फतेहाबादः प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों और बच्चों की संख्या को लेकर एक सर्वेक्षण के बाद प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश में 1026 स्कूलों को बन्द करने का निर्णय ले लिया है. जहां पर भी 25 से भी कम बच्चे पढ़ रहे हैं, अब इन स्कूल के बच्चों को दूसरे स्कूलों में भेजा जाएगा. वहीं यहां के शिक्षकों को भी दूसरों स्कूलों में भेजने की योजना बनाई जा रही है. जिसको लेकर विभाग ने 31जनवरी तक पूरी रिर्पाट मांगी है.
सरकारी स्कूलों से घट रहा लोगों का रुझान - निशान सिंह
इसको लेकर सरकार का पक्ष जानने के लिए जब जेजेपी प्रदेशअध्यक्ष निशान सिंह से बात की गई तो उन्होनें कहा कि लोगों को शिक्षा और चिकित्सा देना सरकार की जिम्मेदारी है, जो सरकार दे भी रही है. पर इन सेवाओं में एक पूरी बिल्डिंग है पर वहां पर बच्चे नहीं आ रहे हैं, वहां 25 से कम बच्चे है. एक चलन है कि लोग अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में शिक्षा दिलवा रहे हैं, लोगों का रूझाान सरकारी स्कूलों से घट रहा है.
लाचार होकर सरकार ने लिया फैसला - निशान सिंह
ऐसे में सरकारी स्कूल को कैसे चलाया जाएगा. सरकार ने कम बच्चों की संख्या वाले कुछ सरकारी स्कूलों को बन्द करने का निर्णय लिया है. उन्होनें कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है बिल्डिंग और अध्यापक मुहैया करवाए. वहीं लोगों का काम है, वहां बच्चों को भेजना, पर अगर वहां बच्चे नहीं जाते तो सरकार वहां लाचार हो जाती है ऐसे में ही इसी तरह के कुछ स्कूलों को बन्द करने का निर्णय लिया गया है. जहां पर बच्चों की सख्या 25 से भी कम है.
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