फतेहाबाद: पंजाब के साथ हरियाणा में बढ़ते नशे के कारोबार की वजह से दोनों राज्यों के हजारों परिवार बर्बाद होने की कगार पर हैं. नशे को रोकने के जितने दावे सरकार और प्रशासन करते हैं. उससे कहीं ज्यादा नशा युवाओं की रगों में फैल रहा है.
नशा युवाओं को दीमक की तरह खोखला कर रहा है
हैरानी की बात ये है कि 16-24 उम्र के युवा इसकी चपेट में हैं. नशा प्रदेश के युवाओं को धीरे-धीरे दीमक की तरह खोखला कर रहा है. पहले नशा 25 साल के युवाओं में ज्यादा फैल रहा था. लेकिन अब स्थिति भयावह है. अब धीरे-धीरे नशे का ट्रेंड बदल रहा है. छोटी उम्र में बच्चे अब नशे का शिकार हो रहे हैं.
हंसते-खेलते घर नशे से हो रहे हैं बर्बाद
नशे के एक मरीज ने बताया कि दो साल पहले ही उसने नशा लेना शुरू किया था. वो कब नशे का आदी हो गया खुद उसे भी नहीं पता. साल 2017 में उन्होंने दोस्तों के साथ चिट्टा लेना शुरू किया था, और अब हालत ये है कि उनका हंसता खेलता परिवार, बर्बाद होने से बच गया.
मरीज ने बेरोजगारी को बताया नशे की बड़ी वजह
एक और मरीज ने ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत के दौरान बताया कि वो 5 साल से चिट्टे का सेवन कर रहा है. मरीज ने इसका दोषी गलत संगत को बताया. मरीज ने बताया कि उसके पास इंजीनियर की डिग्री है. उसके बाद भी उसे कोई रोजगार नहीं मिला. जिसकी वजह से वो परेशान रहने लगा और गलत संगत में फंस गया. नतीजा ये हुआ कि आज वो अपने किए पर पछतावा कर रहा है.
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कब लगेगी नशे पर लगाम ?
नशे की वजह से हंसते खेलते परिवार उजड़ रहे हैं. ना जानें कितने परिवार नशे की वजह से उजड़ चुके हैं और कितने उजड़ने की कगार पर हैं. कुछ परिवार ऐसे भी हैं जो बर्बाद होने से बच गए. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि युवाओं को दीमक की तरह खोखला करते इस नशे पर लगाम कब लगेगी.