फतेहाबाद: हरियाणा के जिला फतेहाबाद में पुलिस हिरासत में बीमार हुए भूना के गांव नढ़ोडी के हरपाल की मौत के बाद विवाद थम नहीं रहा है. इस मामले में पुलिस प्रशासन का कहना है कि किसी तरह का थर्ड डिग्री नहीं दिया है. वहीं, परिवार पुलिस की बात मानने के लिए तैयार नहीं है. जिसके चलते फतेहाबाद लघु सचिवालय में परिजनों ने ऐलान किया कि जब तक संबंधित पुलिस कर्मचारियों पर मामला दर्ज नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
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परिजनों ने हरपाल के शव को रोहतक पीजीआई से तीसरे दिन भी लेने से इंकार कर दिया है. परिजनों द्वारा फतेहाबाद लघु सचिवालय के बाहर हिसार एंटी नारकोटिक्स सेल के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इस धरने को किसान संगठनों ने भी समर्थन दिया है. धरना प्रदर्शन में आस-पास के गांव के भी कई लोग शामिल हुए हैं.
परिजनों ने साफ तौर पर कह दिया है कि जब तक पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं होगा, तब तक रोहतक पीजीआई में धरना जारी रखेंगे. उनका कहना है कि जन्माष्टमी के पर्व पर हिसार में कार्यक्रम होने वाला है. उस कार्यक्रम में सीएम मनोहर लाल बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे. अगर तब तक उनकी बात नहीं मानी तो वहां पर मुख्यमंत्री का भी विरोध किया जाएगा.
परिजनों ने हिसार सेल पर आरोप लगाया है कि हरपाल को रिहा करने की एवज में पुलिस कर्मचारियों द्वारा हरपाल से 15 से 20 लाख रुपये की डिमांड भी की गई थी. पैसे नहीं मिले तो उन्होंने उसे थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया. जिसकी वजह से हरपाल की मौत हो गई है. धरना स्थल पर मृतक हरपाल के बेटे आदित्य के नाम पर पोस्टर भी लगाया था, जिसपर लिखा था कि हत्यारों को गिरफ्तार करो. लोगों में रोष है कि पुलिस ने यह गलत काम किया है. जिसको लेकर अब धरने पर बैठकर इंसाफ की मांग की जा रही है.
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गौरतलब है कि फतेहाबाद के गांव नाढ़ोडी निवासी हरपाल को 2 जुलाई 2023 हिसार एंटी नारकोटिक्स सेल की टीम ने अफीम तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था. टीम का आरोप था कि हरपाल नशा तस्करी करता है. इस दौरान पुलिस कस्टडी में हरपाल की तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद पुलिस ने उसे रोहतक पीजीआई में इलाज के लिए भर्ती कराया था. जहां 31 अगस्त को उसकी मौत हो गई थी. अब परिजनों ने हरपाल का शव लेने से साफ इनकार कर दिया है. परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे के साथ बर्बरता की है. जिसके बाद वह कोमा में चला गया और उसकी मौत हो गई.