फतेहाबादः अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश व फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज बलवंत सिंह की (life imprisonment in fatehabad rape case) अदालत ने दुष्कर्म के एक मामले में दोषी को सजा सुनाई है. अदालत ने एससी-एसटी एक्ट में उम्र कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने पोक्सो ऐक्ट की धारा 4 के तहत 20 साल की कैद व 5 हजार रुपए जुर्माना भी दोषी पर लगाया है. अदालत ने दोषी को आईपीसी की धारा 363 के तहत भी सजा सुनाई गई है जिसमें 3 साल की कैद व दो हजार रुपये जुर्माने किया गया है.
जज बलवंत सिंह की अदालत ने साफ किया है कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. दुष्कर्म की ये वारदात 12 साल के अनुसूचित जाति के छात्र के साथ हुई थी. पीड़ित छात्र के रिश्तेदार की शिकायत पर 3 सितम्बर 2019 को आईपीसी की धारा 363, पोक्सो एक्ट व एससी-एसटी एक्ट में आरोपी पर मामला दर्ज किया गया था. मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके अदालत में पेश किया. अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. सजा दिलाने के लिए कोर्ट में ट्रायल चल रहा था.
पुलिस को दी शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया था कि उसका भांजा पिछले दो साल से उसके पास रह रहा है. 3 सितम्बर 2019 की शाम को वो बच्चों के साथ गली में खेल रहा था. उसे उनका पड़ोसी झंडूराम बहला-फुसला कर अपने घर ले गया. झंडूराम ने उसके साथ दुष्कर्म किया और जब उसे देखा तो वो बच्चे को छोड़ कर फरार हो गया. लगभग 3 साल के ट्रायल के बाद अदालत ने दोषी को सजा सुनाई है.