया. इस वजह से घंटा भर के लिए अंतिम संस्कार रोक दिया गया.
4 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि: जिसके बाद आनन-फानन में प्रशासन की तरफ से तिरंगा लाया गया और उसे ओढ़ाकर गुरसेवक को श्रद्धांजलि दी गई. गुरसेवक के चार वर्षीय बेटे एकम ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण, राजनीतिक दलों के नेता, एसपी आस्था मोदी सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे. ग्रामीणों ने कहा कि जब जंग या हिंसा होती है, तो जवानों को आगे कर दिया जाता है और अब तिरंगे की बारी आई तो जवान को पीछे कर दिया गया. यहां सभी दलों द्वारा वोट बैंक की राजनीति की जा रही है. तिरंगा ना लाकर उनके जख्मों पर नमक छिड़का गया है.
वहीं अपने साथी को विदा करने पहुंचे अन्य होमगार्ड जवानों ने भी इस पर ऐतराज जताते हुए कहा कि जवान गुरसेवक को तिरंगे में लाना था, जब तक मान सम्मान नहीं होगा, तब तक अंतिम संस्कार नहीं होगा. उन्होंने कहा कि होमगार्ड जवान को अभी तक शहीद का दर्जा नहीं दिया गया, ना ही तिरंगे में लाया गया, ये उनके जवान के साथ नाइंसाफी है. वहीं बाद में एसपी आस्था मोदी ने कहा कि ये इन बातों के लिए सही समय नहीं है, ऑन ड्यूटी डेथ हुई है, इसलिए सारे प्रोटोकॉल फॉलो किए जा रहे हैं, जवान को सलामी दी गई है और तिरंगा लाने की मांग पर अब तिरंगा मंगवाया गया है.
एसपी ने कहा कि गुरुग्राम पुलिस ने जवान के परिजनों को 57 लाख रुपये की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि पर परिजनों की जो भी मांगें हैं. वो लिखित में दे दें, उनको वो खुद फॉलो करवाएंगी. इस मौके पर हरियाणा सार्वजनिक उपक्रम ब्यूरो के चेयरमैन सुभाष बराला, जेजेपी प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह, पूर्व मंत्री परमवीर सिंह, मंत्री देवेंद्र बबली के भाई विनोद बबली, कांग्रेस नेता रणधीर सिंह, हरपाल सिंह बुढानिया, आप नेता हरपाल सिंह, डीएसपी शमशेर सिंह सहित तमाम पुलिस अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे.