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अब नहीं होगा प्रदूषण! करनाल में बनेगा देश का पहला पराली से बायोगैस बनाने वाला प्लांट - cm city biogas plant

करनाल देश का पहला बायोगैस प्लांट बनने जा रहा है जिसमें पराली से गैस तैयार की जाएगी. इस गैस का प्रयोग घर से लेकर वाहन चलाने तक किया जाएगा. साथ ही किसानों को पराली का उचित दाम दिया जाएगा.

stubble compost biogas plant
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Published : Nov 3, 2019, 11:11 PM IST

करनाल: धान की कटाई के बाद बचे अवशेषों आदि से बायोगैस बनाने वाला देश का पहला संयंत्र करनाल के घरौंडा के गांव कौंड में लगाया जा रहा है. जिसका भूमि पूजन बीते 18 अक्टूबर को देश की सबसे बड़ी सीएनजी वितरक कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के प्रबंधक निर्देशक पीएस रंगनाथन ने किया.

पराली से बनेगी बायोगैस
कंपनी के अधिकारी अंकुश जैन ने बताया कि विशेष मशीनरी द्वारा धान की पराली को काट कर उसका गट्ठर बनाया जाएगा ताकि प्रणाली का पूरे साल भर के लिए भंडारण बनाया जा सके. इसी भंडारण से ये संयंत्र साल भर चलेगा. इस संयंत्र की क्षमता साल में 20 हजार एकड़ धान के खेतों की पराली को बायोगैस में बदलने की होगी.

करनाल में बनेगा बायोगैस प्लांट, देखें वीडियो

2020 तक बनकर तैयार होगा प्लांट
कंपनी इस बायोगैस का वितरण करनाल में ही करेगी. संयंत्र मई 2020 तक बनकर तैयार हो जाएगा. सतत योजना के तहत अजय बायोगैस एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड बना रही है. मुख्य कच्चा माल के तौर पर धान की पराली का इस्तेमाल किया जाएगा.

ये भी पढ़ें:-अब मंत्री-संत्री नहीं मुख्यमंत्री की रेस में कैप्टन अभिमन्यु? कार्यकर्ता संबोधन में दिए संकेत

हर साल 40 हजार टन पराली की खपत
इसकी क्षमता हर साल 40 हजार टन पराली की खपत करने की होगी. इससे तैयार बायोगैस का घर, वाहन चलाने, ट्रैक्टर और अन्य भारी मशीनों के साथ जनरेटर के लिए किया जा सकेगा. संयंत्र से प्राप्त अवशेष जैविक होंगे और इसका इस्तेमाल जैविक खेती में खाद के तौर पर किया जा सकेगा.

किसानों को मिलेगा पराली का उचित दाम

इस प्लांट के लिए विशेष मशीनरी द्वारा धान की पराली को काट कर उसका गट्ठर बनाया जाएगा. इससे किसानों को पराली का उचिद दाम मिलेगा और प्रदूषण भी नहीं होगा.

करनाल: धान की कटाई के बाद बचे अवशेषों आदि से बायोगैस बनाने वाला देश का पहला संयंत्र करनाल के घरौंडा के गांव कौंड में लगाया जा रहा है. जिसका भूमि पूजन बीते 18 अक्टूबर को देश की सबसे बड़ी सीएनजी वितरक कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के प्रबंधक निर्देशक पीएस रंगनाथन ने किया.

पराली से बनेगी बायोगैस
कंपनी के अधिकारी अंकुश जैन ने बताया कि विशेष मशीनरी द्वारा धान की पराली को काट कर उसका गट्ठर बनाया जाएगा ताकि प्रणाली का पूरे साल भर के लिए भंडारण बनाया जा सके. इसी भंडारण से ये संयंत्र साल भर चलेगा. इस संयंत्र की क्षमता साल में 20 हजार एकड़ धान के खेतों की पराली को बायोगैस में बदलने की होगी.

करनाल में बनेगा बायोगैस प्लांट, देखें वीडियो

2020 तक बनकर तैयार होगा प्लांट
कंपनी इस बायोगैस का वितरण करनाल में ही करेगी. संयंत्र मई 2020 तक बनकर तैयार हो जाएगा. सतत योजना के तहत अजय बायोगैस एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड बना रही है. मुख्य कच्चा माल के तौर पर धान की पराली का इस्तेमाल किया जाएगा.

ये भी पढ़ें:-अब मंत्री-संत्री नहीं मुख्यमंत्री की रेस में कैप्टन अभिमन्यु? कार्यकर्ता संबोधन में दिए संकेत

हर साल 40 हजार टन पराली की खपत
इसकी क्षमता हर साल 40 हजार टन पराली की खपत करने की होगी. इससे तैयार बायोगैस का घर, वाहन चलाने, ट्रैक्टर और अन्य भारी मशीनों के साथ जनरेटर के लिए किया जा सकेगा. संयंत्र से प्राप्त अवशेष जैविक होंगे और इसका इस्तेमाल जैविक खेती में खाद के तौर पर किया जा सकेगा.

किसानों को मिलेगा पराली का उचित दाम

इस प्लांट के लिए विशेष मशीनरी द्वारा धान की पराली को काट कर उसका गट्ठर बनाया जाएगा. इससे किसानों को पराली का उचिद दाम मिलेगा और प्रदूषण भी नहीं होगा.

Intro:
धान की कटाई के बाद बचे अवशेषों आदि से बायोगैस बनाने वाला देश का पहला संयंत्र लगाया जा रहा है हरियाणा के करनाल जिले में ,यह कदम किसानों द्वारा प्रणाली के अवशेषों को खेतों में जलाने की प्रवृत्ति में कमी लाने के प्रयासों के तहत उठाया गया ,इस बायोगैस का इस्तेमाल किया जा सकता है सीएनजी वाहनों में, देश की सबसे बड़ी सीएनजी वितरक कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के अधिकारी ने बताया कि उसके प्रबंधक निदेशक पीएस रंगनाथन ने 18 अक्टूबर को करनाल में संयंत्र का किया भूमिपूजन ।


Body:किसानों द्वारा धान के अवशेषों को आग लगाने पर जल्द काबू पाया जाएगा । बढ़ते पराली जलाने से हो रहे प्रदूषण पर लगाम लग सकती है । धान की कटाई के बाद बचे अवशेषों आदि से बायोगैस बनाने वाला देश का पहला संयंत्र करनाल के घरौंडा के गांव कौंड में लगाया जा रहा है जिसका भूमि पूजन बीते 18 अक्टूबर को देश की सबसे बड़ी सीएनजी वितरक कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड लिमिटेड के प्रबंधक निर्देशक पी एस रंगनाथन ने किया ।

Conclusion:
कंपनी के अधिकारी अंकुश जैन ने बताया कि विशेष मशीनरी द्वारा धान की पराली को काट कर उसका गट्ठर बनाया जाएगा ताकि प्रणाली का पूरे साल भर के लिए भंडारण बनाया जा सके और संयंत्र चलता रहे इस संयंत्र की क्षमता साल में 20 हजार एकड़ धान के खेतों की पराली को बायोगैस में बदलने की होगी ।कंपनी इस बायोगैस का वितरण करनाल में ही करेगी ।उन्होंने बताया कि संयंत्र मई 2020 तक तैयार हो जाएगा । सतत योजना के तहत अजय बायोगैस एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड बना रही है । उन्होंने अपने बयान में कहा कि संयंत्र के हर दिन अधिकतम 10 किलोग्राम बायोगैस का उत्पादन होगा । मुख्य कच्चा माल के तौर पर धान की पराली का इस्तेमाल होगा ।इसकी क्षमता हर साल 40 हजार टन पराली की खपत करने की होगी । इससे तैयार बायोगैस का इस्तेमाल ट्रैक्टर वह अन्य भारी मशीनों के साथ जनरेटर के लिए किया जा सकता है । संयंत्र से प्राप्त अवशेष जैविक होंगे और इसका इस्तेमाल जैविक खेती के बाद खाद के तौर पर किया जा सकेगा ।

बाइट - अंकुश जैन - मैनेजर इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड
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