फतेहाबाद: जिले में पराली जलाने वाले किसानों को लेकर जिला प्रशासन सख्त हो गया है. जिला प्रशासन ने पराली जलाने वाले किसानों पर एकाएक बड़ा कदम उठाते हुए जिले भर में कई किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के आदेश दे दिए हैं.
- पराली जलाने वाले 115 किसानों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश
- फतेहाबाद में अब तक 490 किसानों द्वारा पराली जलाने के मामले सामने आ चुके है
- प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक पराली जलाने से जिले की हवा खराब हो गई है
- अगर एक दो दिनों तक ऐसा ही मौसम रहा तो हालात और भी बदतर हो सकते हैं
एक साल की कैद और जुर्माने का है प्रावधान
कृषि विभाग ने जिले भर के किसानों के खिलाफ भादंसं की धारा 188 के तहत केस दर्ज किया जाएगा. इस धारा के तहत आरोपी अगर दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें एक साल की सजा व जुर्माने की सजा सुनाई जा सकती है.
एनजीटी के आदेशों की उल्लंघना में ये है जुर्माने का प्रावधान
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों के अनुसार पराली को आग लगाने से पर्यावरण दूषित होता है. जिससे जहरीला धुंआ मानव शरीर को नुक्सान पहुंचाता है. एनजीटी ने सरकार को आदेश दिए हैं कि 2 एकड़ पराली जलाने वाले किसान को 25 सौ रुपये, पांच एकड़ में 5 हजार एवं पांच एकड़ से अधिक जमीन में पराली जलाने पर प्रति घटना 15 हजार रुपये वसूल किए जाएं.
जिला स्तर पर बनाई गई टीमें
इस बार सरकार की ओर से पूरी सख्ती के आदेश हैं. जिलास्तर पर 20 टीमें बनाई गई हैं जिनमें एडीओ, ग्राम सचिव, पटवारी एवं पुलिस शामिल है. ये टीमें मौके पर ही दोषी किसानों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है.
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