फतेहाबाद: दिल्ली में पुलिस और वकीलों के बीच झगड़े की आग हरियाणा तक पहुंच चुकी है. हरियाणा के फतेहाबाद में बुधवार को रिटायर्ड पुलिस कर्मचारी संघ ने वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर लघु सचिवालय में प्रदर्शन किया और डीसी के माध्यम से देश के गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन भेजकर मांग की है कि आरोपी वकीलों के डिग्रियां जांची जाएं.
डीसी को ज्ञापन सौंपा
डीसी को ज्ञापन सौंपने के बाद मीडिया से बात करते हुए रिटायर्ड पुलिसकर्मी रामकिशन बाजिया ने कहा कि लोकतंत्र में मानव अधिकार पुलिस के पास भी हैं. बाजिया ने कहा कि दिल्ली में वकीलों ने पुलिसकर्मियों की मॉब लिंचिंग करके कानून के साथ खिलवाड़ किया है. उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकत करने वाले वकीलों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को जज बनने का अधिकार ना दिया जाए.
वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की
बाजिया ने कहा कि इस तरह के लोग बार काउंसिल ऑफ इंडिया को दबाव में लेकर मनमर्जी करते हैं और फिर इस तरह के पुलिस के साथ झगड़े के मामले सामने आते हैं. रामकिशन बाजिया ने रिटायर्ड पुलिसकर्मी संघ की ओर से देश की सभी पुलिसकर्मियों को आत्म सम्मान के रूप में इस झगड़े पर वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करके न्याय की मांग की है.
रिटायर्ड पुलिस कर्मियों ने डीसी को ज्ञापन सौंपने से पहले लघु सचिवालय में एक सभा का आयोजन किया और रिटायर्ड पुलिसकर्मी संघ के नेताओं ने पुलिस कर्मियों को संबोधित किया और वकीलों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
क्या हुआ दिल्ली में ?
बता दें, बीते 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में वकील और पुलिसकर्मियों के बीच झगड़ा हुई थी. इस झगड़े के बाद ऐसा लग रहा था कि मामला शांत हो जाएगा. लेकिन सोमवार को एक बार फिर उस समय पुलिसकर्मियों की पिटाई कर दी गई जब वह अदालत पहुंचे.
ये भी पढ़ें- बड़ी राहत: चंडीगढ़ की सेहत में सुधार, सबसे कम 88 रिकॉर्ड किया गया AQI