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टोहाना में अब पराली जलाने से मिलेगा छुटकारा, किसानों को जागरूक करेगा प्रशासन

हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद अधिकारी नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में पराली न जलाने को लेकर किसानों को जागरूक करने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई.

fatehabad administration awareness campaign to stop burning stubble
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Published : Nov 4, 2019, 3:21 PM IST

फतेहाबाद: हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद अधिकारी नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक बैठक का आयोजन किया गया. यह आयोजन बीडीपीओ कार्यालय में किया गया. इस बैठक में सभी अधिकारी मौजूद रहे.

पराली को लेकर जागरुक करेगा प्रशासन

इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र में लंबित पड़े विकास कार्यों में गति लाने बारे पर विचार विमर्श किया गया. इस बैठक में प्रमुख मुद्दा पर्यावरण रहा जिसमें पराली को लेकर चिंता जाहिर की गई. पराली न जलाने को लेकर किसानों को जागरूक करने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई.

टोहाना में अब पराली जलाने से मिलेगा छुटकारा, देखें वीडियो

अधिकारियों ने पर्यावरण को लेकर जाहिर की चिंता

नरेंद्र सिंह ने बताया कि पराली जलाने से वातावरण भयंकर दूषित हो चुका है. छोटे बच्चे व बूढ़े व्यक्ति की आंखों में जलन व सांस लेने में दिक्कतें आ रही हैं. अगर किसान इसी तरह पराली को आग लगाते रहे तो आने वाले समय में इसके परिणाम घातक हो सकते हैं.

ये भी जाने- अब नहीं होगा प्रदूषण! करनाल में बनेगा देश का पहला पराली से बायोगैस बनाने वाला प्लांट

इन दिनों प्रदूषण से हालात है खराब

आपको बता दें कि दिल्ली एनसीआर समेत पूरे हरियाणा दिनों प्रदूषण की सफेद चादर से ढका हुआ है. हालात इतने बुरे हैं कि अस्पताल में मरीजों की संख्या में कई गुना इजाफा हुआ है. दिल्ली में में तो एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच गया है जोकि 50 से ऊपर नहीं होना चाहिए.

प्रशासन ने उठाया सरहानीय कदम

बढ़ते प्रदूषण का कारण पराली को ही बताया जा रहा है. इसको लेकर भी पंजाब और हरियाणा सरकार पराली जलाने वाले किसानों कर कर्रवाई भी कर रही है. वहीं फतेहाबाद प्रशासन ने किसानों को जागरुक करने के लिए एक सरहानीय कदम उठाया है.

फतेहाबाद: हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद अधिकारी नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक बैठक का आयोजन किया गया. यह आयोजन बीडीपीओ कार्यालय में किया गया. इस बैठक में सभी अधिकारी मौजूद रहे.

पराली को लेकर जागरुक करेगा प्रशासन

इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र में लंबित पड़े विकास कार्यों में गति लाने बारे पर विचार विमर्श किया गया. इस बैठक में प्रमुख मुद्दा पर्यावरण रहा जिसमें पराली को लेकर चिंता जाहिर की गई. पराली न जलाने को लेकर किसानों को जागरूक करने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई.

टोहाना में अब पराली जलाने से मिलेगा छुटकारा, देखें वीडियो

अधिकारियों ने पर्यावरण को लेकर जाहिर की चिंता

नरेंद्र सिंह ने बताया कि पराली जलाने से वातावरण भयंकर दूषित हो चुका है. छोटे बच्चे व बूढ़े व्यक्ति की आंखों में जलन व सांस लेने में दिक्कतें आ रही हैं. अगर किसान इसी तरह पराली को आग लगाते रहे तो आने वाले समय में इसके परिणाम घातक हो सकते हैं.

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इन दिनों प्रदूषण से हालात है खराब

आपको बता दें कि दिल्ली एनसीआर समेत पूरे हरियाणा दिनों प्रदूषण की सफेद चादर से ढका हुआ है. हालात इतने बुरे हैं कि अस्पताल में मरीजों की संख्या में कई गुना इजाफा हुआ है. दिल्ली में में तो एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच गया है जोकि 50 से ऊपर नहीं होना चाहिए.

प्रशासन ने उठाया सरहानीय कदम

बढ़ते प्रदूषण का कारण पराली को ही बताया जा रहा है. इसको लेकर भी पंजाब और हरियाणा सरकार पराली जलाने वाले किसानों कर कर्रवाई भी कर रही है. वहीं फतेहाबाद प्रशासन ने किसानों को जागरुक करने के लिए एक सरहानीय कदम उठाया है.

Intro:टोहाना:- विधानसभा चुनाव की कशमकश के बाद अधिकारी अपने कार्यों को पटरी पर लाने के लिए जुटे हैं। इसी कड़ी में बीडीपीओ कार्यालय में अधिकारी नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक बैठक का आयोजन किया गया। Body:टोहाना:- विधानसभा चुनाव की कशमकश के बाद अधिकारी अपने कार्यों को पटरी पर लाने के लिए जुटे हैं। इसी कड़ी में बीडीपीओ कार्यालय में अधिकारी नरेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में फील्ड के कर्मचारियों के अलावा अधिकारी भी उपस्थित रहे इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र में लंबित पड़े विकास कार्यों में गति लाने बारे पर विचार विमर्श के अलावा धान की पराली को न जलाने को लेकर किसानों को जागरूक करने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटिया लगाई गई। इस दौरान बीडीपीओ नरेंद्र सिंह ने बताया कि आचार संहिता हटने के उपरांत आज कर्मचारियों से अधिकारिक रूप से बैठक की गई है। जिसमें कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी गई है ग्रामीण क्षेत्र में किसानों को पराली न जलाने बारे जागरूक करें ताकि वातावरण को दूषित होने से बचाया जा सके। पराली को आग लगाने से वातावरण भयंकर दूषित हो चुका है कि छोटे बच्चे व बूढ़े व्यक्ति कीआंखों में जलन व सांस लेने में दिक्कतें आ रही हैं अगर किसान इसी तरह पराली को आग लगाते रहे तो आने वाले समय में इसके परिणाम घातक हो सकते हैं। नरेंद्र गर्ग ने कर्मचारियों को निर्देश देते हुए कConclusion:bite1_ narender bdpo tohana
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