फतेहाबाद: पाकिस्तान से भारत आए हिंदू परिवारों को अब भारतीय नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है. इसी को लेकर फतेहाबाद के रतिया इलाके में बसे पाकिस्तानी नागरिकों ने आज मिठाई बांटकर सरकार का धन्यवाद किया. खुद को पाकिस्तान का सांसद बताने वाले डिवाया राम ने मिठाई बांटी और पाकिस्तान में उन पर हुए जुल्मों की दास्तां बताई.
बेनजीर भुट्टो के राज में रिजर्व सीट पर सांसद बने थे डिवाया राम
मीडिया से बातचीत करते हुए डिवाया राम ने बताया कि बेनजीर भुट्टो के राज में उन्हें रिजर्व सीट में सांसद बनाया गया था. वह 90 दिनों तक सांसद रहे, लेकिन उनके मुसलमान न होने की वजह से उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा. उनके परिवार की बेटी को उठा लिया गया और उन पर मुसलमान धर्म अपनाने का दबाव बनाया जाने लगा. जिसके बाद मजबूर होकर उन्होंने सांसद पद छोड़ दिया.
पाकिस्तान छोड़ 19 सालों से भारत में रह रहे हैं डिवाया राम
डिवाया राम ने बताया कि उनका मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी गया, लेकिन जज ने उन्हें मुसलमान धर्म अपनाने की सलाह दी. जिसके बाद उन्होंने पाकिस्तान छोड़ दिया और 19 सालों से भारत में रह रहे हैं.
'पाकिस्तानियों से परेशान होकर भारत में बसने का किया फैसला'
डिवाया राम ने बताया कि वो अपने परिवार के साथ जनवरी 2000 में एक महीने के वीजा पर भारत आए थे. शुरुआत में रोहतक जिले के कलानौर व रोहतक शहर में रहे. वीजा समाप्त हुआ तो उन्होंने तत्कालीन रोहतक के डीसी से समक्ष पेश होकर अर्जी दी कि वह और उनका परिवार किसी भी सूरत में पाकिस्तान नहीं जाना चाहता. उस दौरान बजरंग दल व अन्य हिंदू संगठनों ने उनकी मदद की. उपायुक्त ने भी उन्हें वहां रहने की छूट दे दी. इसके बाद वे साल 2006 में रोहतक से फतेहाबाद के रतिया कस्बे के निकट गांव रतनगढ़ में आकर रहने लगे. पिछले 13 सालों से वहीं रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि वो यहां सर्दियों में मूंगफली तो गर्मियों में कुल्फी बेचकर अपने परिवार का गुजर-बसर कर रहे हैं.
नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद खुशी की लहर
बहरहाल जो भी हो संसद में नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने से डिवाया राम बहुत खुश हैं और जश्न मना रहे हैं. इससे उनको खुद और परिवार को भारत की नागरिकता की उम्मीद है. आज उन्होंने अपने साथियों के साथ पाकिस्तानी दस्तावेजों को जला दिया है. उन्होंने कहा कि आज उनका नया जन्म हुआ है.
ये भी पढ़ें: फरीदाबाद: CAB पास होने पर झूमे पाकिस्तान से आए शरणार्थी, लगाए भारत माता की जय के नारे