फतेहाबादः दिवाली के पटाखों के बाद अब पराली के धुएं से आसमान में स्मॉग बढ़ता ही जा रहा है. जिसके चलते क्षेत्र में प्रदूषण का लेवल कम होने का नाम नहीं ले रहा है. ऐसे में अब यहां की हवा लोगों को परेशान करने लगी है. सांस और दमा रोगियों की समस्या बढ़ने लगी है. बुधवार का प्रदूषण स्तर 121 था तो गुरुवार को ये आंकड़ा 25 के खतरनाक स्तर पर पहुंच गया.
148 किसानों पर FIR दर्ज
फतेहाबाद में लगातार बढ़ते प्रदूषण स्तर ने प्रशासन की भी समस्या बढ़ा दी है. जिसके चलते जिला प्रशासन भी काफी सतर्क नजर आ रहा है. यही कारण है कि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई कर मामले दर्ज रहे हैं. सरकार द्वारा धान के अवशेष यानी पराली जलाने पर रोक लगाने के बाद भी किसान पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे हैं. किसान लगातार पराली को आग के हवाले कर रहे हैं. वहीं प्रशासन द्वारा भी पराली जलाने वाले किसानों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. अभी तक कुल 148 किसानों पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
300 से ज्यादा किसानों के खिलाफ शिकायत
कृषि विभाग के हरसेक पोर्टल के अनुसार अब तक फतेहाबाद में 600 के लगभग किसान पराली जला चुके हैं. जिससे जिले का प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. कृषि विभाग के अधिकारी पराली पर आग लगाने के मामलों की रोकथाम को लेकर काम कर रहे हैं, लेकिन उतनी कामयाबी नहीं मिल पा रही है. विभाग ने सख्ती करते हुए 300 से ज्यादा किसानों के खिलाफ थाने में शिकायत दे रखी है.
धारा 144 लागू
कृषि विभाग के उपनिदेशक बलवंत सहारण ने बताया कि फतेहाबाद में धान की पराली जलाने को लेकर प्रशासन की ओर से पहले ही धारा 144 लगा दी गई है. इसके बावजूद किसान लगातार पराली को आग लगा रहे हैं. जिससे पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा था. उन्होंने कहा कि पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ धारा 144 की उल्लंघना के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत केस दर्ज किया गया है. बलवंत सहारण ने बताया कि विभाग द्वारा पराली जलाने वाले किसानों पर निगरानी रखी जा रही है.
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