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जोर शोर से चल रही सूरजकुंड मेले की तैयारियां, जानिए इस बार क्या रहेगा खास - Surajkund Mela 2022 dates

सूरजकुंड की पहाड़ियां एक बार फिर से अपनी रौनक दिखाने के लिए फिर से तैयार हो रही हैं. आगामी फरवरी के महीने में 35वें अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का आयोजन होना (Surajkund Mela Faridabad 2022) है. इसके लिए अरावली की पहाड़ियों में जोरों से तैयारियां चल रही हैं.

Surajkund Mela Faridabad 2022
Surajkund Mela Faridabad 2022
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Published : Dec 1, 2021, 6:18 PM IST

फरीदाबाद: कोरोना के चलते पिछले 2 सालों से अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का आयोजन नहीं हुआ था, लेकिन इस बार आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध 35वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेले (Surajkund Mela Faridabad 2022) की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का आयोजन फरवरी 2022 में किया जाएगा. इसके लिए अरावली की पहाड़ियों में मौजूद सूरजकुंड में तैयारियां जोरों से चल रही हैं. ये मेला 4 फरवरी से शुरू होने जा रहा है जो 20 फरवरी तक चलेगा.

मेले के आयोजन से पहले बहुत बड़ी तैयारियां प्रशासन को करनी है क्योंकि दो साल से मेला न लगने के कारण मेले का परिसर पूरी तरह से खराब हो चुका है. मेले में बनी सभी दुकानें पूरी तरह से बेकार हो चुकी हैं. अब ऐसे में मेला प्रबंधन सभी दुकानों को दोबारा से बनाने का काम कर रहा है. सूरजकुंड मेले में इस बार करीब 1200 दुकानें तैयार की जा रही हैं. इन दुकानों को तैयार करने के लिए सैकड़ों की संख्या में मजदूर काम कर रहे हैं. सूरजकुंड मेले में दुकानों को तैयार करने से लेकर दीवारों की लिपाई तक का काम हरियाणवी ढंग से किया जा रहा है. दुकानों को लकड़ी बांस, बल्ली और फूंस की सहायता से तैयार किया जा रहा है.

जोर शोर से चल रही है सूरजकुंड मेले की तैयारियां, 23 देशों के शिल्पकार लेंगे हिस्सा

दुकानों को मजबूत छत देने के लिए बांस बल्ली लगाए जा रहे हैं. सूरजकुंड मेले की यही सबसे बड़ी खासियत होती है कि इसमें बनने वाली सभी दुकानों को बिल्कुल हरियाणवी ढंग से बनाया जाता है. सूरजकुंड मेले की दीवारों की लिपाई गोबर और मिट्टी से की जाती है. ऐसे में पिछले 25 सालों से इस मेले की लिपाई का काम एक महिला ग्रुप के द्वारा किया जा रहा है. ये महिला ग्रुप पिछले महीने से लगातार मेले की दीवारों की लिपाई का काम कर रहा है.

एक ओर जहां सूरजकुंड मेले की तैयारियों का काम जोरों से चल रहा हैं. वहीं दूसरी ओर फरीदाबाद के लोगों को भी सूरजकुंड मेले के लगने का बेसब्री से इंतजार है. लोगों ने बताया कि वह हर बार मेला देखने के लिए आते हैं. उनको यहां पर बेहद अच्छा लगता है, लेकिन पिछली बार मेला नहीं लग पाया था. इस वजह से अबकी बार लगने वाले मेले का वे बेसब्री के साथ इंतजार कर रहे हैं. मेले में होने वाले कार्यक्रमों का आयोजन उनको बेहद अच्छे लगते हैं और वे चाहते हैं कि ठीक उसी अंदाज से मेला लगाया जाए जिस अंदाज से पहले लगाया जाता था.

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद में अंत्योदय मेले का कैबिनेट मंत्री ने किया शुभारंभ, कांग्रेस विधायक ने फर्जी लाभार्थी शामिल करने का लगाया आरोप

35वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में इस बार कंट्री पार्टनर के तौर पर ब्रिटेन शामिल होगा तो वहीं जम्मू-कश्मीर मेले का स्टेट थीम होगा. 21 साल बाद जम्मू-कश्मीर को दोबारा से मेले का स्टेट थीम बनाया जा रहा है. सूरजकुंड मेला प्रबंधन को अभी तक 23 देशों ने मेले में भागीदारी करने की अपनी स्वीकृति भेज दी है. मेला देखने के लिए दिल्ली, गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, हरियाणा के अन्य जिलों सहित देश-विदेश से लाखों लोग आते हैं.

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फरीदाबाद: कोरोना के चलते पिछले 2 सालों से अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले का आयोजन नहीं हुआ था, लेकिन इस बार आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध 35वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड क्राफ्ट मेले (Surajkund Mela Faridabad 2022) की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का आयोजन फरवरी 2022 में किया जाएगा. इसके लिए अरावली की पहाड़ियों में मौजूद सूरजकुंड में तैयारियां जोरों से चल रही हैं. ये मेला 4 फरवरी से शुरू होने जा रहा है जो 20 फरवरी तक चलेगा.

मेले के आयोजन से पहले बहुत बड़ी तैयारियां प्रशासन को करनी है क्योंकि दो साल से मेला न लगने के कारण मेले का परिसर पूरी तरह से खराब हो चुका है. मेले में बनी सभी दुकानें पूरी तरह से बेकार हो चुकी हैं. अब ऐसे में मेला प्रबंधन सभी दुकानों को दोबारा से बनाने का काम कर रहा है. सूरजकुंड मेले में इस बार करीब 1200 दुकानें तैयार की जा रही हैं. इन दुकानों को तैयार करने के लिए सैकड़ों की संख्या में मजदूर काम कर रहे हैं. सूरजकुंड मेले में दुकानों को तैयार करने से लेकर दीवारों की लिपाई तक का काम हरियाणवी ढंग से किया जा रहा है. दुकानों को लकड़ी बांस, बल्ली और फूंस की सहायता से तैयार किया जा रहा है.

जोर शोर से चल रही है सूरजकुंड मेले की तैयारियां, 23 देशों के शिल्पकार लेंगे हिस्सा

दुकानों को मजबूत छत देने के लिए बांस बल्ली लगाए जा रहे हैं. सूरजकुंड मेले की यही सबसे बड़ी खासियत होती है कि इसमें बनने वाली सभी दुकानों को बिल्कुल हरियाणवी ढंग से बनाया जाता है. सूरजकुंड मेले की दीवारों की लिपाई गोबर और मिट्टी से की जाती है. ऐसे में पिछले 25 सालों से इस मेले की लिपाई का काम एक महिला ग्रुप के द्वारा किया जा रहा है. ये महिला ग्रुप पिछले महीने से लगातार मेले की दीवारों की लिपाई का काम कर रहा है.

एक ओर जहां सूरजकुंड मेले की तैयारियों का काम जोरों से चल रहा हैं. वहीं दूसरी ओर फरीदाबाद के लोगों को भी सूरजकुंड मेले के लगने का बेसब्री से इंतजार है. लोगों ने बताया कि वह हर बार मेला देखने के लिए आते हैं. उनको यहां पर बेहद अच्छा लगता है, लेकिन पिछली बार मेला नहीं लग पाया था. इस वजह से अबकी बार लगने वाले मेले का वे बेसब्री के साथ इंतजार कर रहे हैं. मेले में होने वाले कार्यक्रमों का आयोजन उनको बेहद अच्छे लगते हैं और वे चाहते हैं कि ठीक उसी अंदाज से मेला लगाया जाए जिस अंदाज से पहले लगाया जाता था.

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35वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में इस बार कंट्री पार्टनर के तौर पर ब्रिटेन शामिल होगा तो वहीं जम्मू-कश्मीर मेले का स्टेट थीम होगा. 21 साल बाद जम्मू-कश्मीर को दोबारा से मेले का स्टेट थीम बनाया जा रहा है. सूरजकुंड मेला प्रबंधन को अभी तक 23 देशों ने मेले में भागीदारी करने की अपनी स्वीकृति भेज दी है. मेला देखने के लिए दिल्ली, गुरुग्राम, गाजियाबाद, नोएडा, हरियाणा के अन्य जिलों सहित देश-विदेश से लाखों लोग आते हैं.

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