फतेहाबाद: कृषि बिल को लेकर बवाल अभी थमा नहीं है. किसान और आढ़ती तो इसका विरोध कर रहे हैं साथ ही विपक्षी पार्टियां भी इस बिल के खिलाफ मोर्चा खोल रही है. इस बिल पर राजनीति साफ देखी जा सकती है. अब इस कृषि बिल को लेकर मंगलवार से आम आदमी पार्टी ने विरोध करना शुरू कर दिया है.
कृषि बिल के खिलाफ सड़कों पर उतरी आप
इस बिल के विरोध में सड़कों पर उतरी आम आदमी पार्टी के चार जिलों के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. इसमें सिरसा, फतेहाबाद, हिसार और जींद जिले हैं, जहां आप कार्यकर्ता सड़क पर उतरे. इसके बाद नारेबाजी करते हुए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता लघु सचिवालय पहुंचे. पुलिस कर्मियों द्वारा लघु सचिवालय का गेट बंद करने को लेकर भड़के आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लघु सचिवालय के गेट पर ही धरना दे दिया.
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना था कि वो लघु सचिवालय के अंदर जाकर डीसी को ज्ञापन सौंपेंगे, लेकिन पुलिस कर्मचारियों के द्वारा लघु सचिवालय के गेट बंद कर दिए गए हैं. इसके बाद आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता लघु सचिवालय के गेट के बाहर ही धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की. मौके पर पहुंचे सीटीएम अनुभव मेहता ने आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं से कृषि बिल के विरोध में ज्ञापन लिया.
आप के जिला प्रधान अजय सिंह ने बताया कि आज कृषि बिल के विरोध में आप के पश्चिम जोन के चार जिलों के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा है. उनकी मांग है कि कृषि बिल किसान विरोधी है, इसलिए इसे वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा उनके साथ गलत बर्ताव किया गया और उन्हें ज्ञापन सौंपने के लिए अंदर नहीं जाने दिया गया, वे इसकी घोर निंदा करते हैं.
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गौरतलब है कि कृषि बिल के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. इस बिल के विरोध में भारतीय किसान यूनियन ने 25 सितंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. इसके अलावा बताया जा रहा है कि बीजेपी के कुछ विधायक भी इस बिल के खिलाफ हैं. इस बिल को लेकर लड़ाई आगे अभी और जारी है. ये बिल संसद के दोनों सदनों से तो पास हो गया है, लेकिन अभी इस बिल को राष्ट्रपति के पास जाना बाकी है. इसलिए विपक्ष लगातार राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंप रहा है.