टोहाना: जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली और किसानों के विवाद (Devender babli and farners dispute) मामले में किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने संघर्ष विराम की घोषणा कर दी है. किसान नेता राकेश टिकैत ने जानकारी दी कि जेल में बंद हमारे सभी नेताओं को छोड़ दिया गया है. ऐसे में अब टोहाना में किसानों का संघर्ष खत्म हो गया है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि रविवार रात को ही दो किसान नेताओं को जेल से छोड़ दिया गया था. सोमवार की बातचीत में तीसरे किसान मक्खन सिंह के ऊपर लगी धाराएं हटा दी गई हैं और उनकी जमानत को भी मंजूरी मिल गई है. इसके साथ-साथ रवि आजाद (Ravi aazad) और विकास (Vikas) जिनको कल रात को छोड़ा गया था, उनके ऊपर भी दायर किए गए सभी मुकदमे वापस लेने पर सहमति बन गई है.
किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि टोहाना में देवेंद्र बबली और किसानों के बीच हुए विवाद में हमारे किसानों को जेल भेज दिया गया था. जिसके बाद किसानों का संघर्ष चला और वो आज सफल हुए. किसानों के ऊपर से गंभीर धाराएं हटा ली गई हैं.
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उन्होंने बताया कि दो नेताओं को छोड़ दिया गया है, वहीं तीसरे नेता को भी जमानत मिल जाएगी. अब टोहाना की लड़ाई खत्म और दिल्ली में हमारी असली लड़ाई जारी रहेगी. पूरे देश भर में तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन चलते रहेंगे.
क्यों हुआ था किसानों पर मुकदमा दर्ज?
बता दें कि, जेजेपी विधायक देवेंद्र सिंह बबली 1 जून, मंगलवार को टोहाना के नागरिक अस्पताल जा रहे थे. जैसे ही किसानों को विधायक देवेंद्र बबली की नागरिक अस्पताल आने की सूचना मिली सैकड़ों की संख्या में किसान अस्पताल के बाहर पहुंच गए और विधायक का विरोध करने लगे.
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इस दौरान एक किसान ने विधायक की गाड़ी का शीशा तक फोड़ दिया. जिसके बाद जेजेपी विधायक देवेंद्र सिंह बबली और किसानों के बीच गाली-गलौच (Devender Babli Abused) वाली स्थिति बन गई थी. इस घटना के बाद तीन किसान नेताओं को टोहाना पुलिस की ओर से गिरफ्तार किया गया था. दोनों किसानों की गिरफ्तारी (Tohana Farmers Leaders Arrested) के बाद किसान नेता राकेश टिकैत सहित कई किसान नेताओं ने टोहाना में ही धरना शुरू कर दिया है.