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'किसानों को रोकने के लिए सरकार ने किया प्रतिबंधित तार का इस्तेमाल'

टोहाना के किसानों ने बताया कि जो तार सरकार ने किसानों को रोकने के लिए लगाई थी वो प्रतिबंधित है. किसानों ने बताया कि ये तार तो जानवरों के लिए भी इस्तेमाल करना मना है. लेकिन सरकार ने किसानों को पशुओं से भी बदतर समझा हुआ है.

tohana farmers protest
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Published : Nov 29, 2020, 4:13 PM IST

Updated : Nov 29, 2020, 4:20 PM IST

फतेहाबाद: तीन कृषि कानूनों को लेकर 26 और 27 नवंबर को किसानों ने दिल्ली कूच किया. वहीं किसानों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने बल का प्रयोग भी किया. किसानों को रोकने के लिए बैरिकेडस लगाए गए, वाटर कैनन चलाए गए और आंसू गैस के गोले तक छोड़े गए. लेकिन अब सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर सवाल उठने लगे हैं.

'किसानों को रोकने के लिए सरकार ने किया प्रतिबंधित तार का इस्तेमाल'

दरअसल, टोहाना के किसानों ने बताया कि जो तार सरकार ने किसानों को रोकने के लिए लगाई थी वो प्रतिबंधित है. किसानों ने बताया कि ये तार तो जानवरों के लिए भी इस्तेमाल करना मना है. लेकिन सरकार ने किसानों को पशुओं से भी बदतर समझा हुआ है.

ये भी पढे़ं- किसानों ने ठुकराया शाह का प्रस्ताव, चढ़ूनी बोले 'शर्त के साथ सरकार से कोई बात नहीं'

हरियाणा-पंजाब सीमा रेखा पर टोहाना क्षेत्र में किसानों ने इक्कठा होकर इसके विरोध में जमकर नारेबाजी की. उन्होंने मांग की है कि इस तार को लगाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए. उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर भी मामला दर्ज करने की मांग की.

इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए किसान भूपेंद्र सिंह ने कहा कि इस मामले पर मीडिया सहित अन्य सामाजिक संस्थाओं को संज्ञान लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तार को लगाने वाले व्यक्तियों पर भी मामले दर्ज होने चाहिए.

फतेहाबाद: तीन कृषि कानूनों को लेकर 26 और 27 नवंबर को किसानों ने दिल्ली कूच किया. वहीं किसानों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने बल का प्रयोग भी किया. किसानों को रोकने के लिए बैरिकेडस लगाए गए, वाटर कैनन चलाए गए और आंसू गैस के गोले तक छोड़े गए. लेकिन अब सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर सवाल उठने लगे हैं.

'किसानों को रोकने के लिए सरकार ने किया प्रतिबंधित तार का इस्तेमाल'

दरअसल, टोहाना के किसानों ने बताया कि जो तार सरकार ने किसानों को रोकने के लिए लगाई थी वो प्रतिबंधित है. किसानों ने बताया कि ये तार तो जानवरों के लिए भी इस्तेमाल करना मना है. लेकिन सरकार ने किसानों को पशुओं से भी बदतर समझा हुआ है.

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हरियाणा-पंजाब सीमा रेखा पर टोहाना क्षेत्र में किसानों ने इक्कठा होकर इसके विरोध में जमकर नारेबाजी की. उन्होंने मांग की है कि इस तार को लगाने वालों के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए. उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल पर भी मामला दर्ज करने की मांग की.

इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए किसान भूपेंद्र सिंह ने कहा कि इस मामले पर मीडिया सहित अन्य सामाजिक संस्थाओं को संज्ञान लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तार को लगाने वाले व्यक्तियों पर भी मामले दर्ज होने चाहिए.

Last Updated : Nov 29, 2020, 4:20 PM IST
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