फरीदाबाद: जिले के 26 गांवों को नगर निगम में शामिल किए जाने का विरोध लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. इसको लेकर जहां पंच, सरपंच और ग्रामीण लगातार नेताओं को ज्ञापन सौंप रहे हैं और गुहार लगा रहे हैं कि इन गांवों को निगम में शामिल नहीं किया जाना चाहिए.
इसी के चलते शनिवार को पृथला के पूर्व विधायक पंडित टेकचंद शर्मा को ग्रामीणों ने खून से लिखा हुआ ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि वो इसमें ग्रामीणों की मदद करें और इन गांवों को निगम क्षेत्र में जाने से रोके. वहीं पूर्व विधायक टेकचंद शर्मा ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया है कि वह जल्द ही होम मिनिस्टर और चीफ मिनिस्टर से मिलकर उनसे इन गांवों के बारे में बात करेंगे.
ग्रामीणों ने बताया कि इन गांवों के पास पंचायत का करोड़ों रुपया है. जिसको नगर निगम हड़पना चाहता है और यहां की जमीन पर भी निगम की नजर है. जबकि जो गांव पहले नगर निगम में गए हैं. उनको आज तक कोई सुविधा निगम ने उपलब्ध नहीं कराई. वो सभी गांव आज जर्जर अवस्था में पड़े हुए हैं. तो फिर ऐसे में उन गांवों को नगर निगम में लेने की क्या जरूरत है जो पहले से ही विकसित हैं और लगातार पंचायत वहां पर विकास कार्य करवा रही है.
ग्रामीणों का आरोप है कि निगम कंगाली की अवस्था में पहुंच चुका है और वो किसी भी कीमत पर अपने गांवों को नगर निगम में शामिल नहीं होने देंगे. आज इसी को लेकर उन्होंने खून से लिखा हुआ ज्ञापन पूर्व विधायक पंडित टेकचंद शर्मा को सौंपा है कि वे उनकी इस में मदद करें.
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वहीं इस मामले में जब पृथला के पूर्व विधायक पंडित टेकचंद शर्मा से बात की गई तो उनका कहना है कि ये बड़ा ही हृदय विदारक मामला है कि ग्रामीण अपने खून से लिखा हुआ पत्र व ज्ञापन उनको सौंपे हैं. उन्होंने बताया कि गांव के पास सैकड़ों एकड़ जमीन ऑन रोड पड़ी हुई है और करोड़ों रुपया पंचायतों के पास है. वो पहले से ही अपना विकास अच्छे से कर रहे हैं. तो फिर ऐसे में कोई जरूरत नहीं होती की इन गांवों को नगर निगम में शामिल किया जाए.
शर्मा ने बताया कि इसको लेकर भी पहले भी वो मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिल चुके हैं, लेकिन बुधवार को वे दोबारा मंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात करेंगे और उनसे गुहार लगाएंगे कि इन गांवों को नगर निगम में शामिल ना किया जाए.