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फरीदाबाद जिला शिक्षा कार्यालय में 10 साल बाद खुले कमरे और फिर हुआ कुछ ऐसा - फरीदाबाद किताब चुहे कुतर गए

फरीदाबाद शिक्षा विभाग कार्यालय के बंद कमरों में किताबों के बंडल, कुर्सी,और मेज एक दशक से बंद पड़े थे. वर्तमान शिक्षा अधिकारी ने जब इन कमरों को खुलवाया तो हैरान रह गई. कई बंडल किताबों को चुहों ने कुतर दिया था.

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फरीदाबा: जिला शिक्षा कार्यालय में 10 साल के बाद खुले कमरों ने पूरे विभाग में हड़कंप मचा दिया
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Published : Mar 20, 2021, 12:50 PM IST

Updated : Mar 20, 2021, 1:41 PM IST

फरीदाबाद: जिला शिक्षा कार्यालय में एक दशक से अधिकारियों की लापरवाही की पोल खुली है. 10 साल पहले जिला लाइब्रेरी के लिए मंगाई गईं किताबों के बंडल, कुर्सी, मेज एक कमरे में बंद कर दिए गए और आज तक उन्हें नहीं खोला गया.

चुहों ने कुतर दिए किताब

इस दौरान किताबों के साथ सारा सामान चूहों ने कुतर दिया, लेकिन किसी अधिकारी ने बंद कमरों की तरफ ध्यान नहीं दिया. वर्तमान शिक्षा अधिकारी ने इन कमरों को खुलवाया तो पता चला कि लाखों रुपये खर्च कर जिन कामों के लिए ये सामना मंगवाया गया था, उनका इस्तेमाल ही नहीं किया गया, न ही उन्हें सही जगह पहुंचाया गया.

10 साल के बाद खुले कमरों ने पूरे विभाग में हड़कंप मचा दिया, देखिए वीडियो

ये भी पढ़ें- गोहाना की अनाज मंडी में कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का प्रदर्शन

स्कूलों में पहुंचाया जाएगा सामान

शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी का कहना है कि हैरानी की बात है कि जो सामान स्कूलों में होना चाहिए, वह कमरों में बंद है. इस मुद्दे को एनबीटी पहले भी उठा चुका है, तब भी अफसरों ने ध्यान नहीं दिया. अब एक कमरे को खोला गया तो उसमें मेज, कुर्सी और किताब है. अभी एक कमरे को और खोलना है. उसमें भी सामान रखा हुआ है. यह सामान जरूरत के मुताबिक स्कूलों में पहुंचाया जाएगा. किताबें लाइब्रेरी में रखवाई जाएंगी.

ये भी पढ़ें- फतेहाबाद के विधायक दुडा राम ने कोरोना वैक्सीन लगवाई

लापरवाही और चोरी की होगी जांच

रितु चौधरी ने कहा कि आज तक किसी भी अधिकारी ने इन कमरों को खोलने की जहमत नहीं उठाई. वहीं ये भी पता चला है कि कुछ पुराने अधिकारी और कर्मचारी कमरों में से सामान निकाल कर अपने घर ले गए. इसकी जांच भी की जाएगी.

ये भी पढ़ें: नूंह: जीजा को जेसीबी से कुचल कर मारने वाला मुख्य आरोपी गिरफ्तार

फरीदाबाद: जिला शिक्षा कार्यालय में एक दशक से अधिकारियों की लापरवाही की पोल खुली है. 10 साल पहले जिला लाइब्रेरी के लिए मंगाई गईं किताबों के बंडल, कुर्सी, मेज एक कमरे में बंद कर दिए गए और आज तक उन्हें नहीं खोला गया.

चुहों ने कुतर दिए किताब

इस दौरान किताबों के साथ सारा सामान चूहों ने कुतर दिया, लेकिन किसी अधिकारी ने बंद कमरों की तरफ ध्यान नहीं दिया. वर्तमान शिक्षा अधिकारी ने इन कमरों को खुलवाया तो पता चला कि लाखों रुपये खर्च कर जिन कामों के लिए ये सामना मंगवाया गया था, उनका इस्तेमाल ही नहीं किया गया, न ही उन्हें सही जगह पहुंचाया गया.

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स्कूलों में पहुंचाया जाएगा सामान

शिक्षा अधिकारी रितु चौधरी का कहना है कि हैरानी की बात है कि जो सामान स्कूलों में होना चाहिए, वह कमरों में बंद है. इस मुद्दे को एनबीटी पहले भी उठा चुका है, तब भी अफसरों ने ध्यान नहीं दिया. अब एक कमरे को खोला गया तो उसमें मेज, कुर्सी और किताब है. अभी एक कमरे को और खोलना है. उसमें भी सामान रखा हुआ है. यह सामान जरूरत के मुताबिक स्कूलों में पहुंचाया जाएगा. किताबें लाइब्रेरी में रखवाई जाएंगी.

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लापरवाही और चोरी की होगी जांच

रितु चौधरी ने कहा कि आज तक किसी भी अधिकारी ने इन कमरों को खोलने की जहमत नहीं उठाई. वहीं ये भी पता चला है कि कुछ पुराने अधिकारी और कर्मचारी कमरों में से सामान निकाल कर अपने घर ले गए. इसकी जांच भी की जाएगी.

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Last Updated : Mar 20, 2021, 1:41 PM IST
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